अपराध के जाल से निपटने और लोगों को इससे जागरूक करने के लिए पुलिस महकमे ने बड़े स्तर पर तैयारी शुरू की है। राज्य स्तर पर साइबर अपराधियों पर नकेल कसने के लिए आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) को नोडल बनाया गया है। यहां साइबर कंट्रोल सेंटर या साइबर कंट्रोल यूनिट के साथ ही, सोशल मीडिया मॉनिटरिंग यूनिट, कॉल सेंटर और ऐसे मामलों की पड़ताल के लिए फॉरेंसिक लैब स्थापित की गई है। प्रत्येक इकाई का प्रमुख एक-एक डीएसपी को बनाया गया है। लोगों को जागरूक करने के लिए सोशल मीडिया यूनिट पोस्टर समेत जागरूकता वाले संदेश ट्विटर, फेसबुक समेत सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर निरंतर प्रसारित करते रहते हैं। साइबर यूनिट में विशेषज्ञों की पूरी टीम है। इसमें कंप्यूटर प्रोग्रामर, साइबर एक्सपर्ट समेत अन्य विशेषज्ञ मौजूद हैं। इनमें विशेष तौर से साइबर प्रशिक्षित तीन दारोगा, दो इंस्पेक्टर और एक डीएसपी रैंक के पदाधिकारी भी हैं। इसके अलावा 24 घंटे काम करने वाले कॉल सेंटर में करीब 140 सिपाही कार्यरत हैं, जिन्हें कॉल रिसीव करने, बात करने, सलाह देने से लेकर मामला दर्ज कराने तक का प्रशिक्षण दिया गया है।
