राज्य सरकार जिलों में मॉडल स्कूल को आवासीय विद्यालय की तर्ज पर विकसित करेगी। इसके लिए शिक्षा विभाग व्यापक कार्ययोजना बना रहा है। यही नहीं यह श्रेष्ठ स्कूलों का समेकित रूप होगा। यहां 60 लड़के व 60 लड़कियों का चयन हर साल किया जाएगा। इसमें उनके रहने, खाने-पीने के साथ-साथ बेहतर अध्यनन की व्यवस्था की जाएगी। यही नहीं उन्हें पठन-पाठन से इतर भी कई अन्य चीजें सिखलायी जाएंगी। शिक्षा विभाग इन स्कूलों को देश के टॉप विद्यालयों में शुमार करने की योजना बना रहा है। राज्य सरकार ने जिला मॉडल स्कूल की योजना को और विस्तार दिया है। पहले इन्हें सिमुलतला आवासीय विद्यालय की तर्ज पर खोलना था। लेकिन, अब जिला मॉडल स्कूल सिमुलतला, नेतरहाट और नवोदय विद्यालय का समेकित रूप होगा जो गुरुकुल की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। इन तीनों विद्यालयों की अच्छी-अच्छी चीजों को जिला मॉडल स्कूल की स्थापना में उपयोग किया जाएगा। सिमुलतला, नेतरहाट और नवोदय अपने-अपने क्षेत्र के श्रेष्ठ विद्यालयों में गिने जाते हैं। पहले चरण में प्रमंडलीय मुख्यालयों में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने जिला मॉडल विद्यालय को लेकर उच्चस्तरीय बैठक की। इसमें निर्णय लिया गया कि पहले चरण में सभी प्रमंडलों में इनकी स्थापना की जाएगी। प्रमंडलीय मुख्यालय के सबसे बेहतर विद्यालय का चयन किया जाएगा। बाद में इसका विस्तार किया जाए। कैसे बनेंगे मॉडल स्कूल विद्यालय पूरी तरह गुरूकुल शिक्षा प्रणाली की तर्ज पर होगा। हर जिले में एक-एक विद्यालय का चयन मॉडल विद्यालय के लिए किया जाएगा। इनमें जिले के एक सबसे बेहतर विद्यालय का चयन किया जाएगा। इसकी प्रक्रिया शुरू हो गयी है। पिछले दिनों अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने इसको लेकर उच्चस्तरीय बैठक भी की थी। चयनित विद्यालय में आधारभूत संरचना के विकास की कार्ययोजना बनाकर आगे का काम होगा। ● सभी जिलों के बेहतरीन स्कूलों में से एक का चयन इस मॉडल स्कूल के लिए होगा नेतरहाट के पुराने शिक्षक करेंगे इस योजना में मदद जिला मॉडल स्कूलों की स्थापना में नेतरहाट के पुराने शिक्षकों की मदद ली जाएगी। विद्यालय में साहचर्य की शिक्षा भी दी जाएगी। शिक्षकों का चयन बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से ही किया जाएगा।