जिला में 78 एम्बुलेन्स का संचालन एनजीओ के माध्यम से होता है। हाल ही में राज्य स्वास्थ्य समिति से जिला को 54 नया एम्बुलेन्स मिला है। जिसमें 24 में एडवांस टेक्नोलॉजी है। 30 में ऑक्सीजन व एनलाइजर की सुविधा है। पुराने 24 में कहने को ऑक्सीजन एनलाइजर व ब्लड प्रेशर जांच मशीन की सुविधा बताई जाती है। मगर अधिकांश में ऑक्सीजन का छोटा सिलेंडर है। अधिकांश का एनलाइजर खराब है। ब्लड प्रेशर मशीन भी खराब है। बस यह एम्बुलेन्स लोकल में ही चलाया जाता है। हायर सेंटर इस एम्बुलेन्स के ड्राइवर नहीं जाते हैं। जानकर बताते हैं कि इस पुराने एम्बुलेन्स में कई प्रकार की इमरजेंसी दवा भी नहीं रहती है। बताया जाता है कि सभी एम्बुलेन्स पर टेक्नीशियन को रखा गया है। मगर आज तक इस बात की जांच नहीं की गयी कि टेक्नीशियन की डिग्री सही भी है कि नहीं। ओर न सिविल सर्जन के द्वारा जांच किया गया कि एम्बुलेन्स मेंबिहार सरकार के द्वारा जारी मानक दवा व उपकरण है या नहीं। बताते हैं कि एम्बुलेन्स के ड्राइवर के पास व्यवसायिक ड्राइवरी लाइसेंस होना चाहिए। मगर इसकी भी जांच नहीं की गई है। सिविल सर्जन डॉ. अंजनी कुमार के अनुसार हर हाल में मानक के अनुसार एम्बुलेन्स का संचालन होना है।
