जिले से होकर गुजरनेवाली सिकरहना तटबंध का जीर्णोद्धार ठंडे बस्ते में है। जब से तटबंध का निर्माण हुआ तब से आज तक इसका जीर्णोद्धार नहीं हो सका है। वर्षों पुराने इस तटबंध की मरम्मत के लिए सिकरहना बाढ़ प्रमंडल मोतिहारी के द्वारा 29 अरब रुपए का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है। इसके तहत बेतिया से होते हुए पूर्वी चंपारण से खगड़िया तक जीर्णोद्धार किए जाने का प्रस्ताव है। कई बार भेजे गए प्रस्ताव के बावजूद अब तक इसके जीर्णोद्धार के लिए प्रस्ताव की स्वीकृति नहीं दिए जाने से अधिक बाढ़ की स्थिति में खतरा बढ़ सकता है। 163 किमी लंबा है सिकरहना तटबंध जिले से होकर गुजर रहा सिकरहना तटबंध की लंबाई 163 किलोमीटर है। इसमें सिकरहना का बायां तटबंध 77 किमी है। जो चिरैया के राघोपुर से मेहसी के गालिम पुर तक है। सिकरहना का दायां तटबंध 52 किलोमीटर लंबा है। जो पिपरा के वाटगंज से मेहसी के सेमरा तक है। सिकरहना का दायां तटबंध 22 किमी लंबा है जो मोतिहारी ब्लॉक के कटहां से मोतिहारी के बरदहा तक है। इसके अलावा तियर सिकरहना सिझुआ लूप बांध 12 किमी है जो चिरैया के सरौगढ़ से पटजिलवा तक है। कार्यपालक अभियंता ई दिनेश कुमार सिंह यादव ने बताया कि सिकरहना तटबंध के जीर्णोद्धार का प्रस्ताव भेजा गया है। इसकी स्वीकृति मिलने के बाद इस मामले में अग्रतर प्रक्रिया शुरू की जायेगी।