पीपराकोठी केविके के एग्रो एडवाइजरी ने अगले तीन दिनों का मौसम पूर्वानुमान जारी किया है। मौसम वैज्ञानिक डॉ.नेहा पारेख ने बताया कि मौसम।आकलन के अनुसार पिछले तीन दिनों का औसत अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान क्रमश 30.9 एवं 14.1 डिग्री सेल्सियस रहा। औसत सापेक्ष आर्द्रता 91 प्रतिशत सुबह में एवं दोपहर में 44 प्रतिशत, हवा की औसत गति 43 कि०मी० प्रति घंटा एवं दैनिक वाप्पन 4.6 मिमी0 तथा सूर्य प्रकाश अवधि औसतन 8.5 घन्टा प्रति दिन रिकार्ड किया गया तथा 5 से०मी० की गहराई पर भूमि का औसत तापमान सुबह में 18.6 एवं दोपहर में 35.8 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। इस अवधि में मौसम शुष्क रहा। बताया कि 8-12 मार्च, 2023 तक के मौसम पूर्वानुमान के अनुसार पूर्वानुमानित की अवधि में आसमान में हल्के से मध्यम गरज वाले बादल बन सकते है। हालांकि सभी जिलों में मौसम के शुष्क रहने की सम्भावना है। इस अवधि में अधिकतम तापमान 32 से 34 डिग्री सेल्सियस तथा न्यूनतम तापमान 17 से 19 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है। पूर्वानुमानित अवधि में औसतन 8-12 कि०मी० प्रति घंटा की रफ्तार से पछिया हवा चलने की सम्भावना है। सापेक्ष आर्द्रता सुबह में 75 से 85 प्रतिशत तथा दोपहर में 45 से 50 प्रतिशत रहने की संभावना है। बताया कि मौसम की शुष्क रहने की संभावना को देखते हुए तैयार सरसों की कटनी तथा दौनी एवं आलू की खोदाई कर लें बढ़ते तापमान को देखते हुए खड़ी फसलों में आवश्यकतानुसार सिंचाई करें। गेहूं की फसल जो फुल तथा दूध भरने की अवस्था में है उसमें सिंचाई करें। गरमा मक्का की सुवान, देवकी, गंगा-11, शक्तिमान - 1,2,3,4 एवं 5 किस्मों की बुआई करें जुताई से पूर्व चेतों में प्रति हेक्टेयर 15-20 टन गोबर की खाद, 40 किलोग्राम नेत्रजन, 40 किलोग्राम समुर एवं 30 किलोग्राम पोटास का व्यवहार करें। बीज दर 20 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर रखें। प्रति किलोग्राम बीज को 2.5 ग्राम कैप्टाफ या धीरम द्वारा उपचारित कर बुआई करें। रवी मक्का की फसल में धनबाल व मोचा निकलने से दाना बनने की अवस्था तक खेत में प्रयाप्त नमी बनाए रखने हेतु आवश्यकतानुसार सिंचाई करें। बसतकालीन ईख की रोपनी समाप्त करने की कोशिश करें तथा शरदकालीन ईख में निकाई-गुडाई एवं सिचाई करें। सूर्यमुखी की बुजाई 10 मार्च तक संपन्न कर लें। खेत की जुताई में 100 क्विंटल कम्पोस्ट 30-40 किलोग्राम नेत्रजन, 80-90 किलोग्राम फॉस्फोरस एवं 40 किलोग्राम पोटास का व्यवहार करे उत्तर बिहार के लिए सूर्यमुखी की उन्नत संकुल प्रभेद मोरडेन, सूर्या, डीआरएसएफ 108 एवं पैराडेविक तथा संकर प्रमेद के लिए केबीएसएक-1 के बीएसएच-44. एमएसएफएच-8 एवं एमएसएफएच-17 अनुसंशित है। संकर किस्मों के लिए बीज दर 5 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर तथा संकुल किस्मों के लिए 8 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर रखें। बुआई से पहले प्रति किलोग्राम बीज को 2 ग्राम थीरम या कैप्टाफ दवा से उपचारित कर बुलाई करे। गरमा मूंग तथा उरद की बुआई के लिए खेत की तैयारी करें। बुआई से पूर्व खेत की जुताई में 20 किलो ग्राम नेत्रजन 45 किलो ग्राम स्फूर 20 किलो ग्राम पोटाश तथा 20 किलो ग्राम गंधक प्रति हेक्टेयर की दर से व्यवहार करें। मूंग के लिए पूसा विशाल, सम्राट, एसएमएल-666, एचयूएम-16 एवं सोना तथा उरद के लिए टाइप-9, पंत उरद-19, पंत उरद-31, एवं उत्तरा किस्में बुआई के लिए अनुशंसित है। शुष्क मौसम एवं तापमान में वृद्धि होना थ्रिप्स कीट के लिए अनुकुल वातावरण है। प्याज में थ्रिप्स कीट की निगरानी करें। यह प्याज को नुकसान पहुँचानेवाला मुख्य कीट है। यह आकार में अतिसुक्ष्म होता है तथा पत्तियों की सतह पर चिपक कर रस चुसते है जिससे पत्तियों का ऊपरी हिस्सा टेढ़ा मेढ़ा हो जाता है। पत्तियों पर दाग सा दिखाई देता है। जो बाद में हल्के सफेद हो जाते है। जिससे उपज में काफी कमी आती है। थ्रीप्स की संख्या फसल में अधिक पाये जाने पर प्रोफेनोफॉस 50 ईसी दवा का 1.0 मिली प्रति लीटर पानी या इमिडाक्लोप्रिड दवा का 1.0 मी.ली. प्रति 4 लीटर पानी की दर से घोलकर छिड़काव करें। प्याज की फसल में खर-पतवार निकालें फसल में 10 से 12 दिनों पर लगातार सिंचाई करें। अगात बोयी गई भिण्डी की फसल में लीफ हॉपर (जैसिड) कोट की निगरानी करें। यह हरे रंग का कोट दिखने में सूक्ष्म होता है भिंडी की खेत में घुसते ही यह कीट निसी के पौधे के पास से समूह में उड़ते हुए देखा जा सकते है। इसके शिशु व प्रौढ दोनो भिण्डी की पत्तियों के निचले हिस्से में रहते है और पत्तों का रस चुसते है जिसके फलस्वरूप पत्तियों किनारे से पिली होकर सिकुड़ती है तथा प्यालानुमा आकार बनाकर धीरे धीरे सुखने लगती है। फलन प्रभावित होती है। इस कीट का प्रकोप दिखाई देने पर इमिडाक्लोप्रिड 0.5 एमएल प्रति लीटर पानी की दर से चोल बनाकर छिड़काव करें। बताया कि जो कृषक बन्धु गरमा सब्जी लगाना चाहते है में अबलंब बुआई करें। लौकी की अर्का बहार, काशी कोमल, काशी गंगा, पूसा समर प्रोलिफिक लॉग, पूसा मेधदूत, पूसा मंजरी किस्मों की बुआई करें। तरबूज की अर्का मानिक, दुर्गापुर मधु सुगरबेली, अर्का ज्योती (सकर) तथा खरबूज की अर्का, जीत, अर्को राजहंस, पूसा शर्बती किस्में उत्तर बिहार के लिए अनुसंपित है। नेनुआ की पूसा चिकनी, स्वर्ण प्रमा, करैला की अर्का हरित, कापी उर्वषी, पूसा विशेष, कारामबटूर लॉग की बुआई करें। खेत की जुताई में 20-25 टन गोबर की खाद, 30 किलोग्राम नेत्रजन, 50 किलोग्राम फॉसफोरस, 40 किलोग्राम पोटास प्रति हेक्टेयर की दर से व्यवहार करें। चारा की फसलों में सिचाई एवं नाइट्रोजन से उपरिवेशन करें। बीजों की अधिक उपज के लिए बरसीम पर सिंगल सुपर फास्फेट के निखारे गए 2 प्रतिशत घोल का छिरकाव करें। डॉ० गुलाब सिंह तकनीकी पदाधिकारी कृषि मौसम पूसा ने बताया कि आज का अधिकतम तापमान 30.8 डिग्री सेल्सियस, सामान्य से 1.1 डिग्री सेल्सियस अधिक। आज का न्यूनतम तापमान: 11.8 डिग्री सेल्सियस, सामान्य से 10 डिग्री सेल्सियस कम पाया गया।
