प्रखंड की जीवन रेखा हुई अत्यधिक बालू उठाव का शिकार <12 वर्ष पुराना पुल चढ़ गया बालू माफियाओं की भेंट> < 9 से अधिक पंचायतों का एकमात्र सहारा है चुरहैत पुल> < लाखों की आबादी का एकमात्र सहारा सोनो- चुरहैत पुल> < दो दिनों से हो रही बारिश के बीच पुल का ऊपरी हिस्सा धंसा> सोनो( जमुई)/ प्रखंड क्षेत्र के जीवन रेखा के रूप में विख्यात सोनो-चुरहैत पुल बीते रात क्षतिग्रस्त हो गया, दो दिनों से रुक कर हो रही झमाझम बारिश के बीच पुल का पीलर खिसकने से ऊपरी हिस्से को काफी नुकसान पहुंचा, 12 वर्ष पूर्व शिलान्यास किया गया सोनो- चुरहैत पुल लगभग लाखों से अधिक आबादियों के आवागमन का एकमात्र सहारा है, जिस पर 9 से अधिक पंचायतों के रहने वाले ग्रामीण प्रतिदिन आवागमन करते हैं। दो दिनों से अत्यधिक हो रही बारिश के बीच नदियों में बढ़ते जलस्तर के कारण रात्रि में पुल के क्षतिग्रस्त होने की सूचना आग की लापटों की तरह प्रखंड क्षेत्र में फैल गई, सूचना के पश्चात सैकड़ो की संख्या में उपस्थित ग्रामीणों की भीड़ ने बताया कि वर्षों तक सरकार से अनुनय- विनय करने के पश्चात पुल का निर्माण किया गया, जो क्षेत्र में अत्यधिक हो रहे बालू उठाव की भेंट चढ़ गया। मानक से ईतर बालू उठाव का प्रखंड वासियों द्वारा दर्जनों से अधिक बार विरोध प्रदर्शन करने के बावजूद जिला से लेकर राज्य स्तरीय पदाधिकारीयों ने जनता के दुखों की ओर ध्यान ना देकर, हर बार बालू माफियाओं का ही साथ दिया। अत्यधिक बालू उठाव के कारण कई लोगों की पूर्व में जान भी जा चुकी हैं, बावजूद बालू माफियाओं पर नकेल कसने की व्यवस्था नहीं की गई, प्रतिदिन मानक के विपरीत बालू उठाव के कारण समय से पूर्व जर्जर पुल अवस्था में पहुंच गया, आक्रोशित ग्रामीणों की भीड़ ने प्रखंड की जीवन रेखा के क्षतिग्रस्त होने का एकमात्र कारण अत्यधिक बालू उठाव और प्रशासनिक अवहेलना को जिम्मेदार ठहराया। चकाई विधानसभा के विधायक विज्ञान सह विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह को भी जनता ने आड़े हाथों लेते हुए चंडीगढ़ बनाने के वायदों की याद दिलाई। आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए जनता ने पुल नहीं तो वोट नहीं जैसे नारे लगा आक्रोश व्यक्त किया। दर्जनों की संख्या में उपस्थित बुद्धिजीवीयों, जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने प्रशासन से पुल के तत्काल मरम्मतीकरन की मांग की जिससे लाखों लोगों का आवागमन सहज और सुचारू रूप से संचालित रहे। घटना की सूचना मिलने के पश्चात उक्त स्थल पर पहुंचे अंचलाधिकारी राजेश कुमार ने क्षतिग्रस्त पुल का जायजा लेते हुए तत्काल कुछ भी कहने से इनकार कर दिया, वहीं थाना अध्यक्ष चितरंजन कुमार की ओर से पुलिस प्रशासन ने क्षतिग्रस्त पुल पर बैरिकेडिंग करते हुए भारी वाहनों के आवा-गमन पर रोक लगा दी।