गिरते जलस्तर का शिकार हो रहे विद्यालयी बच्चे कई दिनों से बंद पड़ा मध्यान्ह भोजन योजना << जल की समस्या से प्रभावित हुआ मध्यान भोजन>> << दर्जनों से अधिक विद्यालयों में बंद हुआ नौनिहालों का भोजन>> << संबंधित विभाग से नहीं मिल पा रहा अपेक्षित सहयोग>> << आम नागरिकों में भी पनप रहा असंतोष>> सोनो (जमुई)/ प्रखंड अंतर्गत गिरते जलस्तर का शिकार अब तक आम ग्रामीण हो रहे थे अब यह समस्या विद्यालयों तक जा पहुंची। प्रखंड के दर्जनों से अधिक ऐसे विद्यालय हैं जहां विगत 20-22 दिनों से जल की कमी के कारण मध्यान्ह भोजन योजना पूरी तरह बंद पड़ा। क्षेत्र में विगत 1 वर्षों से जिस प्रकार नदियों से बालू का अत्यधिक उठाव किया गया वह कहीं ना कहीं गिरते जलस्तर का मुख्य कारण बना। क्षेत्र अंतर्गत बहने वाली लगभग सभी प्रमुख नदिया कहीं-कहीं तालाब का शक्ल अख्तियार कर बैठी तो कहीं-कहीं बहते नाले के समान प्रतीत हो रही। मानक के अनुरूप बालू के अत्यधिक उठाव ने सदियों से रह रहे आम ग्रामीणों के जीवन पर भी कुठाराघात किया, जो पीने की पानी की समस्या के मोहताज हो गए। नदी किनारे बसे लगभग गांव की स्थिति एक जैसी है जहां बोरिंग से लेकर कुए का पानी पूरी तरह सूख चुका, बदलते मौसम के अनुसार जिस प्रकार ग्रीष्म ऋतु अपनी प्रचंडता धारण करते जा रही वह आगामी महीने में और भी रौद्र रूप धारण कर सकती है, सबसे अधिक और विकट समस्या तो सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले नौनिहालों के साथ है जो सुबह भूखे पेट विद्यालय इस आस में पहुंचते की मध्यान योजना के तहत एक समय भोजन की प्राप्ति हो पाएगी। जल की समस्या को लेकर विद्यालय के प्रधानाध्यापकों ने बताया कि विभाग को कई बार पत्र द्वारा समस्या से अवगत कराने के पश्चात समस्या यथावत बनी हुई है, वही गिरते जलस्तर को लेकर ग्रामीणों में भी असंतोष का माहौल व्याप्त है। जिला प्रशासन से लेकर आला अधिकारियों तक गुहार लगाते हुए समस्या के समाधान की मांग की।