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जनपद प्रतापगढ़ के रानीगंज क्षेत्र के रानीगंज क्षेत्र के विभिन्न ग्राम सभाओं में आज बिन मौसम बारिश होने की वजह से आज किसानों को गेंहू की सिचाई करने से बड़ी राहत मिल गयी है, तो वहीं दूसरी तरफ बिन मौसम बारिश के कारण ठंड ने भी अपनी दस्तक दे दिया है, जिसकी वजह से ठंड ने एक बार फिर अपना विकराल रूप ले लिया है, और लोगों को एक बार फिर से आलाव जलाने के लिये मजबूर हैं,
जनपद प्रतापगढ़ के रानीगंज क्षेत्र के ग्राम सभा सेनापुर में बने जन सम्पर्क मार्ग में आज एक मावेशी बीचों बीच पक्की सड़क पर आकर खडा़ हो गया जिसकी वजह से उस जन सम्पर्क मार्ग से आने जाने वाले राहगीरों में बहुत दहशत का महौल बन गया जिसकी वजह से राहगीरों को घंटों इंतजार करना पडा़ और उस जन सम्पर्क मार्ग का आवा गमन बिल्कुल बंद कर दिया गया, कुछ राहगीर तो मावेशी के डर से फतनपुर बाजार से होकर अपने गनतब्य पर पहुंचे
जनपद प्रतापगढ़ के रानीगंज क्षेत्र के ग्राम सभा नौडेरा स्वरूप पुर जन सम्पर्क मार्ग की हालत इस समय खस्ता हो गयी है, जो टूटकर जर्जर हो चुकी है। आपको बता दें कि नेशनल हाइवे 91 से एक रास्ता उत्तर की तरफ से नौडेरा ग्राम सभा से होकर स्वरूप पुर की तरफ होकर बीचों बीच गांव से हो कर जाता है, जो पूरी तरह से टूटकर जर्जर हो गया है, जिसकी वजह से वहां से होकर गुजरने वाले राहगीरों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है।
विकासखंड कुंडा का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हरिद्वार राम भरोसे चल रहा है प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र होते ही यहां के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मिली बंद हो गई है इन 5 वर्षों से महज अस्पताल खाना पूर्ति के लिए चलाए जा रहा है ना तो यहां कोई अधिकारी निरीक्षण के लिए आता है और ना ही यहां के लोगों ने अपनी व्यथा किसी के सामने कहने की हिम्मत जुटा खास बात यह है कि इस अस्पताल के बारे में किसी जनपद निधि संज्ञान नहीं लिया है कुंडा विकासखंड के हरिद्वार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीज ही नहीं आते यहां पर्याप्त दावों के साथ ही चिकित्सकों के नहीं बैठने के कारण लोग यहां इलाज नहीं करना चाहते हैं इस क्षेत्र के लोग सरकारी स्वास्थ्य सुविधा के लिए कुंडा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाते हैं अब सवाल यह है कि यह सुविधा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र होने के बाद भी लोगों को क्यों नहीं मिलती जबकि इस अस्पताल से ही चिकित्सा फार्मासिस्ट के साथ ही अन्य कर्मचारियों का वेतन निकलता है हालांकि डॉक्टर घर पर नहीं बैठे हैं वह कुंडा सीएससी में काम करते हैं लेकिन इससे हतगावत क्षेत्र के लोगों को तलब नहीं मिलता उन्हें अपनी स्वास्थ्य जरूरत के लिए 15 किलोमीटर की दूरी तय करके कुंडा आना ही पड़ता है इस अस्पताल पर विपत्ति तब से आई जब से यह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तब्दील हुआ इसके बाद से यहां के स्वास्थ्य सेवाएं बेहद हो गई हैं ना तो यहां कोई प्रसव कराया जाता है और ना यहां मरीजों को दवा इलाज मिलता है इसके बगल में नई बिल्डिंग बनकर तैयार है लेकिन इसमें अब तक अस्पताल का संचालन शुरू नहीं किया गया है अब आपको बताते हैं कि गुरुवार को हाथी गोवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का हाल आगे के कमरे में घुसते ही एक महोदय बैठे मिलेगा कुर्सी पर पैर रखकर बैठे थे इसके बाद कर्मचारियों से मिलने का प्रयास किया गया तो एक कमरे में तीन महिलाएं एक पुरुष आपस में गांव की चर्चा कर रहे थे अचानक सामने पहुंचने पर हालांकि उनसे बातचीत में पता चला कि फार्मासिस्ट अशोक भी कुंडा में रहते हैं डॉक्टर आनंद की तैनाती यहां है लेकिन वह कुंडा सीएससी में बैठते हैं
बीमार चचेरी बहन की मौत के बाद मौसेरी बहन को घर पहुंचाकर लौट रहे युवक को रविवार की रात में कुंडा मवई क्रासिंग के पास ट्रक ने रौंद दिया। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। परिवार में दो दिन के भीतर दूसरी मौत से परिजनों में चीख पुकार मच गई है। मानिकपुर के भिटहा पाटीहार निवासी आशीष उर्फ बबलू यादव २२ के माता पिता की मौत हो चुकी है। उसकी तीन बहनें शादी के बाद घर रहती हैं। आशीष गुडग़ांव में एक पेट्रोलपंप पर नौकरी करता था। लेकिन इस बीच चचेरी बहन कल्पना की बीमारी का समाचार सुनकर घर आया था। रविवार को कल्पना की मौत हो गई। शाम को वह मौसेरी बहन को उसके घर पहुंचाने मंसूराबाद गया था। रात करीब १० बजे बाइक से लौटते समय मवई कुंडा क्रासिंग के पास एक ट्रक ने उसे कुचल दिया। घटना के बाद ट्रक चालक तेजी से भाग निकला। सूचना पर पहुंची पुलिस आशीष को सीएचसी ले गई लेकिन उसकी मौत हो चुकी थी। सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद शव घर पहुंचा तो परिवार में दो दिन के भीतर दूसरी मौत से गांव के लोग भी गमगीन हो गए।
जनपद प्रतापगढ़ के रानीगंज क्षेत्र के विभिन्न ग्राम सभाओं में पिछले दस दिनों से कहीं धूप है,तो कहीं छांव तो कहीं कहीं पर बादल छाये हुऐ हैं, पिछले सप्ताह छिट पुट बारिश होने की वजह से किसानों को सिंचाई करने से थोडी़ राहत मिली थी, जिससे किसानों ने अपने गेंहू की सिचाई नहीं किया, क्योंकि, तब से अब तक मौसम में कोई खास परिवर्तन नहीं हुआ, और रोज कहीं धूप तो कहीं छांव कहीं बादल छाये रहते हैं, जिसकी वजह से किसानों को भगवान के ऊपर भरोसा रखते हुए अपने गेंहू की नहीं की अब देखना यह है,की क्या किसानों का भला हो पायेगा भगवान भरोसे या फिर किसानों को नुकशान उठाना पडे़गा,
उदास ने अपने संगीत कैरियर कई मशहूर गजलें, जिसमें चिट्ठी आई है, वतन से चिट्ठी आई है, उनकी लोकप्रिय गजल थी जिसने संगीत और देशप्रेम की सीमाओं के बाहर सुना गया। इसके अलावा आदमी खिलौना है, जैसी तमाम गजलें गाईं। जिससे उन्हें बेतहाशा प्रसिद्धि मिली, उन्हें जगजीत सिंह के बाद सबसे ज्यादा प्रसिद्ध गजल गायक भी माना गया।
किन्नर समाज के दो पक्ष हुए आमने-सामने थाने में हुआ हंगामा
गुमशुदा महिला की तलाश में जुटी बेटी