सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

उत्तर प्रदेश राज्य के प्रतापगढ़ जिला से आशुतोष तिवारी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कीअब सरकार के नए नियमों के तहत पाँच तालाबों की खोज की जाएगी प्रतापगढ़ में तालाबों की निरंतर खुदाई भी शुरू कर दी गई है। सरकार के नए नियम के बाद खेतों को तालाब भी बनाया जाएगा ताकि पानी का स्तर लगातार कम होता रहे और पानी का स्तर लगातार कम होता रहे। अप्रैल-मई-जून की भीषण गर्मी में लोगों को पानी की भारी कमी का सामना करना पड़ा और जब सरकार बनी तो उन्होंने सबसे पहले जो निर्णय लिया वह था - खाली पड़े खेतों को तालाबों में परिवर्तित किया जाना चाहिए ताकि लगातार घटते जल स्तर को बनाए रखा जा सके, जिसके कारण अब कवायद शुरू कर दी गई है। अब हर ग्राम सभा में पाँच तालाब बनाए जाएंगे ताकि जल स्तर को इस तरह से बनाए रखा जाए कि लोगों को कोई परेशानी न हो, इसलिए अब यह कवायद भी लगातार शुरू की गई है। ग्राम प्रधान भी लगातार इस पर ध्यान दे रहे हैं ताकि इसे तुरंत किया जा सके।

उत्तर प्रदेश राज्य के प्रतापगढ़ जिला से आशुतोष तिवारी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है की पर्यावरण हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है, जिस तरह से गर्मी की लहर बढ़ रही है, पर्यावरण हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हो गया है। यह भी माना जाता है कि अगर पर्यावरण में इसी तरह गिरावट जारी रही तो ऑक्सीजन की कमी भी कम होती रहेगी, जिससे हमें भी बहुत सारी समस्याएं होंगी। जबकि आम आदमी का जीवन एक तरह से दुर्लभ हो गया है, अब घर पर रहना आसान नहीं है। इतनी गर्मी में लोग अपनी यात्रा कम कर देते हैं। लोगों की आवाजाही पूरी तरह से ठप हो गई है। ऐसी गर्मी में लोग आने-जाने में असमर्थ होते हैं जैसे कि उनके स्तर पर आग का गोला रखा गया हो। बुजुर्गों के लिए यह भी एक समस्या बन गई है कि उन्हें कहीं जाने के लिए दस बार सोचना पड़ता है। पढ़ने के लिए स्कूल जाने के लिए मजबूर होकर वे भी जाते हैं, इसलिए उनकी हालत भी बहुत खराब हो गई है और लगातार बढ़ती गर्मी और बिच्छों की अनुपस्थिति के कारण लोगों को बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

उत्तरप्रदेश राज्य के प्रतापगढ़ जिला के बेलखानाथ धाम से आशुतोष तिवारी मोबाइल वाणी के माध्यम से स्थानीय निवासी भावी प्रदान ने बातचीत की। उन्होंने बताया कि तालाबों की साफ सफाई और पानी की सप्लाई न होने से खासा परेशान है ग्रामीण वासी। पानी की टंकी का कोई भी कर्मचारी अभी तक काम पूरा नहीं कर पाया है।

सुनिए क्या कुछ कह रहे हैं नारी शक्ति पर

मनरेगा के तहत प्रतापगढ़ जिले के प्रत्येक ग्राम पंचायत में खोदे जाएंगे पांच पांच तालाब। योजना से न केवल श्रमिकों को रोजगार मिलेगा, बल्कि जल संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा। मनरेगा की आधिकारिक जानकारी के अनुसार, मनरेगा के तहत सरकारी और निजी भूमि पर भी तालाबों का निर्माण किया जाना है। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

उत्तरप्रदेश राज्य के प्रतापगढ़ जिला से आशुतोष मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि बीसवीं शताब्दी में महिलाओं के अधिकारों को बिल्कुल गैर-समान माना जाता है, बीसवीं शताब्दी में महिलाओं को अधिकार नहीं दिया गया था कि महिलाओं को न तो समाज में चलने की अनुमति थी और न ही लोगों के बीच बैठने की, यहां तक कि स्कूलों और कॉलेजों में भी, कोई भी महिलाओं को समान शिक्षा प्राप्त करने की अनुमति नहीं दे रहा था। आज के समय में महिला और पुरुष दोनों ही समान रूप से कंधे से कन्धा मिला कर चल रहे है।

उत्तरप्रदेश राज्य के प्रतापगढ़ जिला से आशुतोष मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि महिला सशक्तिकरण हमारे समाज में एक बहुत ही महत्वपूर्ण महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है। महिलाएं कंधे से कंधा मिलाकर काम करती हैं और आत्मनिर्भर होती हैं, पुरुषों और महिलाओं दोनों को समान रूप से देखा जाता है और उन्हें समान काम और वेतन प्रणाली भी दी जाती है। महिलाओं को किसी भी काम का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। 21वीं सदी में लोग अब महिलाओं को सम्मान के साथ देखते हैं और महिलाएं भी अब पुरुषों को अपना सामान्य और समान मानती हैं क्योंकि वे कहते हैं कि 21वीं सदी में पुरुष और महिला दोनों समान हैं, पुरुषों को उतना ही वेतन दिया जाता है जितना अब महिलाओं को दिया जा रहा है, दोनों के कामकाज को इस तरह से सामान्य किया गया है जो अब हमारे समाज में भेदभाव करता है। एक तरह से महिलाओं के लिए जो मानसिकता पहले थी, वह अब पूरी तरह से विपरीत हो गई है।

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किसान बारिश के बाद अब धानों की रोपाई तेजी से कर रहे हैं