कुछ ही घंटे की बारिश में सड़क पर हुआ जल जमाव

पिछले कुछ दिनों से भारत के उत्तर और उत्तर पश्चिम में पश्चिमी विक्षोभ के कारण जो शीतलहर और बर्फबारी जम्मू कश्मीर हिमाचल पंजाब एवं उत्तराखंड आदि राज्यों में होती रही इसका असर अब दिल्ली उत्तर प्रदेश और बिहार आदि उत्तर पूर्व और उत्तर मध्य राज्यों पर दिखने लगा है। इस बदलते मौसम के मिजाज का उत्तर प्रदेश विशेष कर प्रतापगढ़ जनपद और प्रयागराज मंडल के किसने और उनकी फसलों पर क्या असर होगा अर्थात कितना फायदा या नुकसान, इसी पर आज हम कुछ किसानों से चर्चा करेंगे।

जनपद प्रतापगढ़ के रानीगंज क्षेत्र के विकास खण्ड गौरा के विभिन्न ग्राम सभाओं में कल बिना मौसम बारिश की वजह से लोग ठंड से परेशान हो गये हैं, आपको बता दें कि कल सुबह से ही मौसम का मिजाज बदल गया और रात को 7बजे से बारिश शुरु हो गयी जिसके कारण लोगों को अपने गृहस्थी का सामन अंदर करके अपने घर में सो गये और सुबह उठने के बाद लोगों ने देखा की बारिश भारी मात्रा में हुई थी

पुल न होने से ग्रामीण हो रहे हैं खासा परेशान

जनपद प्रतापगढ़ के रानीगंज क्षेत्र के विकास खण्ड गौरा के प्रत्येक ग्राम सभाओं में राष्ट्रीय पक्षी घर घर में जाकर अपने भोजन की व्यवस्था करते हैं, उनका यह मन मोहक दृश्य देखते ही बन रहा था, और राष्ट्रीय पक्षी मोर की मधुर आवाज से बहुत शांति मिलती है। और हमें अपने भारतीय होने पर हमें गर्व है,

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कुंडा तहसील रोड बेहद खराब स्थिति में है सुनिये मेरा आडियो

जनपद प्रतापगढ़ के रानीगंज क्षेत्र के ग्राम सभा कौलापुर नहर के पास से एक पक्की सड़क जो आमापुर बेर्रा की तरफ जाती है, वह पक्की सड़क कौलापुर गांव तक ही बनीं हुई है,उसके बाद आगे से सरकारी खडंजा बना हुआ है,जो इस समय धूल से सराबोर है, और कुछ दिखाई देती है तो वह धूल ही धूल आपको बता दें कि उस रास्ते में दो ईंट भठ्ठे हैं, और ईंट भठ्ठे से टैक्टर पर ईंट को लोड़कर जब वह सरकारी खडंजे से जाते हैं, तो खंडजें की ईंट टूटकर उखड़ जाने से वहां पर भारी मात्रा में धूल इक्ट्ठी हो गयी है,जिससे खडंजे से आने जाने वाले लोगों को बहुत कठिनाई होती है,

जनपद प्रतापगढ़ के रानीगंज क्षेत्र के गाजी का बाग से एक रास्ता आमापुर बेर्रा जाने वाले जन सम्पर्क मार्ग पर ही एक रेलवे अंडर पासिंग रास्ता नीचे से बनाया गया है, जो काफी गहरा है, इस रेलवे अंडर पासिंग रास्तें में बरसात के समय में पानी भर जाता है, और रेलवे प्रशासन द्धारा पानी निकलने की कोई भी व्यवस्था नहीं की गई है, जिससे यह रेलवे अंडर पासिंग रास्ता आम लोगों के लिए मौत का कुंआं बन गया है, किसी दिन भी बड़ी घटना हो सकती है।