जनपद प्रतापगढ़ के रानीगंज क्षेत्र के ग्राम सभा रहेटुआ परसरामपुर की एक अत्यंत गरीब महिला सितारा देवी पत्नी संतलाल बिंद के पास रहने के लिए कोई भी सरकारी आवास एवं घर नहीं है, जिससे उनको रहने में बहुत कठिनई का सामना करना पड़ता है। उनका आरोप है, की उन्होंने अपने ग्राम प्रधान व ग्राम विकास अधिकारी से प्रधानमंत्री आवास के लिए, बहुत चक्कर लगाई लेकिन आज तक उन्हें किसी भी सरकारी सुविधा का लाभ नहीं मिल पाया है, जिससे महिला सितारा देवी बहुत परेशान है, आईये चलते हैं, सितारा देवी के पास जानने की कोशिश करता हूँ, कि क्या है, उनकी मूलभूत समस्या सुनते हैं उनके ही जुबानी क्या है उनकी कहानी, एक इंटर व्यू के दौरान हुई बात चीत में

भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री पंडित अटल बिहारी वाजपेई जी की जयंती पर जगह-जगह दी गई श्रद्धांजलि

जनपद प्रतापगढ़ के रानीगंज क्षेत्र के ग्राम सभा रहेटुआ परसरामपुर की गरीब महिला रेखा देवी पत्नी रामलाल बिंद के पास रहने के लिए कोई भी सरकारी आवास नहीं है, जो अत्यंत गरीब मजदूर महिला है, जिसके पास कोई बाहरी आमदनी नहीं है,और न ही उसको कोई सरकारी सुविधा का लाभ मिला है, रेखा देवी गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करती है, जो भूमि हीन भी है,रेखा देवी ने प्रधान व सिक्रेटरी से कई बार प्रधानमंत्री आवास के लिए कहा लेकिन आज तक किसी भी सरकारी सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा है, आईये जानते हैं, गरीब महिला रेखा देवी से क्या है, उनकी मूलभूत समस्या सुनते हैं उनके ही जुबानी क्या है, प्रधान और सिक्रेटरी की कहानी,

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जनपद प्रतापगढ़ के रानीगंज क्षेत्र के ग्राम सभा रहेटुआ परसरामपुर के एक किसान शंभुनाथ पटेल जो तरह तरह की सब्जीयों की खेती का उत्पादन करके साल भर में लाखों की कमाई कर लेते हैं, आज हम उनके घर पर पहुंच चुके हैं, और हम उनसे जानने का प्रयास करते हैं, की वो कौन कौन सी सब्जी का उत्पादन करते हैं, और कैसे लाखों रुपये की कमाई करते हैं, सुनते हैं, उन्ही की जुबानी क्या है, इनके किसानीं की कहानी एक इंटर व्यू के दौरान हुई बात चीत में क्या कुछ है,जानते है

जनपद प्रतापगढ़ के रानीगंज क्षेत्र के ग्राम सभा पढ़वा कलानी के किसान अपनी आलू की फसल को पाला से बचाने के लिए इण्डों फिल एम 45 प्रोटि्नों लेक्स दवाई का छिड़काव करके अपनी फसल का बचाव कर रहें हैं, और अपनी फसल को हरा भरा रखने का काम रहें है,

आजकल अपनी खेती पशुओं से बचाने के लिए लालगंज खण्ड ही नहीं देखा जाय तो सभी खण्डों में झटका मशीनों का प्रयोग किया जा रहा है यह लोगों के जान के साथ खिलवाड़ है

थके हारे ग्रामीणवासियों की उम्मीद टूटी,आरोप विकास की नहीं दिख रही उम्मीद।

गांवों में विकास के नाम पर किया जा रहा दिखावा,ग्रामीण क्षेत्रों में बनी नालियां टूटी पड़ी।

पॉलिथीन एवं अन्य सामग्रियों के साथ-साथ सड़े फल फ्रूट एवं घर के बचे भोजन को सड़क किनारे फेंका जा रहा है जिससे गंभीर बीमारी का खतरा।