सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिल देव शर्मा केला की फसल में बोरान की कमी के लक्षण तथा उपचार के बारे में जानकारी दे रहे हैं । अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें

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उत्तरप्रदेश राज्य के जिला झाँसी के बड़ागांव प्रखंड से अजय गौतम , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि इस साल तापमान अधिक रहा है, यह बीस साल का रिकॉर्ड रहा है। गर्मी का कारण है पेड़ों की कटाई, इसीलिए हमे ज्यादा से ज्यादा पेंड़ पौधे लगाना चाहिए।

दोस्तों इस तरह के बाबाओं द्वारा चलाई जा रही धर्म की दुकानों पर आपका क्या मानना है, क्या आपको भी लगता है कि इन पर रोक लगाई जानी चाहिए या फिर इनको ऐसे ही चलते ही रहने देना चाहिए? या फिर हर धर्म और संप्रदाय के प्रमुखों द्वारा धर्म के वास्तविक उद्देश्यों का प्रचार प्रसार कर अंधविश्वास में पड़े लोगों को धर्म का वास्तविक मर्म समझाना चाहिए। जो भी आप इस मसले पर क्या सोचते हैं अपनी राय रिकॉर्ड करें ग्रामवाणी पर

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विशेषज्ञ जीव दास साहू , रागी यानि मड़ुवा फसल में सिंचाई एवं रोग और किट नियंत्रण की जानकारी दे रहे हैं। रागी फसल से जुड़ी कुछ बातें किसानों को ध्यान में रखना ज़रूरी है। इसकी पूरी जानकारी सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिल देव शर्मा केला की रोपाई के लिए उपयुक्त समय के बारे में जानकारी दे रहे हैं । अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें

उत्तरप्रदेश राज्य के झाँसी जिला से विकेश प्रजापति ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं और पुरुषों में भेदभाव हर जगह देखने को मिलती है। चाहे वो शिक्षा का क्षेत्र हो या कोई और। उन्होंने बताया कि दो-तीन दिन पहले कहीं एक व्यक्ति के एक लड़का और दो लड़कियां थीं इसलिए वे कहते हैं कि भाई लड़कियों को नहीं पढ़ाएंगे क्योंकि उनके लिए एक लड़की को पढ़ाना जरूरी नहीं है । आज हम अन्य विकास क्षेत्रों के बारे में बात करते हैं। महिलाओं की तुलना में पुरुषों की मजदूरी अधिक है। बुंदेलखंड में महिलाओं को केवल दो से दो सौ पचास रुपये प्रतिदिन दिए जाते हैं, लेकिन पुरुषों को तीन से चार सौ रुपये प्रतिदिन दिए जाते हैं।

उत्तरप्रदेश राज्य के झाँसी जिला से विकेश प्रजापति ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि बुंदेलखंड राज्य का सबसे पिछड़ा क्षेत्र है और यहां भी ऐसे कई अस्पताल हैं जहाँ पानी की बहुत समस्या है और लोग परेशान हैं, जहाँ गाँवों में स्वास्थ्य केंद्र बनाए गए हैं, वहाँ कनेक्टिविटी नहीं है, बिजली नहीं है, वहाँ पानी नहीं है।