बुलिंग का सामना करना कोई आसान काम नहीं होता हमारे समाज में कई ऐसे लोग हैं जो इसका शिकार है क्या आपने या आपके किसी जानने वाले ने कभी अपने जीवन में बुलिंग का सामना किया है ? आखिर क्या वजह है कि हमारे समाज में बुलिंग जैसी समस्या मौजूद है और लोग इस समस्या से जूझने के लिए मजबूर होते हैं ? अगर कोई व्यक्ति इस समस्या से जूझ रहा है तो ऐसी स्थिति में वह खुद को इससे बाहर निकालने के लिए क्या कर सकते हैं ? और बुलिंग जैसी समस्या को समाज से मिटाने के लिए सामुदायिक स्तर पर किस तरह की पहल की जा सकती ?

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला झाँसी से रवि सेन की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से सुक्खन विश्वकर्मा से हुई। सुक्खन विश्वकर्मा यह बताना चाहती है कि स्कूल के पास कचड़ा फेंकने से बच्चे परेशान है।

दोस्तों, मोबाइलवाणी के अभियान क्योंकि जिंदगी जरूरी है में इस बार हम इसी मसले पर बात कर रहे हैं, जहां आपका अनुभव और राय दोनों बहुत जरूरी हैं. इसलिए हमें बताएं कि आपके क्षेत्र में बच्चों को साफ पानी किस तरह से उपलब्ध हो रहा है? क्या इसमें पंचायत, आंगनबाडी केन्द्र आदि मदद कर रहे हैं?आप अपने परिवार में बच्चों को साफ पानी कैसे उपलब्ध करवाते हैं? अगर गर्मियों में बच्चों को दूषित पानी के कारण पेचिस, दस्त, उल्टी और पेट संबंधी बीमारियां होती हैं, तो ऐसे में आप क्या करते हैं? क्या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों से बच्चों का इलाज संभव है या फिर इलाज के लिए दूसरे शहर जाना पड रहा है? जो बच्चे स्कूल जा रहे हैं, क्या उन्हें वहां पीने का साफ पानी मिल रहा है? अगर नहीं तो वे कैसे पानी का इंतजाम करते हैं?

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उत्तरप्रदेश राज्य के झाँसी जिला विकेश प्रजापति ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि प्राइमरी स्कूलों की मनमानी लगातार चल रही है। निजी स्कूल में महँगाई इतनी है कि बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं मिल पा रही है। सरकार ने कानून तो लागू किया है लेकिन बहुत कम स्कूल ही है जो इसका पालन करते है

उत्तरप्रदेश राज्य के झाँसी ज़िला से कृष्णा प्रजापति ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि इनके स्कूल में पानी नहीं आता है ।बच्चे चापानल का पानी पीते है जिससे उनकी तबियत बिगड़ रही है

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वार्षिक परीक्षा प्रारंभ

उत्तरप्रदेश राज्य के झाँसी जिला से विकेश प्रजापति ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि हम सभी जानते हैं कि शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए लाखों प्रयास किए जा रहे हैं , लेकिन सरकार अभी भी सुधार नहीं कर रही है । लेकिन आज भी गाँव के स्तर पर कई स्कूल ऐसे हैं जिनमें स्वच्छता के बारे में जागरूकता कम दिखाई देती है और अक्सर सुनते हैं कि बच्चे भोजन खाने या भोजन के दूषित होने से बीमार हो जाते हैं ।