उत्तरप्रदेश राज्य के झाँसी ज़िला के पालर से नेहा,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि इनके पास सिलाई मशीन है। इसी से वो बिज़नेस करना चाहती है। पर इसके लिए उन्हें मदद की ज़रुरत है

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला झाँसी के पालर से पूजा , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि वह सिलाई का काम करती है और अगर उनको मदद मिले तो वह इस व्यापार को आगे बढ़ाना चाहती है।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला झाँसी के बड़ागांव प्रखंड से उर्मिला कुमारी , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि वह पशुपालन करती है।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला झाँसी के पालर से विद्या देवी , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि वह बकरी पालन करना चाहती है ,इसके लिए उन्हें सहयोग चाहिए

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला झाँसी से कुंती कुमारी , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि वह मुर्गी पालन करना चाहती है और इस बिज़नेस को आगे बढ़ाना चाहती है।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला झाँसी के पालर से कामिनी कुमारी , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि वह ब्यूटी पार्लर चलाती है और वह इस व्यापार को आगे बढ़ाना चाहती है। उनको मदद की जरूरत है।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला झाँसी के पालर ग्राम से मान कुमारी , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि वह पशु पालन करती है। उनको मदद मिलेगा तो वह अपने व्यापार को बढ़ा सकती है।

उत्तरप्रदेश राज्य के झाँसी जिला के पालर से छाया अहिरवार ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि उन्हें सिलाई का काम करना हैं। अपना कारोबार बढ़ाने के लिए उन्हें सहयोग चाहिए

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला झाँसी के बड़ागांव प्रखंड से अजय गौतम , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि इस साल तापमान अधिक रहा है, यह बीस साल का रिकॉर्ड रहा है। गर्मी का कारण है पेड़ों की कटाई, इसीलिए हमे ज्यादा से ज्यादा पेंड़ पौधे लगाना चाहिए।

उत्तरप्रदेश राज्य के झाँसी जिला से विकेश प्रजापति ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं और पुरुषों में भेदभाव हर जगह देखने को मिलती है। चाहे वो शिक्षा का क्षेत्र हो या कोई और। उन्होंने बताया कि दो-तीन दिन पहले कहीं एक व्यक्ति के एक लड़का और दो लड़कियां थीं इसलिए वे कहते हैं कि भाई लड़कियों को नहीं पढ़ाएंगे क्योंकि उनके लिए एक लड़की को पढ़ाना जरूरी नहीं है । आज हम अन्य विकास क्षेत्रों के बारे में बात करते हैं। महिलाओं की तुलना में पुरुषों की मजदूरी अधिक है। बुंदेलखंड में महिलाओं को केवल दो से दो सौ पचास रुपये प्रतिदिन दिए जाते हैं, लेकिन पुरुषों को तीन से चार सौ रुपये प्रतिदिन दिए जाते हैं।