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उत्तरप्रदेश राज्य के फतेहपुर जिले के दोआबा में एड्स मरीजों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है। काम की तलाश में सूरत, मुंबई आदि बड़े शहरों में जाने वाले कामगार वहां से एचआईवी का संक्रमण लेकर लौट रहे हैं। परिवार से दूर और गलत आदतों का शिकार हो अपना और परिवार का जीवन खराब कर रहे हैं। पिछले तीन सालों में दोआबा में एचआईवी संक्रमित मरीजों की संख्या आठ सौ के पार हो गई है। इसमें इंजेक्शन से नशा लेने वाले मरीजों की संख्या सबसे अधिक है। जिला अस्पताल में साल 2020 में एआरटी सेंटर शुरू हुआ था। सेंटर शुरू होने के बाद मरीजों को सहूलियत हुई दवाओं के साथ कांउसिलिंग की सुविधा मिलने लगी। सेंटर शुरू होने के बाद से लेकर अब तक कुल 834 मरीजों का पंजीयन हुआ है। इनमें से वर्तमान में 765 लोंगो का नियमित इलाज चल रहा है। इस दौरान 25 लोंगो की मौत भी हो चुकी है। साथ ही 44 मरीजों के बारे में जानकारी नहीं है। विभाग उनकी जानकारी कराने में जुटा है। आशंका जताई जा रही है कि इनमें से कुछ की मौत हो चुकी होगी और कुछ अन्य स्थानों में जाकर बस गए होंगे। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक संक्रमित एचआईवी वायरस से फैलने वाले एड्स की चपेट में बच्चों से लेकर 70 साल के बुजुर्ग हैं। तीन से तेरह साल की उम्र वाले करीब 25 बच्चों का इलाज चल रहा है। वहीं कुल मरीजों में 40 फीसदी महिला मरीज हैं। एक 70 साल की उर्म्र वाले बुजुर्ग का भी इलाज चल रहा है। बताया जा रहा है कि वह करीब 23 सालों से एचआईवी संक्रमित हैं। अधिकतर संक्रमित मरीज 21 से 40 साल के हैं। सेंटर में स्टाफ की कमी जिला अस्पताल में साल 2020 से संचालित एआरटी सेंटर स्टाफ की कमी से जूझ रहा है। सेंटर में सात लोगों के तैनाती की जगह मात्र एक टेक्नीशयन और एक कांउसलर की तैनाती है। इसके कारण तैनात स्टाफ को काम करने में दुश्वारियों का सामना करना पड़ता है। बताया जा रहा है कि कई बार अस्पताल प्रशासन ने शासन में पत्र लिखकर स्टाफ बढ़ाने की मांग की लेकिन मांग पूरी नहीं हुई। मरीजों को सेंटर में पूरी सुविधाएं दी जाती हैं। मरीजों को नियमित कांउसलिंग के लिए बुलाया जाता है। दवा, इलाज मुफ्त है। कई मरीज ऐसे हैं जो नियमित दवा का सेवन कर काम कर रहें हैं। मरीज नियमित दवा का सेवन और नशे से दूर रहकर पूरा जीवन जी सकता है। -अभय सिंह, कांउसलर एआरटी सेंटर

युपी फतेहपुर जिले में बेमौसम बारिश किसानों परआफत बन टूट पड़ी। बुधवार आधी रात से रुक रुक कर बारिश में खरीद केन्द्रों में पड़ा हजारों कुंतल धान भीग गया। धान की खड़ी फसल भी खराब होने की आशंका है। रबी की बुआई प्रभावित होने और फूल संग लहलहा रही मिर्च, मटर की फसल पर व्यापक असर के आसार हैं। आलू के खेतों में पानी भरने से बीज सड़ने की आशंका है। अमौली क्षेत्र में हल्के ओले संग तेज हवा के साथ बारिश में गन्ने और बाजरे की फसल तहस नहस हो गई है।बारिश संग किसानों ने पकड़ा माथा जिले के 78 धान खरीद केन्द्रों में करीब हजारों कुंतल धान तौल के इंतजार मेंपड़ा था। रात शुरू हुई बारिश में जब तक किसान कुछ करते धान भीग गया। कैम्पस के निचले इलाके में पानी भर गया। असोथर केन्द्र में साढ़े तीन सौ कुंतल धान पूरी तरह भीग गया, लदिगवा, किशनपुर समेत केन्द्रों की हालत देख किसानों ने माथा पकड़ लिया। खेतों में मंसूरी धान को भारी नुकसान होने के आसार है।बुआई लेट,आलू की फसल सड़ने की आशंका करीब दस से 12 एमएल हुई बारिश के कारण बोई जा चुकी गेहूं व आलू के खेतों में पानी भर गया। जिससे सड़ने की आशंका है। पलेवा वाले खेतों में पानी भरने से बुआई प्रभावित होने की आशंका है। गन्ना और मटर की खेती को भारी क्षति का अनुमान है। जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि रबी की साठ फीसदी बुआई हो चुकी है। बारिश के कारण शेष बुआई और खेतों में कटी पड़ी धान की फसल के नुकसान होने की संभावना है।अस्त व्यस्त जनजीवन,निकले गर्म कप़ड़े बारिश से जनजजीवन अस्त व्यस्त हो गया। सर्दी बढने से लोग घरों में दुबके रहे। कामकाजी लोगों स्वेटर जैकेट के साथ बाहर नजर आए। स्कूलों और दफ्तरों में छुट्टी जैसा माहौल रहा है। कुछ बच्चे बूदाबांदी के बीच भीगते हुए जाते नजर आए।कीचड़ में खड़े गोवंश ठिठुरते रहे बारिश का पानी भरने से गोशालाएं कीच़ड़ में तब्दील हो गईं। सर्दी के बचाव के प्रभावी कदम नहीं उठाए जाने के कीचड़ में खड़े गोवंश ठिठुरते रहे। बड़ी संख्या में बीमार मवेशियों की गोशाला में भीगने की हालत बिगड़ गई।उधर, नगरीय इलाकों में अलाव की व्यवस्था है न ही रैन बसेरा का इंतजाम है।

युपी फतेहपुर प्रदेश में गैस सिलेंडर के बढ़े दामों पर कांग्रेस ने नाराजगी का इजहार किया है। सिलेंडर के दाम कम किए जाने की मांग करते हुए राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन डीएम के माध्यम से भेजा है। वहीं पार्टीजनों द्वारा कलेक्ट्रेट में बढ़े दामों को लेकर सरकार विरोधी नारेबाजी की। जिलाध्यक्ष अखिलेश पांडेय ने कहा कि डबल इंजन का जुमला देने वाली भाजपा सरकार ने आम जनमानस को महंगे दामों पर गैस सिलेंडर खरीदने पर मजबूर किया है। छत्तीसगढ़ और राजस्थान में 450 व 500 रुपए में गैस सिलेंडर दिए जाने का दावा चुनावी घोषणा पत्र में किया जा रहा है। मांग करते हुए कहा कि प्रदेश में भी 450 रुपए में गैस सिलेंडर मुहैया कराया जाए। कहा कि भाजपा ने प्रदेश में सबसे महंगी गैस कर रखी है। कहा कि सरकार यादि आम आदमी को परेशानियों से निजात दिलाना चाहती है तो सस्ता गैस सिलेंडर उपलब्ध कराए। इस मौके पर सुधाकर अवस्थी, हेमलता पटेल, चंद्र प्रकाश लोधी, इशरत खान, संतोष कुमारी शुक्ला, वीरेंद्र सिंह चौहान, संदीप साहू, एमएल श्रीवास, रामकरण सिंह, आशीष गौड़ आदि मौजूद रहे।

युपी के फतेहपुर दीपावली के पहले दोआबा की सड़कों को गड्ढा मुक्त किए जाने के लिए सम्बंधित विभागों द्वारा खूब बयानबाजी की जा रही थी। लेकिन समय निकलने के साथ करोड़ो रुपये खर्च होने के बाद भी सड़कों के दाग समाप्त नहीं हो सके। जर्जर मार्गों पर सफर करने के दौरान राहगीर हड्डियों के रोगों का शिकार हो रहे हैं। सड़कों को गड्ढा मुक्त किए जाने के लिए पीडब्ल्यूडी के प्रांतीय खंड, निर्माण खंड-2 सहित जिला पंचायत, नगर पालिका को स्पष्ट आदेश दिए गए थे। साथ ही सड़कों की पैचिंग कराए जाने के लिए धन का आवंटन भी किया गया। इसके बावजूद विभागों द्वारा दोआबा के शत प्रतिशत मार्गों को गड्ढा मुक्त नहीं कराया जा सका। जर्जर मार्गों पर सफर करने के लिए अब भी राहगीरों को मजबूर होना पड़ रहा है। विभागों को आवंटित किए जाने वाले करोड़ों रुपये के बावजूद सड़कों के दाग समाप्त न होने से जहां वाहनों के खराब होने से आए दिन जाम की समस्याएं समाप्त नहीं हो पा रहीं। वहीं जर्जर गड्ढा युक्त मार्गों से सफर करने के दौरान राहगीर कमर दर्द, पीठ दर्द, सहित सर्वाइकल की समस्या की जद में आने की संभावनाओं को भी बल मिल रहा है। इसके बावजूद विभागों द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा। वहीं अफसरों का कहना है कि जो भी मार्ग चिंह्नित किए गए थे ,वहां पर काम को पूरा करवा दिया गया है कहीं काम शेष है तो उसे भी दुरुस्त करवाया जाएगा।