यंग साइंटिस्ट अवार्ड से नवाजे गए इंद्रजीत आपको बता दें कि विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित दो दिवसी कार्यक्रम में उन्हें अवार्ड से नवाजा गया है

युपी फतेहपुर । नीदरलैंड की महिला दोस्त के साथ युवक के गांव पहुंचने के बाद एलआईयू ने जांच शुरू कर दी है। विदेशी महिला मित्र से शादी रचाने की चर्चा पर खुफिया पुलिस की एक टीम मौके पर जाकर युवती से पूछतांछ करेगी। ललौली क्षेत्र के दतौली राधे लाल वर्मा परिवार समेत कलोल गांधी नगर गुजरात में रहते हैं। राधेलाल का बेटा हार्दिक नीदरलैंड में एक कंपनी में की नौकरी करता था। इसी कंपनी में बार्नेवेल्ड (नीदरलैंड) की ़गबरीला डूडा भी नौकरी करती है। तीन साल पूर्व तीनों में दोस्ती हुई और दोनों ढाई साल से लिव इन रिलेशन में थे। बताते हैं कि दो दिन पूर्व हार्दिक परिवार और विदेशी महिला दोस्त के साथ गांव दतौली आया। युवती इसके पूर्व तीन बार नीदरलैंद से भारत आ चुकी है। प्रभारी एलआईयू इंस्पेक्टर ने बताया कि दोनों के शादी की चर्चा पर जांच की जा रही है। युवती का पासपोर्ट और वैधता समेत सभी बिंदुओं पर पूछताछ के लिए टीम दलौती जाएगी।

युपी के फतेहपुर,सृजिद पदों के सापेक्ष आधो से कम तैनाती ने लेखपालों को संकट में डाल दिया है। एक लेखपाल के पास चार क्षेत्र की जिम्मेदारी है। तीन थानों में पड़ने वाले लेखपाल के तैनाती वाले क्षेत्र में 14 ग्राम सभाओं के राजस्व कार्य को लेकर हलकान हैं। 286 अधिकारियों के आदेश पर बोझ बने लेखपालों की कमी से सिर्फ किसान या जरूरतमंद ही नहीं परेशान हैं। वर्कलोड से फील्ड पर तैनात लेखपालों की नींद उड़ी हुई है। शासन स्तर के अधिकारी से कानून-गो तक करीब 286 अधिकारियों के आ रहे आदेशों से लेखपालों के बस्ते फुल हैं। काम के दबाव में उन आदेशों के अनुपालन में लेखपाल पसीना छोड़े हैं। वहीं अफसरों द्वारा कार्रवाई की नोटिस से तंग कई लेखपाल मेडिकल पर जाने की तैयारी में हैं। 20 से 25 किमी की दूरी ने बढ़ाई परेशानी बतातें कि लेखपालों की कमी से एक लेखपाल के पास तीन से चार क्षेत्रों की जिम्मेदारी है। क्षेत्रों की दूरी 20 से 25 किमी है। इन क्षेत्रों में दो से तीन थाने पड़ते हैं। एक लेखपाल ने बताया कि बहुआ और असोथर ब्लाक के चार क्षेत्रों की जिम्मेदारी हैं, रोज सुबह टिफिन लेकर निकलते हैं। विजयीपुर ब्लाक में अनामिका सिंह के पास दस किमी की दूरी पर स्थित रारी और रामपुर हैं। अमित कुमार के पास हथगाम के भादर व सल्तानपुर घोष का कुडैंत हैं। हालत यह है कि थाना समाधान दिवस पर जाने के लिए लेखपाल को प्राथमिकता तय करना पड़ती है। *यह हैं लेखपालों की प्राथमिकता वाले काम* धान का सत्यापन, पराली पर रोकथाम, खसरा फीडिंग,आय जाति निवास प्रमाण पत्र का सत्यापन, अवैध कब्जों के खिलाफ अभियान के साथ जनता दर्शन, तहसील और थाना समाधान दिवस की शिकायतों के निस्तारण का बोझ हैं। शहरी क्षेत्र के लेखपाल वीआईपी मूवमेंट पर चकरघिन्नी बने रहते हैं। 551 लेखपालों के पद जिले में सृजित हैं 230 लेखपालों की वर्तमान में तैनाती है 32 आफिस से अटैच व कार्रवाई की जद में छुट्टी के दिन भी करते हैं काम लेखपाल संघ के प्रभारी महामंत्री नरेन्द्र बहादुर सिंह ने बताया कि लेखपाल अत्यधिक वर्कलोड के कारण शारीरिक एवं मानसिक उत्पीड़न का शिकार हैं। दिन व दिन स्थितियां गंभीर होती जा रही हैं। अवकाश के दिन भी लेखपाल दफ्तरों में काम कर रहे हैं, जबकि मुख्यमंत्री का फरमान है कि अवकाश के दिन दफ्तर बंद रहेंगे। ऐसे में हालात सहज ही समझे जा सकते हैं।

युपी के फतेहपुर शहर में करीब तीन लाख की आबादी को नगर पालिका के नलकूपों का सहारा रहता है। लेकिन यदि फाल्ट आने या अन्य किन्ही कारणों से बिजली आपूर्ति बाधित हो जाती है तो पालिका की पेयजल व्यवस्था चरमरा जाती है। शहरियों को होने वाली समस्याओं के बावजूद नगर पालिका द्वारा किसी भी नलकूप में जेनसेट की व्यवस्था नहीं की जा सकी है। शहर वासियों को पेयजल के लिए सुबह व शाम के समय नगर पालिका द्वारा संचालित नलकूपों का संचालन कराया जाता है। ऐसे में यदि किन्हीं कारणों से बिजली व्यवस्था बाधित हो जाती है तो खासकर उन इलाकों की जहां नलकूप संचालित होते हैं तो नगर पालिका के पास ऐसी कोई भी व्यवस्था दिखाई नहीं देती, जिससे पानी उपलब्ध कराया जा सका। ऐसी समस्याएं तब आती हैं, जब नलकूपों के संचालन वाले मोहल्लों की बत्ती गुल हो जाती है। सुबह से समय बिजली आपूर्ति बाधित होने के चलते किसी को कार्यालय पहुंचने तो किसी को विद्यालय पहुंचने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई बार लोगों द्वारा शिकायतें भी की जा चुकी है लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो सका। नपाप के जेई जलकल विजय कुमार ने बताया कि जेनसेट की व्यवस्था नलकूप में नहीं है बिजली जाने की समस्याएं कम ही होती हैं।

युपी के फतेहपुर में मौसम की मार वैसे तो अन्नदाता हरदम झेलता है वह चाहे खाद का संकट हो अथवा ओवररेटिग अथवा खाद् के लिए लाईन लगाकर मारामारी का झेलना सब कुछ किसान को ही है मरता क्या न करता वाली कहावत बिल्कुल चरितार्थ बैठती है जब किसान को अपनी फसल को उगानें बढाने और भरपूर पैदा करना होता है तो वह खाद का उपयोग करता है। फिर भी समय से न मिल पाये तो वह सोचता है कुछ भी कही भी किसी भी तरह से खाद् मिल जाये।इसका सीधा असर किसान को झेलना पडता है कि शोसल मीडिया मे खाद से लदा एक ट्रक यूपी एकात्तर टी सत्तासी उनसठ रैंक स्थल पर मौसम की मार से किस तरह से पानी टपक रहा है और खाद बह कर सडक पर आ रही है।बीडयों ने पोल खोल कर रख दी है और जिम्मेदार मौन है।वही जब ट्रक चालक शिरोमन से इस पानी से भीगी और बहते ट्रक से खाद के बारे मे पूछा गया तो बोला कि अभी अभी गाडी से तिरपाल हटाया है।खाद रैक स्थल शाह जा रही है।सवाल यहा उठता है कि आखिर देर रात्रि से हो रही बारिश सूबह के लगभग नौ बजे तक हल्का बूदा बादी हो रही थी तो ट्रक चालक को आखिर कौन सी आवश्यकता पड गई जो तिरपाल खोलना पड गया।साधन सहकारी समितियों में सत्ताधारियों के संरक्षण के चलते बेलगाम हो गए कर्ताधर्ता,भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई के बजाय लीपापोती में लग जाते हैं अधिकारी,जिले में भ्रष्टाचार के अजब गजब के खेल हैं जीरो टॉलरेंस वाली सरकार में किसानों को खुले आम लूटा जा रहा है।योगी-राज में अजब-गजब कहानी है भ्रष्टाचारियों की सरकार भले ही आम जनता को योजनाओं का सही लाभ देने एवं भ्रष्टाचार रहित प्रशासन देने की बात कर रही हो लेकिन यहां तो हर दिन भ्रष्टाचारी नए गुल खिला रहे हैं।इनसे ना किसान बच रहा है ना व्यापारी और ना ही आम आदमी।किसानों को खाद मुहैया कराने के दावे लाख किए जा रहे हों लेकिन हकीकत में उर्वरक के लिए किसान मारा-मारा घूम रहा है। समितियों में कालाबाजारी का खेल चल रहा है।किसानों से निर्धारित दामों से अधिक की वसूली की जा रही है। भ्रष्टाचारी पर कार्रवाई करने के बजाय उसके संरक्षणदाता अधिकारी ही बन रहे हैं।अब जब इस तरह से भ्रष्टाचारी बेलगाम रह गरीबों का खून चूसते रहेंगे तो फिर इन पर कार्रवाई करेगा कौन यह एक बडा और बिचारणीय प्रश्न है।फतेहपुर जिले में किसानों को सुलभता से खाद मिले इसके लिए 71 साधन सहकारी समितियों एवं 450 निजी दुकानों के माध्यम से डीएपी यूरिया सहित अन्य उर्वरक मुहैया कराने की व्यवस्था की गई है।जिले के किसानों के लिए रबी की फसल में जितनी डीएपी,यूरिया एवं अन्य उर्वरकों की आवश्यकता है उसके लक्ष्य के सापेक्ष पर्याप्त मात्रा में उर्वरक है ही नहीं।इसी का नतीजा है कि किसान खाद के लिए दर-दर की ठोकरें खाता घूम रहा है। साधन सहकारी समितियों में सत्ताधारियों ने कब्जा जमा कर रखा है और इसी के चलते वहां खुलेआम मनमाने तरीके से अधिक दामों में उर्वरकों की बिक्री की जा रही है।सत्ताधारियों का संरक्षण मिलने के चलते सचिव बेलगाम हो गए हैं।खुलकर गोल गफन कर रहे हैं। बार-बार किसानों की मिल रही शिकायतों पर जिला कृषि अधिकारी बृजेश सिंह निरीक्षण तो करते है लेकिन किसानों के लिए समास्यायें जस की तस बनी हुई है।तभी तो किसान फटेहाल घूम रहा है एक जानकार सूत्रों के मुताबिक राधानगर स्थित एक दलाल के माध्यम से जनपद के अधिकतर खाद व्यापारियों से महीनें भर की अवैध वसूली होती है जिसके चलते कोई कार्यवाही नही हो पाती है।

युपी फतेहपुर के धाता नगर पंचायत में विगत 7 दिनों से चल रही रामलीला में बुधवार को मंचासिन व्यासों ने गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित श्री रामचरित मानस के चौपाइयों के आधार पर लीला में मेघनाद शक्ति का लक्ष्मण मूर्छा और कुंभकरण व मेघनाद के वध की लीला का मंचन कराया।मेघनाद शक्ति की लीला में लक्ष्मण को शक्ति लगने पर वो मूर्छित हो जाते है,तब मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम व्याकुल होकर विलाप करने लगते है।विभीषण की सलाह पर हनुमान जी सुषेण वैद्य को लंका से लाते है तब वैद्य बताते है कि सूर्योदय से पूर्व संजीवनी बूटी से ही लक्ष्मण के प्राण बचाए जा सकते है।तब हनुमान संजीवनी बूटी लाते है और लक्ष्मण के प्राण बच जाते है।रामादल में जयजयकार होने लगती है।फिर मेघनाद और लक्ष्मण का युद्ध होता है और लक्ष्मण अपने बाणों से मेघनाद का वध कर देते है।उसके बाद कुंभकरण को निद्रा से युद्ध हेतु जगाया जाता है और रावण की आज्ञा से कुंभकरण युद्धभूमि पहुंचता है। भगवान राम और कुंभकरण का युद्ध होता है जिसमे कुंभकरण का वध हो जाता है और पूरी वानरी सेना में भगवान राम और लक्ष्मण की जय जयकार होती है।मंचासीन व्यासो में रतीभान पांडेय,श्याम नारायण द्विवेदी,गोवर्धन शास्त्री एवं अन्य शास्त्र पारंगत महानुभाव के साथ राजनारायण शुक्ला,प्रशांत मिश्रा,बुधसागर मिश्रा,अभय राज मिश्रा,सभासद प्रतिनिधि जयचंद्र सोनकर एवं मेले में दर्शकों की भारी संख्या उपस्थित रही।मेला प्रबंधक चौधरी चंदन सिंह ने बताया कि कल मेले के आखिरी दिन शाम 5 बजे भगवान अपनी सेना व राक्षसी सेना के साथ नगर भ्रमण करने के पश्चात अहंकारी रावण के वध की लीला का मंचन किया जाएगा

युपी के फतेहपुर धाता नगर के ऐतिहासिक सूर्य कुंड पक्का तालाब मेला 23 नवम्बर से शुरू है। मेले में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी किसान मानव मेला कमेटी नगर पंचायत कारीकान धाता सूर्यकुंड पक्का तालाब मेले में जादू शो के अवसर पर धाता नगर पंचायत अधिसाशी अधिकारी अजीत कुमार बागी ने फीता काटकर जादू का शुभारंभ किया जादूगर गोगा ने अदभुत जादू दिखाकर लोगो का मनमोह लिया धाता क़स्बे में नवदुर्गा पूजा रामलीला कमेटी द्वारा आयोजित होने वाले सूर्य कुंड पक्का तालाब मेले में नगर पंचायत अधिशासी अधिकारी अजीत कुमार बागी ने कहा कि मेला पुरानी परम्परा का प्रतीक है, इसे बनाए रखना हम सभी लोगो की जिम्मेदारी है। उन्होंने मेले में आए दुकानदारों और खेल तमाशा बालो का पूरा ख्याल रखने का अश्वासन दिया। थाना प्रभारी वृंदावन राय ने बताया कि पूरी तरह से सुरक्षा व्यवस्था बनाये रखते मेला परिसर में चप्पे चप्पे पर पुलीस मौजूद है इस अवसर पर मेला प्रबंधक चन्दन सिंह, चेयरमेन प्रतिनिधि राजू सरोज, अल्पनारायण सिंह, अभय राज मिश्रा,देवेश त्रिपाठी,मोहम्मद कलीम, विजय नामदेव, प्रेम सिंह चुन्नू पाण्डेय लवलेश सोनकर जयचन्द सोनकर गब्बर केसरवानी, सुनिल साहित लोग मौजूद रहे।

युपी फतेहपुर विजयीपुर क्षेत्र के कृषि उत्पादक मंडी किशनपुर में धान खरीद के लिए तीन कांटे लगाए गए है। जहां दो विपणन शाखा द्वारा और एक भारतीय खाद्य निगम द्वारा धा न खरीद कराई जा रही है। मंगलवार को विपणन शाखा के दोनों कांटों में किसानों की लाइन लगी दिखाई दी। जहां वाहनों में धान लादकर किसान अपनी बारी आने का इंतजार करते रहे। वहीं भारतीय खाद्य निगम के केंद्र में सन्नाटा पसरा रहा यहां एक भी किसान नहीं पहुंच सका। एफसीआई केंद्र प्रभारी अतीक अहमद ने बताया कि ट्रांसपोर्टर गाड़ी नहीं भेज रहे जिस कारण खरीद नहीं हो पा रही है, यहां पर अब तक धान की खरीद नहीं की जा सकी। विपणन शाखा के केंद्र प्रभारी प्रेम प्रकाश ने बताया कि एक हजार कुंतल की खरीद प्रतिदिन हो रही है, इस दौरान बिन ा टोकन के आने वाले किसानों के कारण भीड़ दिखाई दे रही है। बताते है कि पूर्व में अतीक अहमद द्वारा असोथर में तैनाती के दौरान भी किसानों का धान नहीं खरीदा जा सका था। वहीं असोथर क्षेत्र में विपणन विभाग के छह धान क्रय केंद्र में किसानों के ऑनलाइन आवेदन के बावजूद पोर्टल पर सत्यापन नही हो रहा। जिससे धान तौल अटकी हुई है, किसा नों का आरोप है कि शिकायत के बाद भी सु नवाई नहीं हो पा रही। आलम यह है कि केंद्रो में धान तो डाल दिया है ,कागज सत्यापन न होने के कारण तौल नही हो पा रही। तिरपाल डालकर किसान घेरे है जगह असोथर मंडी में जिन किसानों का सत्यापन हो चुका है उनको घान रखने की जगह न मिलने के कारण तिरपाल डालकर जगह घेरे दिखाई दे रहे है। किसानों का आरोप है कि एमआई नमी का बहाना बनाकर तौल के लिए मना कर देते है। जिससे मंडी में बड़ी संख्या में किसानों का धान रखा हुआ है। क्षेत्र में किसानों का कहना है कि बाजार में धान की सही कीमत नहीं मिल पाती।

युपी फतेहपुर के विजयीपुर। कस्बे के एक विद्यालय में15 दिवसीय स्काउट गाइड शिविर का मंगलवार समापन हो गया। प्रशिक्षक संतराम सिंह की अगुवई में कैडेट्स को गांठे बांधना, सेतु का निर्माण करना तथा आपदा प्रबंधन सहित विपरीत परिस्थितियों में कार्य करने तथा जीवित रहने के गुर बताए गए। इसके अलावा आर्ट और क्राफ्ट का प्रदर्शन किया गया। नायब तहसीलदार शशांक राय ने कहा कि व्यक्तित्व निर्माण के लिए स्काउट और गाइड का प्रशिक्षण हर छात्र को लेना चाहिए। इस मौके पर पीयूष सिंह, हरिशंकर आदि मौजूद रहे।

युपी के फतेहपुर खागा,। नगर में कई बैंकों के एटीएम बूथ होने के बावजूद लोगों को कैश एवं अन्य बैकिंग सुविधाओं के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। मुसीबत की जड़ में इनमें से अधिकतर एटीएम बूथों का अक्सर बंद रहना है। इससे ग्राहकों में खासा रोष है। कहने के लिए तो नगर में कई बैंकों के एटीमए बूथ हैं लेकिन इनमें से अधिकांश अक्सर बंद रहते हैं। नगर में एसबीआई, पीएनबी, बीओबी, एक्सिस, आईसीआईसीआई और एचडीएफसी जैसे प्रतिष्ठित बैंकों के एटीएम बूथ स्थापित किए गए हैं। जीटी रोड स्थित एसबीआई का एटीएम बैंक शाखा में स्थित है लेकिन उसे भी सप्ताह में सभी दिन संचालित नहीं किया जाता है। उपभोक्ताओं ने बताया कि रविवार व अवकाश के दिनों में जब उन्हें नकदी की सख्त जरूरत होती है तो एटीएम बूथ बंद मिलता है। बीओबी व एक्सिस बैंकों के एटीएम बूथ भी आए दिन बंद ही रहते हैं। इस स्थिति में लोगों को कैश लेने में खासी दिक्कतें हो रही हैं। रात में सुरक्षा का तर्क देकर जिम्मेदार पहले से ही एटीएम बूथ बंद कर देते हैं। अब दिन में भी एटीएम के संचालन पर उदासीनता बरती जा रही है। जबकि एटीएम की स्थापना का मकसद ही ग्राहकों को प्रत्येक समय कैश एवं अन्य बैकिंग सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना था। बैंक उपभोक्ताओं का कहना है कि जब एटीएम की नियमित सेवा ही नहीं देना है तो फिर बैंक प्रत्येक वर्ष एटीएम कार्ड की फीस क्यों वसूलते हैं। लोगों ने कहा कि बैंकों को अपनी एटीएम सेवाएं दुरुस्त करनी होंगी अन्यथा जल्द ही उच्च अधिकारियों से इसकी शिकायत की जाएगी। फिर भी हल नहीं निकला तो धरना प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होंगे।