युपी के फतेहपुर ।सर्दी के साथ शुरू होने वाले कोहरे के चलते रोडवेज ने करीब बीस दिन पूर्व से निगम की सभी बसों के शीशों सहित रबर की जांच शुरू करा दी थी। जिन बसों में कमियां पाई गईं, उन्हे भी दुरुस्त करवा लिया गया। फोरमैन सुरेश चंद्र ने बताया कि पूर्व में अनुबंधित बसों में शीशे व सीटें दुरुस्त न मिलने के चलते सम्बंधितों को इसको दुरुस्त करवाए जाने के निर्देश दिए गए थे। जिसके बाद अनुबंधित बसों की व्यवस्थाओं को भी दुरुस्त करवा लिया गया। बताया कि कोहरे के समय फांग लाइट के स्थान पर बसों में ऑल वेदर बल्ब लगवाए जाते रहे हैं। लेकिन पूर्व में होने वाली परेशानियों को देखते हुए इसकी पहले से ही मांग कर सर्दी व कोहरे से पूर्व कीसभी तैयारियों को पूरा कर लिया गया है। ऑल वेदर बल्बों को लगवाए जाने के काम को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है। बसों की नियमित जांच करवाकर यात्रियों की परेशानियों को देखते हुए व्यवस्थाएं चाक चौबंद करवाई जा रही है। -विपिन कुमार अग्रवाल, एआरएम
युपी के फतेहपुर धाता नगर पंचायत में श्री नवदुर्गा पूजा रामलीला कमेटी द्वारा प्रतिवर्ष वार्षिक मेला महोत्सव का आयोजन होता है।ऐतिहासिक रामलीला मेला 23 नवम्बर से 30 नवंबर तक चल रहा है। रामलीला मेले के लिए जरूरी तैयारियां पूरी हो चुकी है।रामलीला में मंचन करने वाले पात्रों के लिए परंपरागत वस्त्र, धनुष बाण, गदा, मुकुट और मुखौटे तैयार हो चुके है। रावण का विशालकाय पुतला लगभग बनकर तैयार हो चुका है। इस बार 40 फिट ऊंचा रावण का पुतला बन रहा है।कारीगर राम सिंह उर्फ टन्ना कहार की देखरेख में रावण के पुतले का निर्माण किया जा रहा है।पिछले साल की तरह इस साल भी रावण के साथ ही कुछ छोटे पुतले का भी निर्माण किया जा रहा है। रावण बांस के ढांचे पर कपड़े और कागज से तैयार किया जा रहा है। इसमें आतिशबाजी की सामग्री भी भरी जाएगी।विगत वर्षो की भांति इस वर्ष भी ऐतिहासिक हिन्दू मुस्लिम एकता का प्रतीक किसान मानव मेला कमेटी नगर पंचायत कारीकान धाता सूर्यकुंड पक्का तालाब गांधी चबूतरा के मैदान पर किसान मेला 23 नवम्बर से दिनांक 30 नवम्बर तक मेला लगेगा।मेला प्रबंधक चौधरी चंदन सिंह ने बताया कि मेले के आखिरी दिन 30 नवंबर को शाम 05:00 बजे भगवान श्री राम और उनकी पूरी सेना के साथ नगर भ्रमण करते हुए मेला प्रांगण में पहुंचकर विमान में सवार होकर अहंकारी रावण का वध करेंगे।
फतेहपुर,। ध्वस्त शहर की ट्रैफिक व्यवस्था के कारण सहालग में सड़कों पर हर कदम परजाम में फंस कर राहगीर पैदल निकलने को हांफते रहे। हरिहरगंज ओवर ब्रिज के पास रोडवेज बस के बिगड़ने से भीषण जाम लग गया। गाजीपुर बस स्टाप से अटल तिराहे तक वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं। बस के सही होने पर करीब डेढ़ घंटे बाद में वाहनों के पहिए हिले। सुबह मिशन अस्पताल हरिहरगंज के पास बस खराब होते ही आवागमन ठिठक गया। ई-रिक्शा चालकों की मनमानी से दो पहिया और पैदल निकलने की गुंजाइश खत्म हो गई। करीब डेढ़ घंटे तक डेढ़ किमी तक वाहनों की कतारें लगी रहीं। सूचना पर चौकी प्रभारी हरिहरगंज ने जाम खुलवाने के लिए कसरत शुरू की लेकिन सफलता नहीं मिली। वर्कशाप से आए मिस्त्रित्त्यों ने बस रवाना की। रास्ता बदलने पर अन्य मार्ग भी हुए जाम रास्ता बदल देवीगंज स्थित सर्विस लेने से होते हुए वाहनों को निकाला जाता रहा। सर्विस लेन सहित गंगानगर से शादीपुर रेलवे क्रासिंग जाने वाले मार्ग पर वाहल रेंगते दिखेे। शादीपुर चौराहा भी जाम में जूझा शादीपुर से पटेलनगर मार्ग पर भी भीषण जाम लगा रहा है। शाम चार बड़े आड़े तिरछे वाहनों के निकलने और ई रिक्शा की मनमानी ने आवागमन रोक दिया। काफी देर तक लोग जाम में जूझे। करीब आधा घंटे बाद किसी कर वाहनों का रेंगना शुरू हुआ।
भिटौरा के प्रतिबंधित घाट में नहाने पहुंचा युवक गंगा में डूबा फतेहपुर। भिटौरा के प्रतिबंधित घाट में नहाने पहुंचा युवक गंगा नदी में डूब गया। युवक पड़ोसी के अंतिम संस्कार में शामिल होेने के लिए यहां पहुंचा था। पुलिस ने तीन घंंटे तक युवक की तलाश कराई। शहर के कोतवाली क्षेत्र में तुराब अली का पुरवा निवासी सूरज कोरी (28) पुत्र दिल्ली स्थित एक फैक्टरी में सिलाई का काम करता है। दीपावाली के दौरान वह घर आया था। मंगलवार सुबह उसके पड़ोस में रहने वाले एक व्यक्ति की मौत हो गई। उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए वह भी भिटौरा स्थित गंगा घाट पहुंचा। वहां अंतिम संस्कार के बाद वह पड़ोसियों के साथ पुराने पक्के घाट(प्रतिबंधित घाट) में नहाने चला गया।इस दौरान उसका संतुलन बिगड़ा और वह पानी के तेज बहाव के साथ बह गया। उसके साथ मौजूद पड़ोसियों ने बचाने का प्रयास किया लेकिन वह हाथ नहीं लगा। शोर होने पर घाट के किनारे लोगों की भीड़ लग गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने गाेताखोरों के माध्यम से युवक की तलाश कराई। लेकिन कुछ नहीं पता नहीं लगा। मामा चंद्रप्रकाश ने बताया कि करीब पांच साल पहले सूरज के पिता की मौत हो गई थी। घर में मौजूद बहन हिमांशी, सुनैना राधिका और मां श्यामा देवी का रो-रो कर बुरा हाल है। प्रभारी निरीक्षक राजेंद्र सिंह ने बताया कि बुधवार को फिर से मृतक के शव की तलाश की जाएगी। प्रतिबंधित घाट में नहीं चेतावनी बोर्ड भिटौरा का पुराना पक्का घाट नहाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबंधित है, लेकिन अब तक वहां कोई चेतावनी बोर्ड नहीं लगा है। इससे पहले कई लोग वहां हादसे का शिकार हो चुके हैं। पुलिस सिर्फ अमावस्या और पूर्णिमा जैसे विशेष पर्व पर ड्यूटी लगा कर खानापूरी कर देती है। अन्य सामान्य दिनों में प्रतिबंधित घाट की जानकारी देने के लिए कोई सूचना बोर्ड तक नहीं है।
फतेहपुर। प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत पांच अपात्रों को आवास आवंटित करने के मामले में आखिरकार सचिव पर गाज गिरी है। सचिव के साल 2024 के वेतन वृद्धि में स्थायी तौर पर रोक लगा दी गई है। इसके अलावा आवास का लाभ लेने वालों को दोषी माना गया है, जबकि सेक्टर अधिकारी व बीडीओ को जांच के दायरे से बाहर कर दिया गया है। यह जांच दो साल तक चली। विकास खंड गाजीपुर में वर्ष 2021 में पांच अपात्रों को पीएम आवास योजना का लाभ दिया गया। इसकी शिकायत पर तत्कालीन जिला ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक महेंद्र प्रसाद चौबे ने जांच की। उन्होंने 28 दिसंबर 2021 को अपनी रिपोर्ट तत्कालीन डीएम को सौंपी। इसमें अपात्रों को आवास देने की बात कही गई। इसके बाद तत्कालीन डीएम ने अपात्रों से वसूली और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद भी दो सालों तक जांच कागजों पर ही चलती रही। डीएम सी. इंदुमती ने मामला संज्ञान में डीपीआरओ को फटकार लगाते हुए जल्दी ही कार्रवाई पूरी करने के निर्देश दिए। इसके बाद डीपीआरओ उपेंद्र राज सिंह ने तत्कालीन सचिव अनूप सिंह के खिलाफ वेतन वृद्धि की कार्रवाई की। डीपीआरओ की रिपोर्ट में लाभार्थी दोषी दर्शाए गए हैं, जबकि सेक्टर अधिकारी और बीडीओ को रिपोर्ट से बाहर कर दिया गया है। इसमें छह लाख की वसूली का भी आदेश दिया गया है।
विजयीपुर,।परिषदीय स्कूलों में बच्चों को पौष्टिक आहार परोसने की व्यवस्था कागजों में सिमट गई है। साप्ताहिक आहार तालिका (मेन्यू) के मुताबिक एमडीएम परोसा जाना दूर यमुना कटरी के स्कूलों की रसोई ठंडी पड़ी है। मंगलवार को प्रा.वि.वलीपुर रमसगरा के बच्चे मध्याह्न भोजन योजना (एमडीएम) के लिए स्कूल की रसोई ताकते रहे लेकिन उन्हें भोजन नसीब नहीं हुआ। प्राथमिक विद्यालय वलीपुर रमसगरा मजरे रामपुर में मंगलवार को बच्चे शांत बैठे नजर आए। पूछने पर पता चला कर उन्हें दोपहर का भोजन नहीं परोसा गया। 75 बच्चों के सापेक्ष मौजूद तीस बच्चों की निगाह रसोई पर टिकी थी। सहायक अध्यापक अनुराग सिंह ने बताया कि प्रधानाध्यापक कृष्णकांत शर्मा क्यों नहीं आए, उन्हें जानकारी नहीं है। रसोईया आई थी लेकिन रसोईघर में राशन नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि प्रधानाचार्य कभी-कभार आते हैं। बच्चों को कभी नियमित भोजन नहीं मिलता। दूध-फल भले कागजों में वितरित किया जा रहा हो लेकिन बच्चों को नहीं मिलता है। विजयीपुर बीईओ रजनीश श्रीवास्तव ने बताया कि विद्यालय में खाना न बनना चिंताजनक है। प्रधानाध्यापक की लापरवाही है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। दाल चावल परोसना था वह भी नहीं मंगलवार को मेन्यू के मुताबिक दाल चावल परोसा जाना था। मानक के मुताबिक तीस बच्चों में पांच सौ ग्राम दाल, तीन किलो चावल और डेढ़ सौ ग्राम तेल की जरूरत थी लेकिन इसे लापरवाही कहें या बच्चों के निवाले पर डाका, स्कूल की रसोई में वह भी उपलब्ध नहीं था।
अध्यापक का ड्यूटी के दौरान विद्यालय में सोने का फोटो सोशल मीडिया में प्रसारित युपी के फतेहपुर के धाता विकासखंड के परवेजपुर प्राथमिक विद्यालय में तैनात एक सहायक अध्यापक का फोटो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है। वायरल फोटो में सहायक अध्यापक ड्यूटी के दौरान विद्यालय परिसर में सो रहा है हालांकि फतेहपुर मोबाइल वाणी फोटो की पुष्टि नहीं करता हैं। सरकार के मंसूबों में पलीता लगाती सोशल मीडिया में प्रसारित हो रही फोटो यह धाता विकासखंड के प्राथमिक विद्यालय परवेजपुर में तैनात सहायक अध्यापक हेमंत कुमार पाल की बताई जा रही है। स्कूल पर पढ़ने वाले कई बच्चों ने बताया कि हेमंत कुमार सहायक अध्यापक पद पर तैनात है। विद्यालय पहुंचने के बाद यह बच्चों को पढाने की बजाय ज्यादा तक सोते रहते हैं। विद्यालय पर तैनात प्रधानाध्यापक कभी भी सहायक अध्यापक हेमंत कुमार को उनकी इस कार्य शैली पर नहीं रोकते हैं। जिससे आए दिन वह विद्यालय परिसर में ड्यूटी के दौरान खर्राटे भरते रहते हैं। वही बताया जा रहा है कि मंगलवार को विद्यालय पहुंचने के बाद सहायक अध्यापक हेमंत कुमार पाल कार्यालय के पास कुर्सी पर बैठकर सोने लगे। उनके सोते ही किसी ने उनकी फोटो खींच ली और फिर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। फोटो वायरल होने के बाद शिक्षा विभाग के लोगों के बीच हड़कंप मच गया। वही मामले में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि मामला संज्ञान में है खंड शिक्षा अधिकारी को अध्यापक के खिलाफ जांच के निर्देश दिए गए हैं। जांच के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी।
मतदाता जागरूकता अभियान जिला मुख्यालय तक ही सीमित मतदान के दिन खुलती है मतदाता जागरूकता अभियान की पोल मौत का कुआं,सर्कस में एक खेल खेला जाता है। जिसमें कुएं के आकार का एक पिंजरा बनाया जाता है। इस पिंजरे के अंदर मोटरसाइकिल चालक अपना कौशल दिखता है। दर्शक इस कला को देखकर ताली बजाने को मजबूर हो जाते है। आज ऐसा ही खेल स्वयंसेवी संस्थाएं वा प्रशासन के नुमाइंदे खेल रहे है। स्वास्थ्य से संबंधित सरकारी योजनाएं हो या फिर किसानो की हित की योजनाये सभी जिला अधिकारी कार्यालय तक ही सीमित रहती यदि संबंधी अधिकारियों की इच्छा हुई तो बच्चों की एक रैली निकालकर प्रचार प्रसार का अंत कर दिया जाता है। ऐसा ही कुछ मतदाता जागरूकता अभियान को सर्कस रूपी कुए के अंदर ही खेलने का काम किया जा रहा है। कहने का मतलब यही है कि जिला मुख्यालय के अलावा ऐसी योजनाओं को ग्रामीण इलाको तक पहुंचाया नहीं जा रहा है। जिससे योजनाएं अपने उद्देश्य को पूरा ही नहीं कर पाती। इन दिनों मतदाता जागरूकता अभियान को लेकर काफी शोर मचाया जा रहा है सरकारी स्तर पर हो या फिर स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा किया जाने वाला प्रचार प्रसार जो एक सीमा के अंदर बंधा नजर आ रहा है। शपथ भी आपस में ही दिलाई जा रही है। हस्ताक्षर अभियान जिला मुख्यालय में चला कर मतदाता जागरूकता अभियान का अंत कर दिया जाएगा। जिस अभियान की जरूरत ग्रामीण इलाकों में होनी चाहिए वह इलाके पूरी तरह से अछूते रहते हैं। संबंधित सरकारी कर्मचारी हो या ऐसे अभियानो का ठेका लेने वाले स्वयंसेवी संस्थाएं सभी मौत के कुएं की तरह ही हैं जो सर्कस में बनाए गए इस कुएं में अपना कौशल दिखाने का काम कर रहे हैं। जिसके कारण ही पंचायती चुनाव हो या फिर लोकसभा व विधानसभा के चुनाव सभी चुनाव में अक्सर यह देखा जाता है कि तमाम जीवित लोगों के नाम मतदाता सूची में नहीं रहते जबकि जिनकी मौत हो चुकी होती है उनके नाम मतदाता सूची में नजर आते हैं सर्कस रूपी कुएं के अंदर खेले गए खेल के कारण ही इस तरह की स्थिति उत्पन्न होती है। सवाल तो स्वयंसेवी संस्थाओं के अलावा सरकारी नुमाइंदों से पूछा जाना चाहिए कि मतदाता जागरूकता अभियान को ग्रामीण इलाकों तक क्यो नहीं पहुंचाया जा रहा है। जिससे मतदान के दिन लगने वाले आरोपी से बचा जा सके।
फलों के अलावा इन सब्जियों की मदद से भी चेहरा चमका सकते हैं आप, जानें इसका सही तरीका हम सभी को अक्सर ये सलाह मिलती है कि अपनी डाइट में ज्यादा से ज्यादा फलों और सब्जियों को शामिल करें। इनके सेवन से शरीर अंदर से तंदरूस्त बनता है। ऐसे में बड़े से लेकर बच्चे तक अपने खाने में फल और ज्यादा से ज्यादा सब्जियों का इस्तेमाल करते हैं। शरीर की आंतरिक तंदरूस्ती मजबूत करने के साथ बाहर से भी त्वचा की रंगत निखारना बेहद जरूरी होता है। बाहरी त्वचा की रंगत निखारने के लिए बाजार में कई प्रकार के फलों से बने फेसपैक मिल जाते हैं, पर क्या आप जानते हैं कि सब्जियों के बने फेसपैक के इस्तेमाल से भी आपकी त्वचा खिल उठेगी। इसके लिए आपको ज्यादा मेहनत करने की जरूरत भी नहीं हैं। आज के लेख में हम आपको सब्जियों के बनें कुछ फेसपैक बनाना बता रहे हैं। इन सब्जियों के फेसपैक के नियमित इस्तेमाल से आपकी त्वचा खिल उठेगी। इनका इस्तेमाल करना और इन फेसपैक को बनाना बेहद ही सरल है। खीरे का फेसपैक इसे बनाने के लिए सबसे पहले खीरे को छीलकर पीस लें। इसके बाद इसमें ठंडी ग्रीन टी को मिलाकर चेहरे पर लगाएं। तकरीबन दस मिनट के बाद आपको चेहरा धो लेना है। आप इसका इस्तेमाल हफ्ते में एक बार कर सकते हैं। टमाटर का पैक टमाटर का पैक तैयार करने के लिए आपको एक टमाटर का पल्प चाहिए। इसके साथ ही एक टीस्पून गुलाब जल और चौथाई टीस्पून नींबू के रस की आपको जरूरत पड़ सकती है। ऐसे करें तैयार एक कटोरे में इन सभी चीजों को मिलाकर इससे अपने चेहरे पर मसाज करें। मसाज करने के बाद तकरीबन 5 मिनट चेहरे को ऐसे ही रखें और फिर चेहरा धो लें। अगर आप 15 दिन में इस पैक का इस्तेमाल करेंगे तो आपकी त्वचा खिल उठेगी। पालक का फेसपैक इसे तैयार करने के लिए आपको साफ किए हुए पालक की थोड़ी सी पत्तियों की जरूरत पड़ेगी। इसके साथ ही इसमें मिलाने के लिए आपको आधा केला चाहिए होगा। ऐसे करें तैयार इस पैक को तैयार करने के लिए सबसे पहले इन दोनों चीजों को मिक्सी में पीस कर पेस्ट बना लें। इसके बाद इसे दस मिनट के लिए चेहरे पर लगाएं। दस मिनट के बाद चेहरे को गुनगुने पानी से धो लें। आप 15 दिन में एक बार इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
घर में भूल से भी न लगाएं ये चार पौधे, मानें जाते हैं बेहद अशुभ दुनिया में ऐसे बहुत से लोग होते हैं, जिन्हें पेड़-पौधों से बहुत लगाव होता है। अक्सर लोग अपने घर में भी साज-सज्जा के लिए हरे-भरे पेड़-पौधे लगाते हैं। ये पेड़-पौधे देखने में तो अच्छे लगते ही हैं, साथ ही ये पर्यारण के लिए भी अच्छे माने जाते हैं। वहीं वास्तु शास्त्र में भी हरे भरे पेड़-पौधो को शुभ माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में लगे पौधे सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं, जिससे घर में सुख-समृद्धि आती है। वहीं जाने अनजाने में हम कुछ ऐसे पौधे भी लगा लेते हैं जो देखने में तो काफी सुंदर होते हैं, लेकिन वास्तु के अनुसार ये शुभ नहीं माने जाते हैं। इन पौधों से घर में नकारात्मकता आती है, इसलिए भूल से भी इन पौधों को घर में नहीं लगाना लगाना चाहिए। आइए जानते हैं कौन से वे पौधे हैं, जिन्हें घर में नहीं लगाना चाहिए... कैक्टस कैक्टस देखने में तो काफी खूबसूरत लगते हैं, लेकिन वास्तु में इन पौधों को शुभ नहीं माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर पर कैक्टस या कोई भी कांटेदार पौधा नहीं लगाना चाहिए। इस तरह के पौधों से घर में नकारात्मक ऊर्जा आती है और परिवार में कलह-क्लेश बढ़ने लगता है। मेहंदी वैसे तो मेहंदी के पौधे को शुभ माना जाता है। ज्यादातर शुभ कार्यों में इसका इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन वास्तु के अनुसार घर पर मेहंदी का पौधा होना अशुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस पौधे में बुरी शक्तियों का वास होता है और ये पौधा जिस घर में होता है, वहां नकारात्मक ऊर्जा का संचार भी बढ़ने लगता है। बोनसाई घर में बोनसाई का पौधा रखना सही नहीं माना जाता है। वास्तु के जानकारों की मानें तो यह पौधा परिवार के सदस्यों की तरक्की में रुकावट पैदा कर सकता है। ऐसे में इस पौधे को घर के अंदर बिल्कुल नहीं लगाना चाहिए। सूखे हुए पौधे यदि घर में लगा कोई पौधा सूख रहा है या मुरझा रहा है तो इसे एक अशुभ संकेत माना जाता है। यह घर में किसी नकारात्मक ऊर्जा के होने का भी संकेत देते हैं। इसलिए ऐसी स्थिति में इन पौधों को घर से बाहर कर देना चाहिए।