युपी फतेहपुर, । दोआबा में कभी झीलों संग नदियों व तालाब किनारे मेहमान परिंदो (साइबेरियन पक्षी) का कलरव स्थानीय लोगो के लिए आकर्षण का केंद्र रहता था। लेकिन बढ़ते कंक्रीट के जंगल व सिकुड़ते झीलों के स्वरूप के कारण अब दोआबा से मेहमान परिंदो ने दूरी बना ली है। दीपावली के आसपास यहां पर अपना ठिकाना बनाने वाले मेहमान परिंदे होली तक यहां पर समय गुजारते रहे है। लेकिन वर्तमान में कहीं भी इन विदेशी पक्षियों की आमद न होने के कारण लोगो को अब भी इनके आने का इंतजार रहता है। बताते है कि पूर्व में इन्हे अखनई झील, ओमघाट से सहिमापुर के मध्य, बहुआ से बंधवा के मध्य, बिंदकी क्षेत्र के मानिकपुर तथा खागा क्षेत्र के नौबस्ता के आदि के आसपास देखा जाता रहा है। हजारों किमी की उड़ान भरकर पहुंचते थे पक्षी साइबेरियन पक्षी विदेशों से दोआबा तक हजारों किमी की दिन रात उड़ान भरकर पहुंचते थे। करीब पांच साल पूर्व तक इनको दोआबा में विभिन्न स्थानों पर देखा जाता रहा है। लेकिन झीलों का स्वरूप समाप्त होने के साथ ही तालाबों पर होने वाले कब्जे के कारण अब यह दोआबा से दूरी बना चुके है। दिनों दिन तालाबों पर कब्जा कर उसके स्थान पर खड़े होने वाले कंक्रीट के जंगलों के चलते इनका ठिकाना समाप्त हो चुका है। मेहमान परिंदो को भाता बीस डिग्री से कम टैंपरेचर विदेशों में सर्दी के समय जमने वाली बर्फ के चलते विदेशी पक्षी यहां पहुंचते रहे है। वन विभाग के अनुसार इन पक्षियों को बीस डिग्री से कम का टैंपरेचर ही रास आता है। जिससे यह परिंदे हजारों किमी दूर अपना आशियाना बनाते रहे है। इस अवधि के दौरान पक्षियों के होने वाले प्रजनन के दौरान इनका कुनबा भी बढ़ता रहा है। पानी को शुद्ध करने साथ खेती में भी सहायक डीएफओ रामानुज त्रिपाठी ने बताया कि इन विदेशी पक्षियों को लेकर विभिन्न भ्रांतियां रही है। लेकिन यह पर्यावरण संग किसानों के लिए खासे उपयोगी रहते है। बताया कि झीलों व तालाबों के किनारे पर बीमारी फैलाने वाले कीड़ो को यह अपना भोजन बनाकर पानी को शुद्ध करने का काम करते है।

युपी फतेहपुर। गांवों के विकास को पानी की तरह पैसा खर्च हो रहा हैं। बावजूद इसके ग्रामीणों ने गंदगी की जद में कैद है। चुनावी पैतरेबाजी और भ्रष्टाचार की जड़े गहरी होने के कारण गांवों के धरालत में दलदल नजर आ रहा है। भटपुरवा मजरे फुलवामऊ की आबादी गंदगी में कैद हैं। कीचड़ भरी सड़क में गिरते पड़ते लोग निकल रहे है। ग्रामीणों ने मामले की शिकायत की लेकिन ग्राम प्रधान से अधिकारियों तक मामले की सुध नहीं ली। राधानगर थाना क्षेत्र के भटपुरवा मजरे फुलवामऊ का एकमात्र व मुख्य रास्ता इन दिनों जर्जर अवस्था में है। रास्ते में कई गहरे गड्ढे हो गए हैं। कीचड़ व गंदगी भरे रास्तों से लोग गिरते पड़ते निकलते हैं। समस्या को लेकर ग्रामीण पंचायत व प्रशासनिक अधिकारियों से कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि एक तरफ जहां सरकार स्वच्छता अभियान चलाकर समूचे देश को स्वच्छ बना रही है वहीं गांव का प्रधान सफाई को नजरअंदाज कर रहा है। आये दिन होती है दुर्घटना रास्ते की हालत इतनी खराब है कि वाहन लेकर तो क्या पैदल निकलना भी मुश्किल है। दोपहिया वाहन चालक तो अक्सर दुर्घटना का शिकार होते रहते है। छोटे बच्चे, वृद्ध व महिलाएं अक्सर रास्ते में व्याप्त कीचड़ व गंदगी की चपेट में आकर चोटिल होते रहते हैं। अंधेरा होने पर तो रास्ते से निकलना भी मुश्किल हो जाता है।

युपी फतेहपुर,। कोई गोद में उठाकर अपने मरीज के इलाज के लिए हांफ रहा है तो किसी के कंधे स्ट्रेचर बन गए हैं। अस्पताल में तैनात वार्ड ब्वाय किसी की सुनते नहीं मजबूरन तीमारदारों को किसी तरह स्ट्रेचर मिला भी तो उसे खुद ही खींचना पड़ता है। मेडिकल कालेज बनने के बाद बेहतरी के दावों की कलई खुल गई। अंधेर यह है कि बदहाली पर अफसर चुप और बीमार परेशान हैं। जिला अस्पताल से गुरूवार को एक बार फिर दो वीडियो वायरल हुए जिसमें तीमारदार अपने मरीजों को कंधे और गोद में उठाकर अस्पताल का चक्कर काट रहे हैं। आपका अपना फतेहपुर मोबाइल वाणी वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। बताया जा रहा है कि तीमारदारों ने स्ट्रेचर न मिलने पर मजूबरन दर्द से कराह रहे अपने मरीजों को कंधों में लाद लिया। हालांकि यह कोई पहली बार नहीं है। हर दिन जिला अस्पताल में व्यवस्था को शर्मसार करने वाले ऐसे नजारे देखने को मिल जाते हैं। नहीं सुनते हैं वार्ड ब्वाय जिला अस्पताल में आउट सोर्स और नियमित मिलाकर 34 वार्ड ब्वाय की तैनाती है, लेकिन ये वार्ड ब्वाय किसी की नहीं सुनते हैं। मरीजों के स्ट्रेचर और व्हीलचेयर साथ आए तीमारदारों को ही खींच कर ले जाना पड़ता है। हैरानी की बात यह है कि वार्ड ब्वाय अपना काम छोड़कर उगाही में लगे रहते हैं एक्सरे, अल्ट्रासाउंड कराने के नाम पर होती वसूली वार्ड ब्वाय सहित कुछ अन्य कर्मी एक्सरे और अल्ट्रासांउड कराने के नाम पर मरीजों से वसूली करने में लगे रहते हैं। दरअसल हर दिन एक्सरे और अल्ट्रासांउड के बड़ी संख्या में मरीज रहते हैं। अल्ट्रासांउड में तो एक हफ्ते की वेटिंग चलती है। इसी का फायदा वार्ड ब्वाय उठाते हैं। तत्काल एक्सरा और अल्ट्रासाउंड कराने की बात कह मरीजों से वसूली कर लेते हैं। *जिला अस्पताल में पर्याप्त स्ट्रेचर व्हीलचेयर हैं। मरीज को क्यों स्ट्रेचर नहीं मिला,जांच कराएंगे। सबंधित से जवाब मांग दोषी मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। -डॉ. पीके सिंह, सीएमएस जिला अस्पताल*

मतदाता जागरूकता अभियान के तहत विकास भवन में हस्ताक्षर अभियान चलाया गया और मतदान करने की शपथ दिलाई गई इस मौके पर सीडीओ समेत विकास भवन में उपस्थित अधिकारी मौजूद रहे

सरकारी कार्यालयों का हाल हवाल, नहीं बदलते दिख रहे हालात जिले के सरकारी अस्पतालों व विभागों की स्थिति भी चिंताजनक कितनों के खिलाफ लगा जुर्माना लोग प्रशासन से यह आंकड़ा जानना चाहते हैं कि सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान व तम्बाकू युक्त पदार्थों का सेवन करने वाले कितने लोगों पर अब तक जुर्माना ठोका गया है। आम तौर पर ऐसे लोगों पर कार्रवाई न होने से लोगों लोगों में कोई भय नहीं रह गया है। फतेहपुर/खागा,। सरकारी दफ्तरों, अस्पतालों एवं शिक्षण संस्थाओं समेत अन्य सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान, पान मसाला एवं गुटखा के सेवन पर रोक लगाने का सरकारी फरमान ‘तलबगीरों’ को नहीं रोक पा रहा है। सरकारी कार्यालयों एवं भवनों की गंदी दीवारें तथा सिगरेट के धुएं से लैस आबोहवा सारी कहानी कह रही हैं। तमाम बंदिशों के बावजूद अधिकारी, कर्मचारी एवं आम आदमी सरकारी कार्यालयों एवं संस्थाओं को गंदा बनाने पर तुले हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकारी कार्यालयों को धूम्रपान, गुटखा एवं पानमसाला से मुक्त करने का आदेश दिया था। प्रशासन ने इस बारे में संजीदगी से कदम भी उठाए लेकिन समय बीतते ही मुख्यमंत्री की मंशा हकीकत से दूर होने लगी। सरकारी कार्यालयों एवं अस्पतालों में अभी भी तलबगीर नियमों का मखौल उड़ा रहे हैं। हालांकि शिक्षण संस्थाओं को धूम्रपान एवं तम्बाकू मुक्त क्षेत्र घोषित किया है और इनके आसपास 100 मीटर तक तम्बाकू युक्त खाद्य पदार्थ बेचने पर पहले से ही मनाही है। इसके बावजूद शिक्षक एवं अभिभावक नियमों को धता बताने पर आमादा हैं। वहीं सार्वजनिक स्थानों में धूम्रपान पर पाबंदी होने के बावजूद सरेआम इस नियम की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। नियमों के उल्लंघन पर जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है लेकिन जिम्मेदार आम तौर पर नियम तोड़े जाने पर जुर्माना वसूली करते नहीं दिखते हैं। जिले के अधिकांश सरकारी कार्यालयों में पान मसाला, गुटखा व धूम्रपान का सेवन मजे से किया जा रहा है। बिडंबना की बात है कि इन दफ्तरों में काम करने वाले कर्मचारी व अधिकारी भी तम्बाकू एवं धुंआ युक्त नशीले पदार्थों का सेवन करते दिख जाते हैं तो फिर आम आदमी पर रोक कैसे लगे। साहब ही खाएं तो दूसरों को कौन समझाए!ऐसे कई कार्यालय हैं जहां आला अधिकारी और कर्मचारी तंबाकू, गुटखा, पानमसाला एवं धूमपान का सेवन करते दिखते हैं। इन दशा में अधीनस्थों के साथ थानों एवं आफिसों में आने वाले आम आदमियों में नियमों के उल्लंघन का भय नहीं है। बुद्धिजीवियों का कहना है कि सबसे पहले सरकारी कार्यालयों, अस्पतालों एवं शिक्षण संस्थाओं के प्रधानों पर यह रोक लगनी चाहिए। सेवन करते पाए जाने पर इनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए।

फतेहपुर/खागा,। दोआबा के सभी ब्लॉकों में स्थित ब्लॉक संसाधन केन्द्रों में आईसीटी लैब की स्थापना की जा रही है। पचास हजार रूपये की लागत से स्थापित हो रही इन सूचना एवं संचार तकनीकी प्रयोगशालाओं की मदद से छात्रों की पढ़ाई एवं प्रशिक्षण कराया जाएगा। शासन के निर्देश पर बीआरसी में स्थापित आईसीटी लैब नोडल के रूप में काम करेंगी। जिससे शिक्षकों के प्रशिक्षण व अन्य कार्यों के लिए अन्य कहीं जाने की जरूरत न पड़े। इस योजना के अन्तर्गत प्रत्येक बीआरसी पर एक इंटरऐक्टिव बोर्ड संचालित किया जाएगा। तकनीकी जानकारी वाले शिक्षकों को प्रशिक्षण देने की भी योजना है। तकनीकी प्रशिक्षण के मामले पर बीआरसी कर्मियों को इधर उधर भटकना पड़ता था लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। लैब की स्थापना के बाद इस समस्या का खात्मा हो जाएगा। बताया जा रहा है कि इस लैब के माध्यम से यू ट्यूब कक्षाएं भी संचालित की जाएंगी। शासन स्तर से होने वाले सजीव प्रसारण को भी देखा जा सकेगा। लैब के जरिए अफसर वीडियो कान्फ्रेन्सिंग कर शिक्षकों व बच्चों की जानकारी भी ले सकेंगे एवं आनलाइन बैठक की जाएगी। सभी बीआरसी को बजट दिया जा चुका है। लैब संचालक के लिए शासन स्तर से इलेक्ट्रिानिक उपकरण दिए जाएंगे। इस लैब के जरिए बेसिक शिक्षा के बच्चे व दफ्तर तकनीकी रूप से दक्ष हो जाएंगे बच्चों को कम्प्यूटर सिखाने में भी प्रयोग ब्लॉक संसाधन केन्द्रों में स्थापित आईसीटी लैब्स का प्रयोग बच्चों को कम्प्यूटर सिखाने में भी किया जाएगा। परिषदीय स्कूलों के बच्चों को प्राथमिक स्तर पर अब तक कम्प्यूटर की शिक्षा नहीं दी जाती है। उच्च प्राथमिक स्तर के बच्चों को कम्प्यूटर का प्रयोग करना सिखाने के लिए इन लैबों का प्रयोग किया जाएगा। शासन ने इससे पहले प्रत्येक ब्लॉक के चिन्हित कम्पोजिट एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों में पैल लैब की स्थापना भी कराई है।

युपी फतेहपुर, । बारिश के पानी को रेलवे लाइन पर जाने से रोकने के लिए प्लेटफार्मर नंबर एक पर कराए जाने वाले नाली निर्माण के काम में प्रयोग की जाने वाली पुरानी ईंटो को हटवा दिया गया। आपके अपने फतेहपुर मोबाइल वाणी में खबर के प्रकाशन के बाद अफसरों ने काम करवाने वाली संस्था को मानक के अनुरूप काम कराए जाने की घुड़की दी। जिसके बाद काम दुरुस्त हो सका। रेलवे लाइन पर पानी भरने के चलते सिग्नल फेल हो जाने की समस्या के मद्देनजर प्लेटफार्म नंबर एक पर नाली का निर्माण अमृत भारत रेलवे स्टेशन योजना के तहत करवाया जा रहा था। जिसमें पुरानी ईंटो का प्रयोग कर काम करवाए जाने में बरती जाने वाली लापरवाही पर खबर का प्रकाशन किए जाने पर जीएसयू (गति शक्ति यूनिट) के एडीईएन ने काम करवाने वाली संस्था को जमकर घुड़की देते हुए काम को मानक के अनुरूप कराए जाने के सख्त निर्देश दिए। जिसके बाद यहां पर प्रयोग की जाने वाली पुरानी ईंटो को तत्काल हटवाकर नई ईंटो को प्रयोग करने के साथ ही मोरंग व सीमेंट के मिश्रण को दुरुस्त करवाया गया।

  युपी फतेहपुर,। पशुपालकों द्वारा मवेशियों को छुट्टा छोड़े जाने का खामियाजा राहगीरों को भुगतान पड़ता है। सड़क पर विचरण करने वाले मवेशियों के चलते जहां आवागमन अवरुद्ध होता है वहीं इनके द्वारा किए जाने वाले हमले का भी हर समय भय बना रहता है। नगर पालिका द्वारा विचरण करने वाले मवेशियों को प्रतिदिन कैटल कैचर वाहन द्वारा पकड़वाकर कान्हा गौशाला भेजा जात है। इसके बावजूद अन्ना की आमद कम होने का नाम नहीं ले रही। शहर को अन्ना मवेशियों के मुक्ति दिलाए जाने के लिए प्रतिदिन नगर पालिका के कैटल कैचर वाहन में तैनात कर्मचारियों द्वारा सड़क पर आवारा घूमने वाले मवेशियों को पकड़ा जाता है। लेकिन पशुपालकों द्वारा छोड़े जाने के कारण जहां मवेशी कूड़े में अपना जीवन तलाश करते दिखाई देते है वहीं पॉलीथीन को निवाला बनाए जाने के कारण मवेशियों पर बीमारियों का खतरा भी मंडराता रहता है। नगर पालिका के एसआई राकेश कुमार गौड़ ने बताया कि प्रतिमाह करीब एक सैकड़ा के करीब मवेशियों को कान्हा गौशाला पहुंचाया जाता है। इस दौरान सांड को पकड़ने में अधिक समय लगने के साथ कर्मचारी चुटहिल भी हो जाते है। बताया कि यदि वाहन के माध्यम से यदि कोई पालतू मवेशी लाया जाता है।

काम की बात: फ्री में आधार अपडेट करने के लिए अब बचे हैं सिर्फ छह दिन, घर बैठे हो जाएगा काम, जानें तरीका यदि आपने अपने आधार कार्ड को पिछले 10 साल में एक बार भी अपडेट नहीं कराया है तो आपके लिए बड़ी खबर है। सरकार के नए नियम के मुताबिक यदि आपका आधार कार्ड 10 साल पहले बना है या 10 साल पहले अपडेट हुआ है तो आपको अपने आधार कार्ड को अपडेट करना होगा। इसके लिए आखिरी तारीख 14 दिसंबर तय की गई है। 14 दिसंबर वह तारीख है जिस दिन तक आप फ्री में अपने आधार कार्ड को अपडेट करा सकते हैं। यह काम आप किसी आधार सेंटर या खुद भी घर बैठे कर सकते हैं। यदि आप 14 दिसंबर तक अपडेट नहीं कराते हैं तो बाद में आपको अपडेट के लिए पैसे भी देने पड़ सकते हैं। आइए जानते हैं कि घर बैठे आप फ्री में अपने आधार कार्ड को कैसे अपडेट कर सकते हैंआधार अपडेट के लिए आपको दो जरूरी डॉक्यूमेंट की जरूरत होगी। पहला पहचान पत्र और दूसरा एड्रेस प्रूफ। आमतौर पर आधार अपडेट के लिए आधार सेंटर पर 50 रुपये का शुल्क लगता है लेकिन UIDAI के मुताबिक 14 दिसंबर तक यह सेवा फ्री है। पहचान पत्र के तौर पर आप वोटर कार्ड दे सकते हैं। मोबाइल या लैपटॉप से UIDAI की वेबसाइट पर जाएं। इसके बाद अपडेट आधार के विकल्प पर क्लिक करें। अब आधार नंबर डालकर ओटीपी के जरिए लॉगिन करें। इसके बाद डॉक्यूमेंट अपडेट पर क्लिक करें और वेरिफाई करें। अब नीचे ड्रॉप लिस्ट से पहचान पत्र और एड्रेस प्रूफ की स्कैन की हुई कॉपी को अपलोड करें। अब सबमिट पर क्लिक करें। इसके बाद आपको एक रिक्वेस्ट नंबर मिलेगा और फॉर्म सबमिट हो जाएगा। रिक्वेस्ट नंबर से आप अपडेट का स्टेटस भी चेक कर सकेंगे। इसके कुछ दिनों बाद आपका आधार अपडेट हो जाएगा।

डीएम ने विद्यालयों का निरीक्षण करते हुए विद्यालय की दीवाल पर अधिकारियों के नंबर अंकित करने के निर्देश दिए और साफ सफाई की व्यवस्था का भी जायजा लिया है