पानी में आर्सेनिक, लोह तत्व और दूसरे घातक पदार्थों की मात्रा महिलाओं के स्वास्थ्य पर सबसे बुरा असर कर रही है और फिर यही असर गर्भपात, समय से पहले बच्चे का जन्म या फिर कुपोषण के रूप में सामने आ रहा है. साथियों, हमें बताएं कि आपके परिवार में अगर कोई गर्भवति महिला या नवजात शिशु या फिर छोटे बच्चे हैं तो उन्हें पीने का पानी देने से पहले किस प्रकार साफ करते हैं? अगर डॉक्टर कहते हैं कि बच्चों और महिलाओं को पीने का साफ पानी दें, तो आप उसकी व्यवस्था कैसे कर रहे हैं? क्या आंगनबाडी केन्द्र, एएनएम और आशा कार्यकर्ता आपको साफ पानी का महत्व बताती हैं? और ये भी बताएं कि आप अपने घर में किस माध्यम से पानी लाते हैं यानि बोरवेल, चापाकल या कुएं और तालाबों से?
बिहार राज्य के भोजपुर ज़िला से मंतोष चौधरी ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि स्वच्छ जल पीना चाहिए। समय समय पर जल का जाँच करवाए। आने वाले भविष्य के लिए जल बचाना ज़रूरी है। जल से होने वाली बिमारियों से बच कर रहे
बिहार राज्य के भोजपुर जिला से ऋतिक कुमार ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि घरों से निकलने वाले सभी गंदे पानी जो नदी नहरों और तालाबों में बहती है। या फैक्टरी का सारा कचरा गन्दगी नदियों और तालाबों में गिर रहा है, जिसके कारण वहाँ पानी प्रदूषित हो रहा है और इस वजह से लोग बीमार हो रहे हैं। साथ ही लोग यहाँ वहां कचरा डालते हैं , हवा को प्रदूषित करते हैं।
बिहार राज्य के भोजपुर जिला से मंतोष चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि जल जमाव से अनेक प्रकार की बीमारिया उत्त्पन्न होती है। इन बिमारियों से बचने के लिए जल जमाव को रोकना चाहिए और अगर जल जमाव होता है तो उसमे ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करें
बिहार राज्य के भोजपुर जिला से सन्देश प्रखंड से रितिक कुमार ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि गर्मी के मौसम में अधिकार नल सुख जाते है और नल जल योजना के तहत सरकार हमारे घरों तक पानी पहुंचा रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि हमें पानी बर्बाद नहीं करना चाहिए
बिहार राज्य के भोजपुर जिला से सन्देश प्रखंड से रितिक कुमार ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि घर में या घर के आस पास जल जमाव होने से अधिक मच्छर पैदा होते हैं। और वे मच्छर बीमारी का कारण बनते हैं। इसलिए स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए और जल जमाव नहीं होने देना चाहिए
बिहार राज्य के नालंदा ज़िला के नगरनौसा प्रखंड से दीपा ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताती है कि इनके ग्राम में पानी की बहुत समस्या है। लम्बी लाइन लग कर पानी भरते है तभी ही पिने को थोड़ा पानी मिल पाता है। किसी किसी के घर में समर्सिबल लगा है। वही नल जल योजना के तहत भी सही लाभ नहीं मिल रहा है। पानी का अब दुरूपयोग करने से बचना है
इस कार्यक्रम में हम जलवायु परिवर्तन के कारण बदलते मौसम और असमान बारिश के पैटर्न से उत्पन्न हो रहे जल संकट पर चर्चा करेंगे। "मौसम की मार, पानी की तकरार" से लेकर "धरती प्यासी, आसमान बेपरवाह" जैसे गंभीर मुद्दों पर गहराई से विचार किया जाएगा। हम समझेंगे कि कैसे सूखा और बाढ़ दोनों ही हमारे जल संसाधनों को प्रभावित कर रहे हैं, और इन समस्याओं से निपटने के लिए सामूहिक और व्यक्तिगत स्तर पर क्या समाधान हो सकते हैं। हम आपसे जानना चाहते हैं – आपके इलाक़े में पानी की क्या स्थिति है? क्या आपने कोई जल संरक्षण के उपाय अपनाए हैं? या आप इस दिशा में कोई क़दम उठाने की सोच रहे हैं?
इस कार्यक्रम में हम जानेंगे कि कैसे गाँव के लोग मिलकर अपने समुदाय को मजबूत बना रहे हैं। जल संरक्षण, ऊर्जा बचत और आपदा प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सामूहिक प्रयासों की ताकत को समझेंगे। साथ ही, यह भी जानेंगे कि कैसे छोटे-छोटे कदम मिलकर बड़े बदलाव ला सकते हैं और गाँव के विकास में योगदान दे सकते हैं। क्या आपके समुदाय में ऐसे समूह हैं जो जल संरक्षण, आपदा प्रबन्धन या संसाधन प्रबन्धन पर काम करते हैं? अगर हाँ, तो हमें बताएं कि वे कैसे काम करते हैं? और अगर नहीं, तो इस कार्यक्रम को सुनने के बाद क्या आप अपने समुदाय में ऐसे सामूहिक प्रयास शुरू करने के लिए तैयार हैं?
इस कार्यक्रम में हम जानेंगे जल संरक्षण और ऊर्जा बचत से जुड़ी सरकारी योजनाओं के बारे में। साथ ही, यह कार्यक्रम बताएगा कि आप इन योजनाओं का लाभ कैसे उठा सकते हैं और अपने गाँव के विकास में कैसे योगदान दे सकते हैं। स्वच्छ पानी और सतत ऊर्जा के महत्व को समझते हुए, हम एक बेहतर कल की ओर कदम बढ़ाएंगे। क्या जल सरंक्षण की योजनाओं के बारे में आपने भी सुना है, क्या आप इन योजनाओं का लाभ आपने भी उठाया है, क्या आपके गाँव में जल सरंक्षण की कोई प्रेरणादायी कहानी है ?