आज के एपिसोड में हमलोग जानेंगे कि बारिश के पानी को कैसे बचाया जा सकता है ?इसके लिए हमलोगों को क्या क्या करना चाहिए ? साथ ही र्षा जल संचयन और भागीदारिता योजना क्या होता है ? ये सभी बातें जानने के लिए इस ऑडियो को सुने।

पानी में आर्सेनिक, लोह तत्व और दूसरे घातक पदार्थों की मात्रा महिलाओं के स्वास्थ्य पर सबसे बुरा असर कर रही है और फिर यही असर गर्भपात, समय से पहले बच्चे का जन्म या फिर कुपोषण के रूप में सामने आ रहा है. साथियों, हमें बताएं कि आपके परिवार में अगर कोई गर्भवति महिला या नवजात शिशु या फिर छोटे बच्चे हैं तो उन्हें पीने का पानी देने से पहले किस प्रकार साफ करते हैं? अगर डॉक्टर कहते हैं कि बच्चों और महिलाओं को पीने का साफ पानी दें, तो आप उसकी व्यवस्था कैसे कर रहे हैं? क्या आंगनबाडी केन्द्र, एएनएम और आशा कार्यकर्ता आपको साफ पानी का महत्व बताती हैं? और ये भी बताएं कि आप अपने घर में किस माध्यम से पानी लाते हैं यानि बोरवेल, चापाकल या कुएं और तालाबों से?

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दोस्तों, जल प्रबंधन का उद्देश्य जल संसाधनों का समुचित और स्थायी उपयोग सही ढंग से करना है। इसके तहत सामुदायिक-आधारित जल प्रबंधन पर जोर दिया जाता है, जिसमें गाँव के रहने वाले लोगो को जल प्रबंधन में शामिल किया जाता है। लेकिन कैसे होता है ये काम??? ये जानने और सिखने के लिए आइए सुनते है तनी बात तsss सुनी ये कड़ी

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नल जल योजना से जुड़ा नया कार्यक्रम सुनना ना भूले हर दिन सुबह 10 से 12 बजे और शाम 7 से 9 बजे तक भोजपुर मोबाइल वाणी पर। जिसका नाम है तनी बात त सुनी

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विशेषज्ञ श्री जिव दास साहू आलू की खेती के लिए खाद और सिचाई से जुड़ी जानकारी दे रहे हैं। इसकी पूरी जानकारी सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.

“प्रकृति के महत्व को अब जाने ये संसार छठ पूजा के पावन पर्व पर हो सभी का उद्धार…” “जग के कोने-कोने में ज्ञान का प्रकाश हो इस छठ पूजा हर कहीं सुख-शांति का निवास हो…” साथियों.... चार दिनों तक चलने वाली छठ महापर्व हिंदू समुदाय का एक मुख्य त्योहार है, जो मुख्य रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और झारखंड में मनाया जाता है। छठ पूजा का पर्व सूर्य देव को धन्यवाद देने और उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट करने के लिए मनाया जाता है। साथियों आप सभी श्रोतागणों को मोबाइल वाणी परिवार की और से छठ महापर्व की हार्दिक शुभकामनाएं.....

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विशेषज्ञ श्री जिव दास साहू आलू की खेती के लिए किस्म का चयन और लगाने की विधि के बारे में जानकारी दे रहे हैं। इसकी पूरी जानकारी सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.

साथियों , अनेकता में एकता का प्रतीक हमारे देश भारत ने खुद में कई विविधताओं को अपने अंदर समेटा हुआ है और पुरे साल पर्व - त्योहारों से यहां का वातावरण ऊर्जावान बना रहता है। एक पर्व जाता है और दूसरा पहले से ही दस्तक देने के लिए तैयार रहता है।इसी कड़ी में आज हम मना रहे हैं - दीपों का पर्व, दीपावली। साथियों इसी दिन भगवान श्री राम 14 साल के बाद ,अपने वनवास को पूरा कर के जब अयोध्या वापस लौटे थे,तब उनके स्वागत में अयोध्यावासियों ने पुरे अयोध्या को दीप जलाकर रौशन किया था और खुशियां मनाई थी। तब से लेकर हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की प्रदोषव्यापिनी अमावस्या तिथि को ये पर्व मनाया जाता है। इस दिन पुरे घर की सफाई की जाती है और माता लक्ष्मी एवं गणेश जी की पूजा की जाती है. लोग अपने सामर्थ्य के अनुसार रंग बिरंगे बत्तियों ,तोरण ,फूलों ,रंगोली, इत्यादि से अपने घरों को सजाते हैं और इस अवसर पर तरह - तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं। साथ ही दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ मिलकर खुशियां मनाई जाती है और मिठाइयां बाटी जाती है। तो दोस्तों ,आइए आज दीपावली के दिन आशावादी दीपक जला कर पूरे विश्व के लिए सुख,शांति,समृद्धि,और प्रेम की कामना करें।