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बिहार राज्य के औरंगाबाद जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता सलोनी कुमारी जानकारी दे रही हैं कि हिट एंड रन कानून के विरोध में चालक हड़ताल पर है। क्योंकि चालकों का कहना है की इससे हमारे परिवार का जीवन खतरे में है। चालकों के हड़ताल पर जाने से बाजार में सामान के दाम बढ़ते जा रहे हैं। सरकार को ऐसा कानून बनाने से पहले जनता से राय भी लेनी चाहिए थी

बिहार राज्य के औरंगाबाद जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता सलोनी कुमारी जानकारी दे रही हैं कि हिट एंड रन कानून के विरोध में सभी चालक हड़ताल पर है। लोगों का कहना है की अगर कानून वापस नहीं लिया गया तो चालक काम पर नहीं लौटेंगे। चालकों के हड़ताल पर जाने से लोगों को महंगे दर पर खरीदना पड़ रहा है। क्योंकि ट्रांसपोटिंग का काम बंद होने से बाजार में सामन उचित मात्रा में उपलब्ध नहीं है

बिहार राज्य के औरंगाबाद जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता सलोनी कुमारी जानकारी दे रही हैं कि हिट एंड रन कानून के खिलाफ सभी चालक कर रहे हैं विरोध लेकिन ये हड़ताल कम दिनों के लिए नहीं बल्कि 15 दिनों तक के लिए करना चाहिए। जिससे की देश को चालकों की एकजुटता का पता चल सके। क्योंकि दुर्घटना गलती से हो जाती है और इसके लिए दस साल की जेल मतलब पुरे परिवार का जीवन अंधकार में हो जाना

केंद्र सरकार की नीति के खिलाफ गोह प्रखंड के वाहन चालकों ने जमकर प्रदर्शन व नारेबाजी की है। केंद्र सरकार ने वाहन दुर्घटना से लोगों की मौत होने पर वाहन चालकों के खिलाफ कड़ी सजा का एलान किया है। पहले का कानून था कि सड़क दुघर्टना में मौत होने पर चालकों को कोर्ट से जमानत मिल जाता था। लेकिन इस बार केंद्र सरकार के नये फरमान में चालकों को दस साल की सजा एवं पांच लाख का जुर्माना लगाया गया है। इस फरमान से बौखलाये वाहन चालकों ने विभिन्न स्थानों पर टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया है।

केंद्र सरकार की नीति के खिलाफ गोह प्रखंड के वाहन चालकों ने जमकर प्रदर्शन व नारेबाजी की है। केंद्र सरकार ने वाहन दुर्घटना से लोगों की मौत होने पर वाहन चालकों के खिलाफ कड़ी सजा का एलान किया है। पहले का कानून था कि सड़क दुघर्टना में मौत होने पर चालकों को कोर्ट से जमानत मिल जाता था। लेकिन इस बार केंद्र सरकार के नये फरमान से चालकों पर दस साल की सजा एवं पांच लाख का जुर्माना लगाया गया है। इस फरमान से बौखलाये वाहन चालकों ने विभिन्न स्थानों पर टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया है। नया वर्ष के अवसर पर वाहन का परिचालन ठप्प रहने से ठंड में ठिठुरते हुए यात्रियों को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। जब मिडिया ने वाहन चालकों से पूछा तो रेशमी बस के चालक उमेश यादव , महेन्द्र मिस्त्री एवं राकेश प्रसाद ने बताया कि हमलोगों को पांच से छः हजार रुपए तक की मासिक वेतन मिलता है तो ड्राइवर जमानत कराने के लिए इतनी मोटी रकम की राशि का भरपाई कहां से करेगा।

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