बिहार राज्य के औरंगाबाद जिला से मोबाइल वाणी संवाददातासलोनी कुमारी ने बताया कि इन दिनों ये सबसे अधिक कमजोर महिलाओं के साथ काम कर रही हैं ,क्योंकि केंद्रों से आने वाले पराली जल कर्मचारियों के दफ्तर में एक रिश्ता विकसित कर लिया है। इससे समय बचता है और ये एक दिन में ज्यादा लोगों की मदद कर पाती हैं। आज भी सरकारी कर्मचारी के साथ काम करना बहुत मुश्किल है। वे कई तरह के भने बनाते हैं.जैसे आज हमारे पास फार्म नही है, कभी कहते हैं मुहर नहीं है,इत्यादि। इन रवैयों से पूरी प्रक्रिया लम्बी हो जाती है और औरतों को भूमि का अधिकार मिलने में देरी हो जाती है। भूमि अधिकार प्रकिया में जैसे-जैसे समय गुजरता है महिलाएं टूट जाती हैं और भूमि अधिकार नही लेने का विचार करती है। लेकिन महिलाओं को भूमि हक़ दिलाने में सलोनी कोई कसर नही छोड़ेंगी और उन्हें जागरूक भी करेंगी। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
बिहार राज्य के औरंगाबाद जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता सीमा देवी जानकारी दे रही हैं कि महिलाओं को भूमि अधिकार दिलाने का मतलब उन्हें सशक्त बनाना है। महिलाओं के अधिकार के लिए जरुरी हैं की उन्हें अपनी पसंद से शादी की आजादी, यौन हिंसा से मुक्त मत देने की आजादी, सार्वजनिक पद धारण करने की आजादी, कानूनी पेशे में प्रवेश करने की आजादी और पारिवारिक कानून के समान अधिकार देने की आजादी,समान वेतन की आजादी, स्वतंत्र शिक्षा प्राप्त करने की आजादी। ये सभी सामान्य हक़ महिलाओं को दिलाना जरुरी है। इन अधिकारों से ही महिला में आत्मविश्वास आयेगा और वो निडर हो कर अपने भविष्य को उज्ज्वल बनाने में सक्षम होंगी
बिहार राज्य के औरंगाबाद जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता शिवकुमारी देवी जानकारी दे रही हैं कि महिलाओं को भूमि अधिकार मिलना चाहिए। महिलाओं की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। क्योंकि परिवार की संरचना और देखभाल जैसे सभी चीज़ों में महिलाओं का योगदान रहता है। इसलिए भूमि अधिकार में भी उनकी भूमिका जरुरी है
बिहार राज्य के औरंगाबाद जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता शिवकुमारी जानकारी दे रही हैं कि महिलाओं का सशक्त होना बहुत जरुरी है। महिलायें आत्मनिर्भर और सशक्त हो इसके लिए सरकार ने कई कार्य किये हैं। स्त्री शिक्षा को अनिवार्य किया। शादी की उम्र तय की, तलाक को कानूनी दर्जा दिया। महिलाओं के लिए ऐसी कई योजना चलाई जिससे की वो प्रशिक्षण ले कर रोजगार के माध्यम से अपनी आर्थिक स्थिति और भविष्य को मजबूत कर सकें
बिहार राज्य के औरंगाबाद जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता सलोनी कुमारी जानकारी दे रही हैं कि महिलाओं को महिलाओं के भूमि अधिकार के मामले में अधिक चुनौतीपूर्ण परिस्थति इसलिए हो जाती है। क्योंकि एक तो महिला अपने हक़ अधिकार के प्रति जागरूक नहीं हैं। अगर कई मामलों में महिला जानती भी हैं, तो इसके लिए आवाज नहीं उठाती। इसके पीछे कई कारण होते हैं। लेकिन अगर कोई महिला दृढ़ संकल्प के साथ अपने भू स्वामित्व के लिए प्रयास करे, तो वो कभी असफल नहीं होगी। महिलाओं को गरिमा सम्मान जैसी भावनाओं से आगे आ कर सोचने और अपने हक़ को पाने के लिए प्रयास करने की आवश्यकता है
बिहार राज्य के औरंगाबाद जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता सलोनी कुमारी जानकारी दे रही हैं कि भूमि स्वामित्व, महिला सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। लेकिन भारत में महिलाओं की भूमि-हीनता उन्हें कई तरह से कमजोर बना रहा है। एक महिला की पहचान उभर कर तब ही आती है, जब वो भूमि पर अपना स्वामित्व रखती है। गांव के लोग उसे हर मामले में शामिल करते हैं। अगर महिला के पास भूमि है, तो वह अपनी मर्जी से उस पर खेती कर या उसका इस्तेमाल कर अपने बच्चे को पढ़ा सकती है। महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो कर आवाज उठानी जरुरी है
बिहार राज्य के औरंगाबाद जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता सलोनी कुमारी जानकारी दे रही हैं कि भारत एक पुरुष प्रधान समाज रहा है जिसमें महिलाओं के अधिकारों को हमेशा दबाया गया है, उन्हें केवल घरेलू काम करने के लिए घर की चारदीवारी तक सीमित रखा गया है। महिलाएं आमतौर पर अपने अधिकारों के बारे में नहीं जानती हैं और जब तक उन्हें बताया न जाए, तब तक भूमि के स्वामित्व के बारे में सोचती भी नहीं हैं। हमें महिलाओं को अपने भूमि अधिकारों के लिए लड़ने और उनके अधिकारों को लेने के लिए पर्याप्त जागरूक करना होगा।
बिहार राज्य के औरंगाबाद जिला से सलोनी कुमारी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं के जागरूकता का उल्लेख करते हुए एक समाज सेवी ने जानकारी दिया कि कैसे संपत्ति हस्तांतरण की प्रक्रिया में शामिल आधिकारी तबका अपनी पितृसत्तात्मक मानसिकता के कारण महिलाओं की अपीलों को नजरअंदाज करता है। वे आगे जोड़ते हैं कि ‘बेटियों को पैतृक संपत्ति में विरासत का अधिकार हिंदू उत्तराधिकार (संशोधन) अधिनियम, 2005 से ही दिया गया था। इस प्रावधान के लागू होने से पहले, महिलाओं को अक्सर लंबी कानूनी प्रक्रियाओं को अपनाकर, ऐसी भूमि पर अपने अधिकार के लिए लड़ना पड़ता था।’ आज, महिलाओं के भूमि अधिकारों को मुख्यधारा में लाने की मांग करने वाले संगठनों को यह चुनौतीपूर्ण लग सकता है क्योंकि महिलाओं के बीच संपत्ति का स्वामित्व परंपरागत रूप से अस्तित्वहीन या नगण्य रहा है।। आज भी महिलाएं दिन-रात भूमि में काम करती नज़र आती हैं ,फिर भी भूमि के हक़ से वे वंचित हैं। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
बिहार राज्य के औरंगाबाद जिला से सलोनी कुमारी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं को भूमि अधिकार के लिए लड़ना पड़ेगा, तभी महिलाओं को भूमि अधिकार मिलेगा। महिलाओं के भूमि अधिकारों को मुख्यधारा में लाने के लिए करने वाले संगठनों को यह चुनौतीपूर्ण लग सकता है,क्योंकि महिलाओं का सम्पत्ति का स्वामित्व परम्परागत रूप से अस्तित्वहीन या नगण्य रहा है। इसलिए आगे की योजना बनाना और महिलाओं के जीवन की गरिमा-सम्मान और उनके भूमि अधिकारों के बीच संबंध स्थापित करना सभी के लिए जरूरी है।महिलाओं से यह पूछने पर कि उनके लिए जमीन का क्या मतलब है, उनके बीच की बातचीत इस बिंदु पर पहुंची कि महिलाओं की गरिमा जमीन से कैसे जुड़ी हुई है। यहां तक कि जमीन के मालिक होने का विचार भी महिलाओं को आश्चर्य में डालने वाला और सशक्त बनाने वाला हो सकता है क्योंकि ज़मीन एक बड़ी सम्पत्ति होती है।महिलाओं को न केवल उनके भूमि अधिकारों के बारे में सूचित किया जाना चाहिए बल्कि यह भी बताया जाना चाहिए कि कैसे उनका सम्मान इस अधिकार से जुड़ा हुआ है। इससे वे भूमि को अपने सम्मानजनक जीवन जीने के एक माध्यम के रूप में देख पाएंगी जिसकी उन्हें आकांक्षा भी होती है और जिस तक पहुंचा भी जा सकता है।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
बिहार राज्य के औरंगाबाद जिला से कोमल कुमारी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि भूमि में महिलाओं को बराबरी का हक़ होना चाहिए। ऐसा संविधान में भी कहा गया है। परन्तु समाज में महिलाओं को अभी तक इस अधिकार से वंचित रखा गया है। महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने का साहस रखती हैं , लेकिन उन्हें अपना पूरा हक़ नहीं मिलता है।यदि महिलाओं को भूमि का अधिकार मिलेगा तो वो अपनी सामाजिक और आर्थिक स्थिति को बेहतर बना सकती हैं।विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
