कृषि विभाग द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया है कि सतना जिले में चना सरसों एवं मसूर का पंजीयन 20 फरवरी से 10 मार्च 2024 तक किया जाएगा। लिहाजा ऐसे किस जिन्होंने चना सरसों एवं मसूर का उत्पादन किया है वह समय पर अपना पंजीयन कर लें,ताकि उन्हें भविष्य में किसी प्रकार की सुविधाओं का सामना न करना पड़े।

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सरकार को भारत रत्न देने के अलावा किसानों को उनके अधिकार भी देने चाहिए , आखिर उनकी मांग भी तो बहुत छोटी सी है कि उन्हें उनकी फसलों का बेहतर मूल्य मिले। हालांकि किसानों की इस मांग का आधार भी एम एस स्वामीनाथन समिति की सिफारिशें हैं जो उन्होंने आज से करीब चार दशक पहले दी थीं। इन चार दशकों में न जाने स्वामीनाथन समिति की सिफारिशों को लागू करने का वादा करके न जाने कितनी सरकारें आईं और गईं, इनमें वर्तमान सरकार भी है जिसने 2014 के चुनाव में इन सिफारिशों को लागू करने का वादा प्रमुखता से किया था। -------दोस्तों आप इस मसले पर क्या सोचते हैं, क्या आपको भी लगता है कि किसानों की मांगो को पूरा करने की बजाए भारत रत्न देकर किसानों को उनके अधिकार दिलाए जा सकते हैं? --------या फिर यह भी किसानों को उनके अधिकारों को वंचित कर उनके वोट हासिल करने का प्रयास है.

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिलदेव शर्मा गेंहू की फसल में सिंचाई प्रबंधन के बारे में बता रहे है । विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें...

किसान कल्याण तथा कृषि विभाग आधिकारी ने बताया है कि विभाग ने जिले में रबी मौसम वर्ष 2023-24 में प्राइस सपोर्ट स्कीम अंतर्गत चना मसूर एवं सरसों की उपज की उचित दर प्राप्त करने के लिए वार्षिक कैलेण्डर घोषित किया है। इससे किसानों को फसल का बेहतर दाम मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि चना मसूर एवं सरसों का उपार्जन 25 मार्च से 31 मई 2024 तक किया जायेगा।

रबी विपणन वर्ष 2024-25 के तहत किसान पंजीयन 5 फरवरी से 1 मार्च तक किया जायेगा। रबी विपणन में समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए 82 पंजीयन बनाए गए है। किसान स्वयं अपने मोबाईल से घर बैठे किसान एप के माध्यम से पंजीयन करा सकते है। इससे किसानों को पंजीयन केन्द्रों में लाइन लगाकर पंजीयन कराने की समस्या से मुक्ति मिलेगी। किसान ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत एवं तहसील कार्यालयों में स्थापित सुविधा केन्द्र तथा सहकारी समितियों एवं विपणन संस्थाओं द्वारा संचालित पंजीयन केन्द्र एवं एमपी किसान एप पर पंजीयन निःशुल्क करवा सकते है। इसके साथ ही एमपी ऑनलाइन कियोस्क, कॉमन सर्विस सेंटर कियोस्क, लोक सेवा केन्द्र एवं निजी व्यक्तियों द्वारा संचालित सायबर कैफे पर शुल्क देकर पंजीयन करा सकते है। पंजीयन केन्द्र पर किसानों की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए सूचना बोर्ड प्रदर्शित किया जाएगा। पंजीयन की जानकारी मुनादी, एसएमएस, व्हाट्सएप ग्रुप तथा अन्य माध्यम से दी जायेगी। पंजीयन कराते समय किसानों को पंजीयन के लिए आवश्यक दस्तावेज जैसे समग्र आईडी, आधार नंबर, बैंक खाता नंबर, पास बुक, मोबाईल नंबर उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा ।

आयुष विभाग सतना के तत्वाधान में कृषि विज्ञान केंद्र मझगवां में राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड द्वारा स्वीकृत परियोजना के अंतर्गत 35 किसानों को औषधीय खेती करने के लिये प्रोत्साहित करने प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में किसानों को बताया गया कि औषधीय पौधों के लिये बीज कहां से प्राप्त करना है, उत्पादन होने पर उत्पाद को कहां बेचना है। इसके अलावा आयुर्वेद औषधियों के महत्व एवं उपयोग के बारे में किसानों को जानकारी दी गई। प्रशिक्षण के समापन के अवसर पर प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले सभी किसानों को जिला आयुष अधिकारी डॉ नरेंद्र पटेल ने प्रमाण पत्र भी वितरित किये। उन्होने प्रशिक्षित किसानों से कहा कि औषधीय पौधों की खेती से आय के स्त्रोत बढ़ेगे। औषधीय खेती के उत्पाद को पारंपरिक खेती के उत्पादों की तुलना में अच्छे दाम भी मिलेंगे। राज्य औषधीय पादप बोर्ड द्वारा आयोजित इस प्रशिक्षण में कृषि वैज्ञानिक डॉ महेंद्र नेगी, डॉ मनोज त्रिपाठी और डॉ अखिलेश जांगड़े ने कृषकों को औषधीय फसलों के बारे में जानकारी दी। प्रशिक्षण में कृषकों को ट्रेनिंग किट और अश्वगंधा के बीजों का वितरण भी किया गया।

"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ कपिलदेव शर्मा लोबिया की खेती के बारे में बता रहे है । विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें...

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