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पश्चिम बंगाल में हो रहे महिलाओं पर अत्याचार के विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने मंगलवार को सतना शहर में रैली निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया ।इस दौरान विद्यार्थी परिषद ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन कलेक्टर सतना को सौंपा और पश्चिम बंगाल में हो रहे महिला अत्याचार पर तत्काल रोक लगाए जाने तथा वहां की सरकार को बर्खास्त करने की मांग की। यह बात अलग है कि मणिपुर में महिलाओं पर इतना अत्याचार हुआ लेकिन विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता चुप्पी साधे रहे किसी ने भी आवाज उठाने की हिम्मत नहीं जुटाई।

मध्यप्रदेश में पटवारी भर्ती रद्द करने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों ने विरोध शुरू कर दिया है। भोपाल में प्रदर्शन के लिए जुटे अभ्यर्थी भर्ती परीक्षा में हुई गड़बड़ी की जांच स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) गठित कर कराना चाहते हैं। उनका यह भी कहना वे अब दिल्ली में प्रदर्शन के लिए जुटेंगे।पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को कांग्रेस मुख्यालय के पास से हिरासत में लिया। इनमें युवतियां भी हैं।

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैट के आहवान में किसानों का जत्था जल्द दिल्ली की सीमाओं पर फिर आंदोलन करेगा जिसको लेकर भारतीय किसान यूनियन टिकैट की आवश्यक बैठक कल्ला में आयोजित की गई साथ ही किसानों के बीच पहुंचकर उनकी समस्याएं सुनकर निदान की बात कही है

CRISIL के अनुसार 2022-23 में किसान को MSP देने में सरकार पर ₹21,000 करोड़ का अतिरिक्त भार आता, जो कुल बजट का मात्र 0.4% है। जिस देश में ₹14 लाख करोड़ के बैंक लोन माफ कर दिए गए हों, ₹1.8 लाख करोड़ कॉर्पोरेट टैक्स में छूट दी गई हो, वहां किसान पर थोड़ा सा खर्च भी इनकी आंखों को क्यों खटक रहा है? आप इस पर क्या सोचते है ? इस मसले को सुनने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें

देश के किसान एक बार फिर नाराज़ दिखाई दे रहे हैं। इससे पहले साल नवंबर 2020 में किसानों ने केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के रद्द करने के लिए दिल्ली में प्रदर्शन किया था और इसके बाद अगले साल 19 नवंबर 2021 को केंद्र सरकार ने तीनों कानून वापस ले लिए थे, हालांकि इस दौरान करीब सात सौ किसानों की मौत हो चुकी थी। उस समय सरकार ने किसानों की कुछ मांगों पर विचार करने और उन्हें जल्दी पूरा करने का आश्वासन दिया था लेकिन ऐसा अब तक नहीं हआ है। और यही वजह है कि किसान एक बार फिर नाराज़ हैं।

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देश में चल रहे किसान आंदोलन के मुद्दे पर बातचीत करने के लिए हमारे साथ मोबाइल वाणी में मौजूद हैं किसान राजभान सिंह जिन्होंने किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए बताया कि केंद्र की सरकार किसानों को रोकने के लिए जिस तरह से प्रयास कर रही है वह हिटलरशाही है। सरकार को चाहिए कि वह किसानों की मांगों को मान ले और इस मसले का हल निकाले। इस आंदोलन को लेकर आखिर सतना जिले के किस क्या सोचते हैं लिए सुनिए उन्हीं की जुबानी।

देश में चल रहे किसान आंदोलन के मुद्दे पर बातचीत करने के लिए हमारे साथ मोबाइल वाणी में मौजूद हैं किसान राजभान सिंह जिन्होंने किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए बताया कि केंद्र की सरकार किसानों को रोकने के लिए जिस तरह से प्रयास कर रही है वह हिटलरशाही है। सरकार को चाहिए कि वह किसानों की मांगों को मान ले और इस मसले का हल निकाले। इस आंदोलन को लेकर आखिर सतना जिले के किस क्या सोचते हैं लिए सुनिए उन्हीं की जुबानी।

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