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उत्तरप्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से तारकेश्वरी श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि यह शादियों , त्योहारों और धार्मिक त्योहारों जैसे समारोहों में किया जाता है , जहां अभिनेता , संगीतकार और नर्तक अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं । एक ऐसे परिसर में आयोजित किया जाता है जो दर्शकों को मनोरंजन और संदेश दोनों प्रदान करता है , साड़ी तमाशा लोगों को अपने सामाजिक संदेश के माध्यम से समाज के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालता है । धार्मिक मूल्यों और संस्कृति को समझने के अलावा , यह भूखे नवजात शिशुओं के बीच इस तरह के शाही मज़ाक के अलावा आम लोगों के मनोरंजन और आनंद को भी मजबूर करता है । अमीर और गरीब के बीच असमानता को बढ़ावा देने वाले अभियानों का आयोजन करना एक नैतिक और सामाजिक चुनौती हो सकती है , इसके बजाय समाज को सभी के लिए समानता , सामाजिक न्याय और अधिकारों की आवश्यकता है ।
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उत्तरप्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से तारकेश्वरी श्रीवास्तव ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि त्योहारों और धार्मिक त्योहारों जैसे समारोहों में किया जाता है जहां अभिनेता , संगीतकार और नर्तक अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं । यह अक्सर विभिन्न कहानियों से जुड़ा होता है ।
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भारत में सिर्फ बच्चों में ही नहीं हर आयु वर्ग में पोषण की कमी अर्थात कुपोषण के शिकार लोग औसत से अधिक हैं। किंतु बच्चों और महिलाओं की स्थिति अधिक चिंताजनक है। सरकारी योजनाएं जब तक धरातल पर नहीं उतरतीं उसका समुचित लाभ वास्तविक हकदार लोगों को नहीं मिल पाता है तो ऐसी योजनाएं कागजों में सिमट कर रह जाती हैं। मुफ्त खाद्यान्न को अपने घरों से चुरा कर उसे बेच कर शराब पीने वाले भी इसी समाज में मौजूद हैं। वहीं दावतों में मंहगे व्यंजन बना कर उन्हें प्लेट में परोस कर डस्टबिन में फेंकने वाले भी नजर आते हैं। महिला कल्याण एवं बाल विकास विभाग की कार्यशैली से देश का हर व्यक्ति परिचित है। फिर भला यह कैसे मान लिया जाए कि सरकारें कुछ नहीं जानती हैं। अपने देश में कुपोषण की स्थिति ऐसी है कि आज भी हमारे बीच (15-49 वर्ष) पुरुष वर्ग 25.0% (15-49 वर्ष) महिलाएँ 57.0% (15-19 वर्ष) पुरुषों की किशोर आयु वर्ग में 31.1% (15-19 वर्ष) महिलाओं की किशोर जनसंख्या में 59.1% (15-49 वर्ष) गर्भवती महिलाएँ 52.2% 6 से 69 माह के बच्चों में 67.1% कुपोषित हैं। जिसका मूल कारण इतना सामान्य नहीं है कि सभी को आसानी से समझ आ जाए। इसकी असली वजह जानने के लिए हमें अपनी जड़ों को भी कुरेदना होगा। एक स्वस्थ सभ्य समाज और सामाजिक चोरों की तलाश करनी होगी। हमारे देश की लगभग 74% आबादी स्वस्थ आहार ग्रहण करने की रेटिंग ही नहीं रखती है बस जो मिला उसे खा लिया, जबकि 39% खाद्य सुरक्षा और पोषण प्राप्त करने में अक्षम हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार 55 प्रतिशत बच्चे कम वजन के है। और 55 प्रतिशत बच्चों की मौते कुपोषण के कारण होती है। यूनिसेफ और महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रकाशन-बाल संजीवनी के अनुसार कुछ और महत्वपूर्ण बिंदु भी हैं, जैसे देश के मध्यप्रदेश में देश में सर्वाधिक कम वजन के बच्चे हैं और यह स्थिति 1990 से यथावत बनी हुई है। सरकार कुपोषण दूर करने के लिए मुफ्त खाद्यान्न में फोर्टिफाइड चावल के दाने मिलाकर दे रही है। टीकाकरण आयरन फोलिक एसिड कैल्शियम की गोलियां मुफ्त दी जाती हैं। किंतु जागरूकता के अभाव में इसका लाभ अंतिम पायदान तक नहीं पहुंच रहा है।
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उत्तर प्रदेश राज्य के गोरखपुर से श्रोता ने मोबाईल वाणी के माध्यम से बताया कि हमारे समाज में जिसके पास पैसा है वह खर्च कर रहा है और कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनके पास अपनी भूख मिटाने तक के पैसे नही है। क्या हम ये मान कर चलें कि लोगों में संवेदनाएं ख़त्म हो गई है या हम ये मानें कि पूंजीपतियों को हमने और पूंजीपति बना दिया ?नवजात बच्चों में भुखमरी के आंकड़े बढ़ने के पीछे का मुख्य कारण बढ़ती जनसँख्या है।कुछ विशिष्ट लोगों के यहां बच्चों को खिलाने के लिए आय के साधन नहीं है ,वो लोग दस बच्चों को जन्म देते हैं। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।
क्षेत्राधिकारी ने किया मतदान केन्द्रों का निरीक्षण,पैदल गश्त का नेतृत्व सिकरीगंज खजनी गोरखपुर।। आगामी लोकसभा सामान्य निर्वाचन के दृष्टिगत क्षेत्राधिकारी खजनी ओंकारदत्त तिवारी के मार्गदर्शन में थानाध्यक्ष बेलघाट अवधेश कुमार मिश्रा तथा थानाध्यक्ष सिकरीगंज राजेश कुमार के नेतृत्व में मतदान केन्द्रों और मतदेय स्थलों (बूथों) का भौतिक सत्यापन और औचक निरीक्षण किया गया। केंद्रीय निर्वाचन आयोग एवं राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार आगामी लोकसभा चुनाव (आम चुनाव) को लेकर प्रशासनिक सरगर्मियां खासी तेज हो गई हैं।निरीक्षण के साथ ही अर्द्धसैनिक बल के जवानों तथा थाने की पुलिस टीम के साथ कस्बे और घनी आबादी वाले क्षेत्र में पैदल गश्त करते हुए आम नागरिकों को सुरक्षित भय रहित निष्पक्ष मतदान के लिए प्रेरित किया गया। इस दौरान क्षेत्राधिकारी खजनी ओंकारदत्त तिवारी ने सभी मातहतों को आम चुनावों के सकुशल संपन्न कराने के लिए आवश्यक विभागीय दिशा-निर्देश दिए।