किसी भी समाज को बदलने का सबसे आसान तरीका है कि राजनीति को बदला जाए, मानव भारत जैसे देश में जहां आज भी महिलाओं को घर और परिवार संभालने की प्रमुख इकाई के तौर पर देखा जाता है, वहां यह सवाल कम से कम एक सदी आगे का है। हक और अधिकारों की लड़ाई समय, देश, काल और परिस्थितियों से इतर होती है? ऐसे में इस एक सवाल के सहारे इस पर वोट मांगना बड़ा और साहसिक लेकिन जरूरी सवाल है, क्योंकि देश की आबादी में आधा हिस्सा महिलाओं का है। इस मसले पर बहनबॉक्स की तान्याराणा ने कई महिलाओँ से बात की जिसमें से एक महिला ने तान्या को बताया कि कामकाजी माँओं के रूप में, उन्हें खाली जगह की भी ज़रूरत महसूस होती है पर अब उन्हें वह समय नहीं मिलता है. महिलाओं को उनके काम का हिस्सा देने और उन्हें उनकी पहचान देने के मसले पर आप क्या सोचते हैं? इस विषय पर राय रिकॉर्ड करें

नासिक में रहने वाली मयूरी धूमल, जो पानी, स्वच्छता और जेंडर के विषय पर काम करती हैं, कहती हैं कि नासिक के त्र्यंबकेश्वर और इगतपुरी तालुका में स्थिति सबसे खराब है। इन गांवों की महिलाओं को पानी के लिए हर साल औसतन 1800 किमी पैदल चला पड़ता है, जबकि हर साल औसतन 22 टन वज़न बोझ अपने सिर पर ढोती हैं। और ज्यादा जानने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें।

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" के नारे से रंगी हुई लॉरी, टेम्पो या ऑटो रिक्शा आज एक आम दृश्य है. पर नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च द्वारा 2020 में 14 राज्यों में किए गए एक अध्ययन में कहा गया है कि योजना ने अपने लक्ष्यों की "प्रभावी और समय पर" निगरानी नहीं की। साल 2017 में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में हरियाणा में "धन के हेराफेरी" के भी प्रमाण प्रस्तुत किए। अपनी रिपोर्ट में कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ स्लोगन छपे लैपटॉप बैग और मग खरीदे गए, जिसका प्रावधान ही नहीं था। साल 2016 की एक और रिपोर्ट में पाया गया कि केंद्रीय बजट रिलीज़ में देरी और पंजाब में धन का उपयोग, राज्य में योजना के संभावित प्रभावी कार्यान्वयन से समझौता है।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला गोरखपुर से तारकेश्वरी श्रीवास्तव , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि मनरेगा के तहत लोगों को रोजगार मिलता है। मनरेगा में महिलाओं की भागीदारी बढ़ते जा रही है।

नमस्कार, मैं गोरखपुर मोबाइलवाड़ी से ताराकेश्वरी श्रीवास्तव हूं, मनरेगा से वंचित 61 महिलाओं के पक्ष और विपक्ष में बोलते हुए, भारत में ग्रामीण आदिवासियों को रोजगार और आर्थिक सुरक्षा का लाभ मिलता है। यह योजना गरीब और वंचित वर्गों को रोजगार और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के मुख्य उद्देश्य के साथ गरीबी, अन्याय और असमानता के खिलाफ लड़ाई में एक प्रमुख उपकरण है। मनरेगा के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में विकास और सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा देने के प्रयास भी किए जाते हैं। मनरेगा के तहत वंचित महिलाओं को विशेष रूप से लाभ होता है। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को रोजगार प्रदान करती है। वे ऐसे अवसर प्रदान करते हैं जो उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार करते हैं, उनके परिवार के सदस्यों का समर्थन करते हैं, और समाज में उनकी मानवीय और आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में मदद करते हैं। महिलाओं को उचित मजदूरी और काम के लिए उचित पारिश्रमिक प्रदान किया जाता है, यह उनकी स्वतंत्रता और स्थिति की समानता को बढ़ावा देने के अलावा उनकी अपनी आर्थिक स्थिति को स्वतंत्रता के साथ जोड़ता है।

महिलाओं की लगातार बढ़ती हिस्सेदारी और उसके सहारे में परिवारों के आर्थिक हालात सुधारने की तमाम कहानियां हैं जो अलग-अलग संस्थानों में लिखी गई हैं, अब समय की मांग है कि महिलाओं को इस योजना से जोड़ने के लिए इसमें नए कामों को शामिल किया जाए जिससे की ज्यादातर महिलाएं इसका लाभ ले सकें। दोस्तों आपको क्या लगता है कि मनरेगा के जरिए महिलाओँ के जीवन में क्या बदलाव आए हैं। क्या आपको भी लगता है कि और अधिक महिलाओं को इस योजना से जोड़ा जाना चाहिए ?

मनरेगा में भ्रष्टाचार किसी से छुपा हुआ नहीं है, जिसका खामियाजा सबसे ज्यादा दलित आदिवासी समुदाय के सरपंचों और प्रधानों को उठाना पड़ता है, क्योंकि पहले तो उन्हें गांव के दबंगो और ऊंची जाती के लोगों से लड़ना पड़ता है, किसी तरह उनसे पार पा भी जाएं तो फिर उन्हें प्रशासनिक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इस मसले पर आप क्या सोचते हैं? क्या मनरेगा नागरिकों की इच्छाओं को पूरा करने में सक्षम हो पाएगी?

उतरपदेश राज्य के गोरखपुर जिला से तारकेश्वरी देवी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि सरकार की बुनियादी सेवाओं में शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, पानी, बिजली, सड़क सुरक्षा आदि शामिल हैं। ये सेवाएँ एक समृद्ध समाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये नागरिकों को आवश्यक सामग्री और सुरक्षित वातावरण प्रदान करती हैं। शिक्षा सेवाएँ नई पीढ़ी को शिक्षा के अवसर और ज्ञान का संचार सुनिश्चित करती हैं। यह समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और लोगों को बेहतर रोजगार प्रदान करने और जीवन के सामान्य उत्थान में मदद करता है। सरकारी अस्पताल, दवाएं, टीकाकरण शिविर आदि लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करते हैं। जल और बिजली सेवाएँ जीवन के लिए आवश्यक हैं। जल संबंधी सेवाएँ स्वच्छ और पीने योग्य जल जहां बिजली सेवाएं घरेलू और औद्योगिक उपयोग के लिए आवश्यक आपूर्ति सुनिश्चित करती हैं, वहीं सड़क सुरक्षा सेवाएं अपराध के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करती हैं और सड़कों का सुरक्षित परिवहन सुनिश्चित करती हैं।

उत्तरप्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से अनुराधा मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि जो अमीर हैं वे पैसे के बल पर सभी सरकारी योजनाओं का लाभ उठाते हैं, लेकिन जो हमारे गरीब परिवारों से हैं, वे हमारे अधिकारों का लाभ उठाते हैं। सभी लोग बैठे हैं, पैसे मांगते हैं और पैसे नहीं दे पाते हैं, इसलिए उन्हें उन योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस लाभ की कोई आवश्यकता नहीं है, लेकिन वह अपने धन के बल पर सभी योजनाओं का लाभ उठाता है। इन योजनाओं का लाभ हमारे गरीब परिवारों, हमारे गरीब समाज तक पहुंचना चाहिए, अगर आप देखें तो गरीबी की कोई सीमा नहीं है। हमारी सरकार आवास योजना चला रही है और हमारे गरीब लोगों को उस आवास योजना का लाभ नहीं मिल रहा है, तो इसे चलाने का क्या फायदा? चूंकि उनके बच्चों को समय पर एक बार का भोजन नहीं मिल पाता है, इसलिए उन्हें इसके लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है, तब से वे कहीं जा सकते हैं और एक बार की रोटी की व्यवस्था कर सकते हैं, लेकिन हमारी सरकार वही है जो वह है।

उत्तरप्रदेश राज्य के गोरखपुर जिला से अनुराधा मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रही हैं कि आज के समय में सरकार कई योजनाओं को लागू कर रही है, लेकिन योजनाएं जरूरतमंद लोगों तक नहीं पहुंच रही हैं, जैसे कि हमारे समाज का बुनियादी ढांचा और हमारी अर्थव्यवस्था। दोनों के निर्माण खंडों में से एक परिवर्तन की गति, प्रौद्योगिकी का प्रभाव और स्थिरता की आवश्यकता के साथ-साथ लागत नियंत्रण और सर्वोत्तम वित्तपोषण विकल्प हैं जो लोगों के लिए वास्तविक चुनौती हैं। इस बीच, जनसंख्या वृद्धि, बड़े बदलाव के समय में हमारे द्वीप के आसपास संचार और लोगों के सामान के परिवहन के लिए जिम्मेदार लोगों के लिए सार्वजनिक सेवाओं के वितरण को एक वास्तविकता बना सकती है। मधुमक्खी पालक चुनौती और वास्तव में अवसर पैदा करते हैं, इसलिए हमारी सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए योजना बनानी चाहिए कि सुविधाएँ जरूरतमंद लोगों तक पहुँचें। ऐसे कई लोग हैं जिनके पास बहुत सारा पैसा है जो सरकार द्वारा लागू किए गए धन के बल पर उन तक पहुंचता है, वे इसे अपने धन के बल पर प्राप्त करते हैं, लेकिन वास्तव में जिसकी आवश्यकता है वह है धन। कई गरीब लोग हैं जो गरीबी में जी रहे हैं और हमारी सरकार आवास योजना चला रही है।