साथियों , अनेकता में एकता का प्रतीक हमारे देश भारत ने खुद में कई विविधताओं को अपने अंदर समेटा हुआ है और पुरे साल पर्व - त्योहारों से यहां का वातावरण ऊर्जावान बना रहता है। एक पर्व जाता है और दूसरा पहले से ही दस्तक देने के लिए तैयार रहता है।इसी कड़ी में आज हम मना रहे हैं - दीपों का पर्व, दीपावली। साथियों इसी दिन भगवान श्री राम 14 साल के बाद ,अपने वनवास को पूरा कर के जब अयोध्या वापस लौटे थे,तब उनके स्वागत में अयोध्यावासियों ने पुरे अयोध्या को दीप जलाकर रौशन किया था और खुशियां मनाई थी। तब से लेकर हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की प्रदोषव्यापिनी अमावस्या तिथि को ये पर्व मनाया जाता है। इस दिन पुरे घर की सफाई की जाती है और माता लक्ष्मी एवं गणेश जी की पूजा की जाती है. लोग अपने सामर्थ्य के अनुसार रंग बिरंगे बत्तियों ,तोरण ,फूलों ,रंगोली, इत्यादि से अपने घरों को सजाते हैं और इस अवसर पर तरह - तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं। साथ ही दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ मिलकर खुशियां मनाई जाती है और मिठाइयां बाटी जाती है। तो दोस्तों ,आइए आज दीपावली के दिन आशावादी दीपक जला कर पूरे विश्व के लिए सुख,शांति,समृद्धि,और प्रेम की कामना करें।
आज पूरे देश भर में हर्षोल्लास के साथ दशहरा का पर्व मनाया जा रहा है। दशहरा का पर्व असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक माना जाता है। इसी दिन मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम ने अहंकारी रावण को पराजित कर विजय हासिल किया था और समस्त मानव समुदाय को एक सकारात्मक सन्देश दिया था । आइये हम सब अपने अंदर छिपी बुराइयों का अंत करने का प्रण ले और आपसी सौहार्द एवं पुरे हर्षोल्लास के साथ विजयादशमी का पर्व मनाये। इसी के साथ आप सभी श्रोताओं को मोबाइल वाणी परिवार की ओर से विजयदशमी पर्व का हार्दिक शुभकामनाएं
परम्पराओं और संस्कृति से परिपूर्ण हमारा देश भारत में विभिन्न त्योहार मनाया जाता है और इन्ही में से एक है दुर्गा पूजा का त्यौहार । नौ दिनों के इस त्यौहार में दुर्गा माँ के नौ रूपों की विधिवत पूजा अर्चना की जाती है। यह उत्सव राक्षस महिषासुर पर योद्धा देवी दुर्गा की जीत का उत्सव है। दुर्गा पूजा का त्यौहार महिला शक्ति का चित्रण करता है और बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाता है । विभिन्न जगहों पर अलग अलग मान्यताओं के साथ दुर्गा उत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।साथियों आइये आपसी सौहार्द और खुशियाँ बाँट कर दुर्गा पूजा का त्यौहार मनाए। आप सभी साथियों को मोबाइल वाणी के पूरे परिवार की ओर से दुर्गा पूजा की हार्दिक शुभकामनाएँ।
जिंदगी के हर पल खुशियों से कम न हो, आप के हर दिन ईद के दिन से कम न हो, ऐसा ईद का दिन आपको हमेशा नसीब हो, जी हां दोस्तों ईद-उल-फितर जिसे आप लोग मीठी ईद के नाम से भी जानते है।आज दुनिया भर में ईद का जश्न मनाया जा रहा है और लोग एक दूसरे के गले लग कर बधाइयाँ दे रहे है और खुशियाँ बाँट रहे है। रमजान के महीने से ही ईद के जश्न की तैयारी शुरू हो जाती है । बच्चों से लेकर बड़ों बूढों तक को ईद का इंतज़ार रहता है। ईद के मौके पर ईदी दिए जाने का रिवाज है। लोग अपने करीबियों को ईद की मुबारकबाद के साथ ईदी के रूप में तोहफे देते हैं ।नए कपड़े पहनते हैं, भव्य दावतें तैयार करते हैं।ईद मुस्लिम समुदाय के खास त्योहारों में से एक है और यह रमजान के आखिरी दिन सेलिब्रेट किया जाता है। ईद हमें एकता और आपसी सौहार्द का संदेश देता है और समृद्ध समाज बनाने के लिए प्रेरित करता है।लोग इसे उत्साह और बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं।तो आइये हम भी इस जश्न का हिस्सा बने और समाज में शांति-सद्भाव और अमन का सन्देश फैलाये। दोस्तों,मोबाइल वाणी परिवार की ओर से आप सभी श्रोताओं को ईद की ढेर सारी बधाईयाँ।
ऐसे मनाना होली का त्यौहार, पिचकारी से बरसे सिर्फ प्यार, यह मौका अपनों को गले लगाने का, तो गुलाल और रंग लेकर हो जाओ तैयार।होली के दिन हर जगह जश्न का माहौल होता है,भारत में होली बड़े ही धूमधाम के साथ मनाई जाती है कई राज्यों में वसंत ऋतु के आगमन होते ही होली के त्यौहार की शुरुआत हो जाती हैं।होली के दिन लोग एक दूसरे के घर जाकर रंग व गुलाल लगाते हैं,घरों में तरह तरह के पकवान बनाते हैं और होली की शुभकामनाएं देते हैं।तो आइये दोस्तों हम भी मनाये बिना पानी के गुलाल और रंगो वाली सुखी और स्वस्थ होली। मोबाइल वाणी के पुरे परिवार की ओर से होली के शुभ अवसर पर आप सभी को ढेरो बधाइयां।
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26 को मनेगी होली, नृसिंह शोभायात्रा में शामिल होंगे सीएम
ऑल इंडिया मिल्ली उलेमा बोर्ड ने सोमवार को कहा कि, रमजान 1445 के महीने का चांद रविवार को सऊदी अरब में देखा गया था। इसलिए पहला रमजान 1445 कल मंगलवार 12 मार्च 2024 को होगा। इस्लाम धर्म मानने वाले मुस्लिम समुदाय के लोग पूरे महीने रोजा रखते हैं और सूरज निकलने से लेकर डूबने तक कुछ भी नहीं खाते पीते हैं। रोजा के दौरान लोग सहरी करने के लिए सुबह सूर्योदय से पहले उठते हैं और शाम को इफ्तार साथ अपना उपवास तोड़ते हैं। साथ में महीने भर इबादत करते हैं और अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं। इस्लाम धर्म में रमजान के महीने को सबसे पाक माना जाता है। यह महीना चांद को देखकर निर्धारित किया जाता है। रमजान का पाक महीना इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार नौवां महीना होता है। इसे माह ए रमजान भी कहा जाता है। रमजान के महीने में रोजा रखना, रात में तरावीह की नमाज पढ़ना और कुरान तिलावत करना शामिल है। यह महीना सभी मुसलमानों के लिए बेहद खास माना जाता है। इस साल रमजान के पाक महीने की शुरुआत आज से हो रही है। सबसे पहले सऊदी अरब में रमजान का चांद दिखाई देता है। सऊदी अरब में रमजान का चांद 10 मार्च को दिखाई दे चुका है, इसलिए वहां पहला रोजा 11 मार्च को रखा गया। वहीं भारत और पाकिस्तान में रमजान का चांद सऊदी अरब के चांद के एक दिन बाद दिखता है, इसलिए इन देशों में रमजान के रोजे की शुरुआत सऊदी अरब के एक दिन बाद से होती है। ऐसे में भारत में इस साल रमजान की शुरुआत 12 मार्च से हुई है। रोजा रखने का मतलब सिर्फ भूखे-प्यासे रहना नहीं है, बल्कि आंख, कान और जीभ का भी रोजा रखा जाता है। यानी इस दौरान न बुरा देखें, न बुरा सुनें और न ही किसी को बुरा कहें। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि आपके द्वारा बोली गई बातों से किसी की भावनाओं पर ठेस न पहुंचे। रमजान के महीने में कुरान पढ़ने का अलग ही महत्व होता है। हर दिन की नमाज के अलावा रमजान में रात के वक्त एक विशेष नमाज भी पढ़ी जाती है, जिसे तरावीह कहते हैं। रमजान का रोजा 29 या 30 दिनों का होता है। इस्लाम धर्म में बताया गया है कि रमजान के दौरान रोजा रखने से अल्लाह खुश होते हैं और सभी दुआएं कुबूल करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस महीने की गई इबादत का सबाब (फल) बाकी महीनों के मुकाबले कई गुना अधिक मिलता है। चांद नजर आने के बाद से ही मुस्लिम समुदाय के लोग सूरज के निकलने से पहले सहरी खाकर इबादतों का सिलसिला शुरू कर देते हैं। सूरज निकलने से पहले खाए गए खाने को सहरी कहा जाता है और सूरज ढलने के बाद रोजा खोलने को इफ्तार कहा जाता है।
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