नमस्कार आदाब साथियों ,मोबाइल वाणी ले कर आया है रोजगार समाचार। आईटीबीपी द्वारा कांस्टेबल ड्राइवर के पद पर कुल 545 रिक्तियाँ निकाली गई है। न्यूनतम 21 वर्ष से अधिकतम 27 वर्ष वाले वैसे पुरुष जिन्होंने किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से दसवीं की परीक्षा उत्तीर्ण किया हो ,वो इस पद के लिए आवेदन कर सकते है। आवेदनकर्ता के पास हैवी व्हीकल ड्राइविंग लाइसेंस होना अनिवार्य है। एससी ,एसटी ,ओबीसी क्रीमी वर्ग के उम्मीदवारों के लिए आयुसीमा में छूट निर्धारित की गई है । आवेदनकर्ताओं का चयन लिखित परीक्षा ,डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन ,मेडिकल टेस्ट और शारीरिक दक्षता परीक्षा के आधार पर किया जाएगा। इस पद के लिए वेतनमान 21 ,700 रूपए से 69,100 रूपए निर्धारित है। इच्छुक उम्मीदवार आईटीबीपी के आधिकारिक वेबसाइट में जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते है साथ ही आप इस वेबसाइट के माध्यम से आधिकारिक अधिसूचना भी प्राप्त कर सकते है। आधिकारिक वेबसाइट है recruitment.itbpolice.nic.in . सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 100 रूपए आवेदन शुल्क निर्धारित किया गया है और अनुसूचित जाति ,अनुसूचित जनजाति ,ओबीसी ,ईडब्लूएस उम्मीदवारों के लिए आवेदन निशुल्क है। याद रखिये आवेदन करने की अंतिम तिथि 06 नवंबर 2024 है। तो साथियों,अगर आपको यह जानकारी लाभदायक लगी, तो मोबाइल वाणी एप्प पर लाइक का बटन दबाये साथ ही फ़ोन पर सुनने वाले श्रोता 5 दबाकर इसे पसंद कर सकते है। नंबर 5 दबाकर यह जानकारी आप अपने दोस्तों के साथ भी बाँट सकते हैं .

साथियों, मनुष्य एवं समस्त प्राणी जगत को जीवित रहने के लिए भोजन एक प्रमुख संघटक होता है। और भोजन पाना हर व्यक्ति का अधिकार होता है लेकिन दुर्भाग्य से दुनिया में हर किसी के पास खाने के लिए पर्याप्त भोजन नहीं है कई लोग ऐसे हैं, जो हर दिन भूखे पेट सोने को बेबस हैं । लेकिन दूसरी ओर यह भी देखने को मिलता है की लोग भोजन की बर्बादी भी करते हैं। लोगों में भोजन के महत्व को समझाने और जरूरतमंद लोगों को दो वक्त के भोजन मिल पाए इस उद्देश्य से हर वर्ष 16 अक्टूबर को विश्व खाद दिवस मनाया जाता है।

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के.सी.चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि आज के आधुनिक युग में, महिलाओं को समानता का अधिकार देने के लिए सरकार द्वारा उन्हें संपत्ति का अधिकार देने की बात चल रही है। क्षेत्र के अधिकांश पुरुषों का कहना है कि महिलाओं को संपत्ति का अधिकार नहीं मिलना चाहिए, जबकि कुछ महिलाओं का कहना है कि अगर हमें संपत्ति का अधिकार मिला तो हम आत्मनिर्भर हो जाएंगे। सम्पत्ति अधिकार के लिए महिलाओं का शिक्षित होना जरुरी है।

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से गरिमा शुक्ला से बातचीत की। गरिमा शुक्ला का कहना है कि बेटियों को भी संपत्ति का अधिकार मिलना चाहिए। बेटों को भी पढ़ाया जाता है उतना ही बेटियों को भी पढ़ाया जाता है ,बेटों में जितना खर्चा किया जाता है बेटियों में भी उतना ही खर्चा किया जाता है। बेटियों को पराया घर भेज दिया जाता है तो बेटियों को भी बेटों की तरह ही पूरा पूरा अधिकार देना चाहिए। जो बेटे कर सकते हैं बेटियां भी कर सकती हैं आज कल चाँद पर भी बेटियां पहुंच रही हैं। जितना बेटे नहीं करते बेटियां उनसे ज्यादा करती हैं। बेटे बहु के आने के बाद बदल जाते हैं लेकिन बेटियां कभी नहीं बदलती हैं

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बिंद्रावती से बातचीत की। बिंद्रावती का कहना है कि बेटियों को पैतृक संपत्ति में हिस्सा मिलना चाहिए, क्योंकि अगर ससुराल वाले हिस्सा देने से पीछे रह जाये, तो मायके में हिस्सा पहले से ही रहे। बेटा और बेटी दोनों एक समान है, बेटियां कुछ करना चाहे , तो उन्हें समर्थन मिल सकता है। अगर बेटियां पैतृक संपत्ति में हिस्सा लेना चाही, तो रिश्ते में दरार आ सकता है

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से आशा शर्मा से बातचीत की। आशा शर्मा का कहना है कि बेटियों को पैतृक संपत्ति में हिस्सा मिलना चाहिए, क्योंकि बेटा और बेटी दोनों एक समान है। दोनों एक ही माता पिता की पैदाइश होते है। जो समर्थन बेटो को मिलता है, वही समर्थन बेटियों को भी मिलना चाहिए। अगर बेटियां पैतृक संपत्ति में हिस्सा लेना चाहती है, तो हिस्सा ले सकती है। इससे भाई बहन के रिश्ते में कोई दरार नहीं पड़ेगा

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से सुनीता से बातचीत की। सुनीता का कहना है कि बेटियों को पैतृक संपत्ति में हिस्सा मिलना चाहिए, क्योंकि बेटा और बेटी दोनों एक समान है। बेटा और बेटी एक ही माता पिता की पैदाईश होते है। पैतृक संपत्ति में हिस्सा लेने से भाई बहन के रिश्ते में दरार आ सकती है। अगर कोई भाई ख़ुशी से हिस्सा देना चाहे, तो हिस्सा ले सकते है। अगर बेटियों का साथ दिया जाये तो वो भी आगे बढ़ सकती है

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से कौंधारी से बातचीत की। कौंधारी का कहना है कि बेटियों को पैतृक संपत्ति में हिस्सा मिलना चाहिए। पति के अधिकार पर ही पत्नियों का अधिकार होता है। आज के समय में बेटा और बेटी सब एक समान है। आज के समय में बेटियाँ बेटो से आगे बढ़ रही है और बहुत कुछ कर रही है

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से शामधारी से बातचीत की। शामधारी का कहना है कि बेटियों को पैतृक संपत्ति में हिस्सा नहीं लेना चाहिए, अगर सारा हिस्सा बेटियों मिल जायेगा, तो बेटो को क्या मिलेगा ? शादी के बाद पति के अधिकार पर ही पत्नियों का अधिकार होता है। आज के समय में बेटो से ज्यादा बेटियां आगे बढ़ रही है।

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से प्रेमलता से बातचीत की। प्रेमलता का कहना है कि बेटियों को पैतृक संपत्ति में हिस्सा नहीं मिलना चाहिए, क्योंकि उनका अधिकार ससुराल के संपत्ति में होता है। बेटे के रहते बेटियां पैतृक संपत्ति में हिस्सा नहीं ले सकती है। पति के अधिकार पर ही पत्नियों का अधिकार होता है। अगर मायके में भाई नहीं है , तो महिलाएं पैतृक संपत्ति में हिस्सा ले सकती है। पैतृक संपत्ति में हिस्सा लेने से भाई बहन के रिश्ते में दरार आ सकती है। माता पिता बेटियों को पढ़ा लिखा कर आगे बढ़ा रहे है