आपलोग हमें बताएं कि केवल परीक्षा में लाये हुए अच्छे नंबर ही एक अच्छा और सच्चा इंसान बनने का माप दंड कैसे हो सकता है? अक्सर देखा जाता है कि माता पिता अपने बच्चों के तुलना दूसरे बच्चों से करते है. क्या यह तुलना सही मायने में बच्चे को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित करती है या उनके मन में नकारात्मक सोच का बीज बो देती है ? आपको क्या लगता है? इस पर आप अपनी राय, प्रतिक्रिया जरूर रिकॉर्ड करें। और हां साथियों अगर आज के विषय से जुड़ा आपके मन में किसी तरह का सवाल है तो अपने सवाल रिकॉर्ड करें अपने फ़ोन नंबर 3 दबाकर। हम आपके सवालों का जवाब ढूंढ कर लाने की पूरी कोशिश करेंगे।
बुलिंग का सामना करना कोई आसान काम नहीं होता हमारे समाज में कई ऐसे लोग हैं जो इसका शिकार है क्या आपने या आपके किसी जानने वाले ने कभी अपने जीवन में बुलिंग का सामना किया है ? आखिर क्या वजह है कि हमारे समाज में बुलिंग जैसी समस्या मौजूद है और लोग इस समस्या से जूझने के लिए मजबूर होते हैं ? अगर कोई व्यक्ति इस समस्या से जूझ रहा है तो ऐसी स्थिति में वह खुद को इससे बाहर निकालने के लिए क्या कर सकते हैं ? और बुलिंग जैसी समस्या को समाज से मिटाने के लिए सामुदायिक स्तर पर किस तरह की पहल की जा सकती ?
संतकबीरनगरः पानी की तरह पैसा बहाने के बाद भी परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की संख्या साल दर साल घटती जा रही है। पिछले साल से 28 हजार बच्चे कम हो गए है जो विभाग के लिए परेशान का सबब बन गया है।बेसिक शिक्षा परिषद के शहर से लैकर गांवों तक स्कूल हैं। कुल 1247 विद्यालयों में 4768 शिक्षक कार्यरत है। ज्यादा से ज्यादा बच्चे इन विद्यालयों में आए, इसके लिए सरकार की ओर से तमाम सहूलियतें दी जाती हैं। फिर भी बच्चों की संख्या बढ़ने की जगह कम होती जा रही है। साल प्राप्त आंकड़े के अनुसार 2022-23 में एक लाख 32 हजार थी। इस वर्ष 2023-24 में यह संख्या एक लाख चार हजार पहुंच गई है। बच्चों के नामांकन के लिए एक जुलाई से स्कूल चलो अभियान शुरू किया गया था। 15 जुलाई तक स्कूलों में बच्चों के दाखिले किए जाने थे। लेकिन वह भी पूरा नहीं हुआ। कुल एक लाख चार हजार ही पंजीकरण हो पाया। इस बारे में पूछे जाने पर बीएसए अमित कुमार सिंह ने बताया कि परिषदीय विद्यालय में बच्चों को विभिन्न तरह की सुविधाएं दी जाती है जैसे पठन पाठन की व्यवस्था नि:शुल्क होती है। मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराया जाता है। नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराई जाती है। दो जोड़ी यूनिफाॅर्म, जूते और बैग खरीदने के लिए अभिभावकों के खाते में 1200 रुपये भेजे जाते है। फिर भी बच्चों की संख्या में कमी आ रही जल्द अध्यापकों पर नकेल कसा जायेगा।
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उत्तप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से अलोक श्रीवास्तव मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि भीषण गर्मी को देखते हुए स्कूलों की छुट्टियाँ बढ़ा दी गई हैं। बच्चों के समूह के संदेश में आ रहा संदेश खोलें कि फिर से गर्मी के कारण अत्यधिक गर्मी के कारण स्कूल की छुट्टियाँ बढ़ा दी गई हैं। छ संदेश जाएगा उस स्थिति में स्कूल खुलेगा उस स्थिति में गर्मी असहनीय हो गई है अगर बच्चे जहां दस पच्चीस सौ लोग इकट्ठा होते हैं, गर्मी अधिक हो जाती है। चूँकि कार्बन डाइऑक्साइड गैस से अधिक गर्मी है, अगर एक कक्षा में पचासी बच्चे हैं, अगर पूरे स्कूल में एक हजार बच्चे हैं, अगर पाँच सौ बच्चे हैं, तो बच्चों के लिए परेशानी होगी। स्कूल प्रबंधक या प्रिंसिपल या जिला प्रशासन के अनुसार, स्कूल को बंद करने का आह्वान किया जाता है।
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गौतम बुद्ध महाविद्यालय स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण में स्मार्टफोन वितरित किए गए इस योजना के तहत दो सौ छियासठ छात्राओं को स्मार्टफोन वितरित किए गए । सुद गुप्त मान युवा विशेष अतिथि प्रिंसिपल गवर्नमेंट हायर प्राइमरी स्कूल जामती , आर्यन शुक्ला उपस्थित थे , जिसके दौरान जिला बागवानी अधिकारी समुद्र गुप्त मंड ने कहा कि प्रतिधारण के इस युग में अच्छी शिक्षा प्राप्त हुई है । मोबाइलबाड़ी संस्कार नगर से आर . बी . यादव को नमस्कार करने के लिए स्मार्टफोन जैसा गैजेट होना बहुत जरूरी है । -
