आपके अनुसार महिलाओं को एक मंनोरंजन या लेनदेन के सामान जैसा देखने की मानसिकता के पीछे का कारण क्या है ? आपके अनुसार महिलाओं को एक सुरक्षित समाज देने के लिए क्या किया जा सकता है ? और किसी तरह के बदसलूकी के स्थिति में हमें उनका साथ किस तरह से देना चाहिए ?

यौन उत्पीड़न हमारे समाज की एक बड़ी समस्या है और बहुत से लोग इसका शिकार भी हो जाते हैं . हम समझते है की केवल साबधानी बरतने से ही ऐसे परिस्थितिओं को हमेशा नहीं टाला जा सकता है बल्कि सामाजिक बदलाव से ही इस समस्या को जड़ से ख़तम किया जा सकता है। ऐसे में , आप को क्या लगता है की किस तरह का बदलाव हमारे समाज को एक सुरक्षित और बेहतर समाज बनने में मदद कर सकती है ? और क्या केवल कड़े कानून लागु करने से ही यौन उत्पीड़न के शिकार हुए लोगो को इन्साफ दिलवाया जा सकता है ? यौन उत्पीड़न के शिकार हुए लोगो के प्रति वर्तमान में दिखने वाले सामाजिक प्रतिक्रियों पे आप का क्या राय है ?

हमारे समझ में आज भी यौन शोषण के बारे में एक अनचाही चुप्पी साध ली जाती है और पीड़ित व्यक्ति को ही कहीं न कहीं हर बात के लिए जिम्मेदर बना देने की प्रथा चली आ रही है। पर ऐसा क्यों है? साथ ही इस तरह के सामाजिक दबावों के अतिरिक्त और क्या वजह होती है जिसके लिए आज भी कई सारे यौन शोषण के केस पुलिस रिपोर्ट में दर्ज नहीं होते हैं ? समाज में फैले यौन शोषण के मानसिकता के लिए कौन और कैसे जिम्मेदार है ? और समाज से इस मानसिकता को हटाने के लिए तुरंत किन - किन बातों पर अमल करना जरुरी है ?

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उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं के खिलाफ अत्याचार रोकने के लिए चौबीस घंटे चलने वाले हेल्पलाइन नंबर 181 पर शिकायत दर्ज किया जा सकता है

उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के. सी. चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिला सम्पत्ति के अधिकार को लेकर तरह - तरह की प्रतिक्रिया सामने आ रही है। कुछ लोगों का कहना है कि महिलाओं को संपत्ति का अधिकार दिया जाना चाहिए। कुछ लोगों का कहना है कि महिलाओं को संपत्ति का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए। लेकिन अगर देखा जाए तो सरकार को भी इस पर कड़ा रुख अपनाना चाहिए। जब तक सरकार इस पर कड़ा रुख नहीं लेती, तब तक महिलाओं को इस अधिकार से वंचित रहना पड़ सकता है। महिलाओं को संपत्ति का अधिकार देने के लिए सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए। आज समाज में देखा जा रहा है कि कई महिलाएं दहेज हत्या का शिकार हो रही हैं। तो कानून बनाने का क्या फायदा? कानून केवल कागज पर बनाया जा रहा है, लोगों को इसका लाभ नही मिल रहा है। महिला संपत्ति का अधिकार भी कागजों पर सिमट कर रह जाएगा।

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पुलिस अधीक्षक संतकबीरनगर सत्यजीत गुप्ता के निर्देशन में आगामी त्योहारों श्रावण मास कांवड़ यात्रा, मोहर्रम आदि को सकुशल संपन्न कराने, आदि को सकुशल संपन्न कराने, सुरक्षा व कानून व्यवस्था सुदृढ़ रखने तथा शांति एवं सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाये रखने हेतु क्षेत्राधिकारी मेंहदावल केशवनाथ व उपजिलाधिकारी मेंहदावल द्वारा संयुक्त रुप से थाना बेलहरकला के अन्तर्गत लोहरसन कस्बा मे पुलिस बल के साथ पैदल फ्लैग मार्च किया गया । लोगों को बताया गया कि त्योहारों को सकुशल संपन्न कराने के लिए पुलिस प्रशासन का सहयोग करें, किसी प्रकार की अफवाह पर ध्यान ना दें, किसी भी प्रकार की समस्या आने पर अविलंब सम्बन्धित अधिकारी के मोबाइल नंबर या थाना चौकी पर अवगत करायें । इस दौरान थाना प्रभारी बेलहरकला जीतेन्द्र यादव सहित पुलिस व राजस्व के अन्य अधिकारी कर्मचारीगण उपस्थित रहे ।