उत्तरप्रदेश राज्य के संत कबीर नगर से सरोज चौधरी मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे हैं कि महिलाओं के कृषि उद्योग में शामिल होने से महिलाओं के आर्थिक विकास के साथ साथ ग्रामीण विकास में भी मदद मिलेगी। स्वयं सहायत समूह छोटे कृषि उद्योग को चलने में मदद कर सकते है, जैसे की दुग्ध उत्पादन, शहद उत्पाद , बागबानी और जैविक खाद निर्माण आदि। महिलाओं को कृषि आधारित उद्योग के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए, विकास कार्यकर्मो से जोड़ना चाहिए।
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के. सी. चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि कुछ लोगों के अनुसार महिलाओं को संपत्ति का अधिकार दिया जाता है तो, भाई-बहन के संबंध बिगड़ जाएंगे। जबकि कुछ बहनों का यह भी मानना है कि पैतृक सम्पत्ति में हिस्सा नही बल्कि पति के सम्पत्ति में हिस्सा मिलना चाहिए। भाई-बहन का रिश्ता बहुत मधुर होता है, यदि रिश्ते में खटास आ जाएगी तो यह पवित्र रिश्ता खराब हो जाएगा।बहन हिस्सा लेगी तो वो पाटिदार हो जाएगी। परिवार में एकता बनाए रखने के लिए बहनें भी अपने भाई के पक्ष में दिखाई देती हैं और महिलाओं को महिला संपत्ति का अधिकार मिलता है, तो उन्हें यह पति के हिस्से में मिलना चाहिए।
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के. सी. चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में अशिक्षा के अभाव में महिलाओं को संपत्ति का अधिकार नहीं मिल रहा है। इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है, इसके लिए महिलाओं को जागरूक करना आवश्यक है। जब तक महिलाओं को संपत्ति के बारे में जागरूक नहीं किया जाता है,तब तक महिलाएं पीछे रह जाएंगी। भले ही सरकार कहती है कि महिलाओं के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं और महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। इन क्षेत्रों में अभी भी कई पिछड़े लोग हैं जो संपत्ति के अधिकार और अन्य अधिकारों के बारे में नहीं जानते हैं।
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उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से रामप्रकाश सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि कड़ी संख्या आठ 'अपनी जमीन, अपनी आवाज' बहुत पसंद आई। महिलाओं को सामने आने के लिए बहुत सारी उम्मीदें हैं। महिलाएं अभी भी बहुत पीछे हैं और शिक्षा की कमी के कारण समाज में अपना रुख नहीं दिखा पाती हैं, क्योंकि महिलाएं अभी तक परिवार के दबाव से बाहर नहीं निकल पाई हैं।
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से रामप्रकाश सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि सरकार महिलाओं के उत्थान के लिए कानून बनती है ,मगर जागरूकता के आभाव में महिलाएं इसका लाभ नही उठा पाती हैं। शासन- प्रसाशन और कानून महिलाओं को अधिकार नही दिला पाता है। महिलाएं भी चाहती हैं कि उन्हें पैतृक संपत्ति में हिस्सा मिले, लेकिन पारिवारिक दबाव के कारण वो नही ले पाती हैं। भारत में नौ प्रतिशत महिलाएं आज भी शिक्षा के अभाव में पीछे हैं। यदि वो शिक्षित होती तो अपने हक़ की लड़ाई लड़ पाती और समाज में अपनी बात रख पाती । बड़े घर की महिलाएं आज भी घर से बाहर नही निकलती हैं। गरीब महिलाएं खेतों में काम कर के और मेहनत - मजदूरी कर के अपना घर संभाल रही हैं
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के. सी. चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं को तब तक समानता के अधिकार से परिपूर्ण नहीं माना जायेगा, जब तक महिलाओं को संपत्ति का अधिकार नहीं मिल जाता। सरकार महिलाओं को समान शिक्षा और रोजगार का अधिकार दे रही है, उसी तरह महिलाओं को भूमि का अधिकार भी मिलें। क्षेत्र की महिलाओं का कहना है की अगर हमें संपत्ति का अधिकार मिलता है तो हम भी सशक्त होंगे। उनका कहना है की सरकार सभी को समानता है अधिकार दे रही है तो हमें भी भूमि का अधिकार मिले। महिलायें भूमि अधिकार पाकर अपने बच्चो की परवरिश करने में सक्षम रहेंगी। खेती किसानी कर के भी महिलायें अपने बच्चो की परवरिश कर सकती है
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के. सी. चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं जैसे महिलाओं को शिक्षा, नौकरी आदि में पुरुषों के बराबर सुविधाएं मिल रही हैं, लेकिन जब संपत्ति के अधिकार की बात आती है तो महिलाओं को संपत्ति का अधिकार देने से लोग कतराते है। लोगों का कहना हैं कि महिलाओं को घर में रहना चाहिए उन्हें संपत्ति का अधिकार नहीं मिलाना चाहिए।क्षेत्र के अन्य लोगो का कहना हैं कि अगर महिलाओं को संपत्ति का अधिकार दिया जाता है, तो भाई-बहन के रिश्ते में दरार आ जाएगी, लेकिन अगर महिलाओं के पास संपत्ति होगी, तो वे भी सशक्त होंगी और अपने काम काज में जुटी रहेंगी । जिस तरह से महिलाएं खेती में जुटी रहती हैं, उसी तरह वे कभी भी अपनी संपत्ति का आदान-प्रदान कर सकती हैं और कहीं भी किसी बड़ी नौकरी की तरह अपना जीवन यापन कर सकती हैं। लेकिन महिलाओं के संपत्ति के अधिकार पर लोगों का कहना है कि महिलाओं को संपत्ति का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए। जब समानता का अधिकार सबके लिए लागु हो रहा है तो फिर संपत्ति का अधिकार क्यों नहीं। महिलाओं को जागरूक होने की जरुरत है
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से नूतन उपाध्याय ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं के खिलाफ अत्याचार रोकने के लिए चौबीस घंटे चलने वाले हेल्पलाइन नंबर 181 पर शिकायत दर्ज किया जा सकता है
उत्तर प्रदेश राज्य के संत कबीर नगर जिला से के. सी. चौधरी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि महिलाओं की समस्याओं का एक कारण क्षेत्रीय विभिन्नताएं भी है। भारत एक बहुत बड़ा देश है, लेकिन क्षेत्रीय विभिन्नताओं के कारण, महिलाओं के लिए समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। आज भी आदिवासी महिलाएं शिक्षा के बारे में जागरूक नहीं हो रही हैं।कहीं - कहीं लोग बच्चियों को शिक्षा देने से कतराते नज़र आ रहे हैं। महिलाएं अपने हक़ की लड़ाई नहीं लड़ पा रही हैं। शहरी क्षेत्रों में, स्कूली शिक्षा की कुछ गुणवत्ता काफी दिखाई देती है, लेकिन ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में, महिलाएं अभी भी शिक्षा से वंचित हैं। अगर वे वंचित हैं, तो समाज का उत्थान कैसे होगा? महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए शिक्षित होना जरुरी है। महिलाएँ शिक्षित होंगी तभी एक सुसज्जित समाज का निर्माण होगा।