नमस्कार, आदाब दोस्तों ! स्वागत है आपका मोबाइल वाणी और माय कहानी की खास पेशकश कार्यक्रम भावनाओं का भवर में। साथियों, आज हम बात करेंगे लड़को के रोने पर - जी हाँ सही सुना, लड़को के रोने पर ही आज बात करेंगे ताकि हम समझ पाए बछ्पन के सुने हुए यह जुमले बच्चे के मन पर क्या असर दाल जाता है और आगे चलते उनके मन पर क्या असर पड़ता है। क्यूंकि मानसिक विकार किसी की गलती नहीं इसलिए इससे जूझने से बेहतर है इससे जुड़ी पहलुओं को समझना और समाधान ढूंढना। तो चलिए, सुनते है आज की कड़ी। .....साथियों, अभी आपने सुना की चाहे इंसान कितना भी सख्त दिखने की कोशिश क्यों न करे, ज़िन्दगी के पूछ पलों में उन्हें भी रोने का मन करता है और ऐसे समय में रो लेना कितना ज़रूरी है। पर क्या हमारा समाज इतनी आसानी से लड़कों को रोने की आज़ादी दे दे सकता है ? क्या केबल रोने या न रोने से ही साबित होता है की वो इंसान कितने मज़बूत किरदार का मालिक है ? और क्या इसी एक वाक्य से हम बचपन में ही लिंग भेद का बीज बच्चो के अंदर ने दाल दे रहे है जो पड़े होते होते न जाने कितने और लोगो को अपनी चपेट में ले चूका होता है ! आप के हिसाब से अगर लड़के भी दिलका बोझ हल्का करने के लिए रोयें और दूसरों से नरम बर्ताव करे तो समाज में क्या क्या बदल सकता है ? इस सभी पहलुओं पर अपनी राय प्रतिक्रिया और सुझाव जरूर रिकॉर्ड करें अपने फ़ोन में नंबर 3 दबाकर। और हां साथियों अगर आपके मन में आज के विषय से जुड़ा कोई सवाल हो तो वो भी जरूर रिकॉर्ड करें। हम आपके सवाल का जवाब तलाश कर आप तक पहुंचाने की पूरी कोशिश करेंगे। साथ ही इसी तरह की और भी जानकारी सुनने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें https://www.youtube.com/@mykahaani
मोबाइल वाणी और माय कहानी का एक ख़ास पेशकस आपके लिए कार्यक्रम भावनाओं का भवर जहाँ हम सुनेंगे मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने से जुड़ी कुछ जानकारियां. तो चलिए आज की कड़ी में सुनते हैं कि लड़कियों और महिलओं के साथ सम्मानपूर्वक वर्ताव सही मायने में कैसा होना चाहिए।साथ ही आप बताएं कि आपके अनुसार महिलाओं को एक मंनोरंजन या लेनदेन के सामान जैसा देखने की मानसिकता के पीछे का कारण क्या है ? आपके अनुसार महिलाओं को एक सुरक्षित समाज देने के लिए क्या किया जा सकता है ? और किसी तरह की बदसलूकी के स्थिति में हमें उनका साथ किस तरह से देना चाहिए ? साथ ही इसी तरह की और भी जानकारी सुनने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें। https://www.youtube.com/@mykahaani
सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...
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सिवान जिले के मैरवा थाना के मनमानी के खिलाफ भाकपा माले के कार्यकर्ताओं ने जन आक्रोश मार्च निकाला है। इस दौरान बभनौली गांव के सैकड़ो महिलाओ ने पुलिस के मनमानी के खिलाफ जमकर नारेबाजी किया है। आक्रोशित महिलाओ ने बभनौली के गोपाल कुशवाहा, देवानंद कुशवाहा, नितेश कुशवाहा पर हमला करने वाले अपराधियो को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की मांग कर रही थी। उन्होंने कहा कि हमला करने वाले दोषियों को पुलिसिया संरक्षण देना बंद करो। भाकपा माले नेताओ ने पुलिस पर पीड़ितों का आवेदन फेक देंना, जबरन आवेदन को बदलवाना, दोषियों को संरक्षण देना सहित कई आरोप लगाये है। यह मार्च बभनौली से चकिया पुल, शिवपुर नहर पुल, मझौली चौक, थाना रोड़, स्टेशन रोड होते हुए प्रखंड परिसर में पहुंची। जहां विधायक अमरजीत कुशवाहा ने एसडीपीओ से मामले की जांच कर हमला करने वाले दोसियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी की मांग किया है। भाकपा माले के पूर्व जिला पार्षद उपेन्द्र साह ने कहा कि बभनौली में हुए घटना को लेकर पुलिस ने पीड़ित के आवेदन पर आजतक कोई कार्यवाई नही किया। उलटे में पीड़ितों का सिर फोड़ने और हाथ तोड़ने वाले लोगो का पुलिस आवेदन लेकर मुकदमा दर्ज कर लेती है। पुलिस को घटना की जानकारी देने के बाद उस दौरान कोई कार्यवाई नही किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि मैरवा थाना क्षेत्र के सूर्यपुरा, इमलौली, बरासों, शेवतापुर सहित अन्य गांवों से पीड़ित फरियाद लेकर थाने में जाते है। तो उनको पहले डांट फटकार लगाया जाता है। पुलिस के इस रवैये को लेकर लोगो को थाना से विश्वाश खत्म होते हुए नजर आ रहा है। जिसको लेकर आज इंसाफ के लिए लोग सड़क पर उतरकर आंदोलन कर रहे है। वही इस जन आक्रोश मार्च में उपेन्द्र साह, इम्तियाज अंसारी, बीडीसी श्रीप्रकाश राम, सतेंद्र कुशवाहा उर्फ राजू मिस्त्री, पंचदेव कुशवाहा, लालबाबू साह, स्वामीनाथ भगत, ललन जी कुशवाहा, रोशन आरा, सिपाही भगत, हरेंद्र भगत, ललन चौहान, अलाऊद्दीन अंसारी, ताज अंसारी, धर्मेंद्र कुशवाहा सहित सैंकड़ों लोग शमिल थे।
राज्य सरकार के द्वारा चलाये जा रहे वर्ल्ड कोन्टासेप्शन डे अर्थात विश्व गर्भनिरोधक दिवस पखवाड़ा कार्यक्रम के अंतर्गत सोमवार को दरौली प्रखंड के दोन पंचायत एवं तियर पंचायत के पिहुली गगांव में चौपाल का आयोजन किया गया. जिसका आयोजन मुखिया सपना देवी की अध्यक्षता में हुआ जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों की योग्य दंपती के साथ जिला स्तरीय अधिकारी पिरामल की राजेश तिवारी के द्वारा कई महत्वपूर्ण बिन्दुओ पर चर्चा हुआ. जिसमे माँ एवं बच्चो के स्वास्थ्य को परिवार नियोजन के माध्यम से कैसे स्वस्थ्य रखा जाए , परिवार नियोजन में पुरुषो की भागिदारी सुनिश्चित कराने, मातृ मृत्यु सहित शिशु मृत्यु में परिवार नियोजन कितना महत्वपूर्ण है, लड़कियों की शादी की उम्र 18 वर्ष , पहला बच्चा 20 के उम्र में, दो बच्चो में तीन साल का अंतर एवं दो बच्चों के बाद स्थाई साधन , एवं नए योग्य दम्पत्ति के लिए अस्थायी साधन के इस्तेमाल पर चर्चा की गयी , ताकि मा एवं बच्चो की सेहत ठीक रहे, साथ ही देश में बढ़ती जनसंख्या को कम किया जा सके , फ़ैमिली प्लानिंग ऑफिसर अमित कुमार, ANM कलावती देवी, डॉक्टर नागेंद्र कुमार, मनोरम देवी , नीता पांडेय, संध्या देवी सहित भारी संख्या में योग्य दंपति एवं ग्रामीण उपस्थित थे.
सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...
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