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सिमरिया प्रखंड कार्यालय के सभाकक्ष में नो एंट्री टास्क फोर्स की एक बैठक की गई। जिसकी अध्यक्षता एसडीओ सन्नी राज ने की। बैठक में ट्रांसपोर्टिंग नियमों का पालन सख्ती से करवाने का निर्णय लिया गया। बैठक में नो एंट्री का उल्लंघन करने वाले वाहनों पर सख्त कार्रवाई का निर्देश दिए गए। ट्रांसपोर्टिंग के दौरान शराब पीकर वाहन चलाने वाले चालको के विरुद्ध कठोर चलान काटने का निर्देश दिया गया।वहीं निर्देश दिया गया कि सभी वाहन चालक नो एंट्री के पूर्व कतार में वाहन खड़े रखेंगे। रौंग साइड में वाहन खड़े रहने पर कार्रवाई की जाएगी। ट्रांसपोर्टों को निर्देश दिया गया कि वे अपने वाहनों में डीजल की भारायी ट्रांसपोर्टिंग पथ के पेट्रोल पंप से ही करें, रूट डायवर्ट होने पर भी कार्रवाई की जाएगी। बैठक में अनुमंडल क्षेत्र का थाना प्रभारी को सड़क के किनारे होटल ढाबों में बिकने वाले शराब पर रोक लगाना सुनिश्चित करने को कहा गया। साथ ही सप्ताह में कम से कम एक दिन हेलमेट ड्राइविंग लाइसेंस और स्पीड आदि को चेकिंग करने का निर्देश दिया गया। बैठक में जिला परिवहन पदाधिकारी, सिमरिया अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, महाप्रबंधक आम्रपाली, मगध, पिपरवार, जिला खनन पदाधिकारी, सिमरिया प्रखंड और अंचल पदाधिकारी, सिमरिया, टंडवा और पिपरवार के थाना प्रभारी के अलावा सभी ट्रांसपोर्टर के प्रतिनिधि मौजूद थे।

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उपायुक्त अबु इमरान के निर्देश पर अवैध खनन परिवहन एवं भंडारण करने वालों के विरुद्ध खनन विभाग चतरा सख्त।जिले में लगातार चलाया जा रहा हैं छापेमारी अभियान। खान निरीक्षक राजेश हंसदा ने बताया कि जिले भर में अवैध खनन परिवहन एवं भंडारण करने वालों के विरुद्ध जिला स्तरीय टास्क फोर्स, अनुमंडल स्तरीय टास्क फोर्स व अंचल स्तरीय टीम द्वारा छापेमारी अभियान लगातार चलाया जा रहा है। किसी भी सूरत में अवैध खनन में संलिप्त लोगों को बख्सा नहीं जाएगा। शनिवार को सदर थानांतर्गत चतरा क्षेत्र अंतर्गत जोरी मुख्य मार्ग संघरी घाटी पुल के पास दो बालू लोड ट्रैक्टर वाहोनो को पुलिस केन्द्र बल के सहयोग से पकड़ा गया।ल दोनो ट्रेक्टर में 100-100 सीएफटी बालू लोड पाया गया। पकड़े गए दो ट्रैक्टर में से एक ट्रैक्टर का निबंधन और डाला नंबर अंकित नहीं है। वाहन चालक अरुण कुमार भुईयां एवं दिलीप भुईयां दोनो चालको को सदर थाना चतरा को सुपूर्द कर दिया गया।और दोनो खनिज लोड वाहनों पर प्राथमिकी दर्ज कर दी गई है।

झारखंड राज्य के चतरा जिला से मोबाइल वाणी संवाददाता राज कुमार जानकारी दे रहे हैं कि कानून बनाने से पहले लोगों से राय मशवरा करनी चाहिए थी। क्योंकि कई बार दुर्घटना के बाद स्थानीय लोग चालक के साथ बहुत मार पीट करते हैं। चालकों का रोष इस बात पर भी है की दस लाख जुर्माना और सात साल की जेल उनका पूरा भविष्य बर्बाद कर देगी

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एक सामान्य समझ है कि कानून और व्यवस्था जनता की भलाई के लिए बनाई जाती है और उम्मीद की जाती है कि जनता उनका पालन करेगी, और इनको तोड़ने वालों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। इसके उलट भारतीय न्याय संहिता में किये गये हालिया बदलाव जनता के विरोध में राज्य और पुलिस को ज्यादा अधिकार देते हैं, जिससे आभाष होता है कि सरकार की नजर में हर मसले पर दोषी और पुलिस और कानून पूरी तरह से सही हैं।

हिट एंड रन के नए कानून के विरोध में ड्राइवर के द्वारा आहूत तीन दिवसीय देशव्यापी हड़ताल समाप्त होने के साथ ही पिपरवार कोयलांचल क्षेत्र में कोयला ढुलाई और कोयला डिस्पैच कार्य सामान्य रुप से शुरू हो गया। हड़ताल समाप्त होने के कारण पिपरवार कोयलांचल क्षेत्र के बचरा साइडिंग, आरसीएम साइडिंग से कोयला का डिस्पैच शुरू हो गया है। इसके साथ ही लोकल सेल के माध्यम से होने वाला कोयला का डिस्पैच कार्य भी शुरू हो गया है। ज्ञात हो कि इस हड़ताल के कारण पिपरवार क्षेत्र के सीएचपी परियोजना से बचरा साइडिंग तक होने वाली कोयले की ढुलाई का कार्य पूरी तरह से ठप था। अशोक परियोजना से आरसीएम साइडिंग तक की जाने वाली कोयल की धुलाई भी पूरी तरीके से प्रभावित रही थी। सीसीएल के आम्रपाली चंद्रगुप्त क्षेत्र से सीएचपी परियोजना तक की जाने वाली कोयले की ढुलाई का कार्य भी पूरी तरीके से बंद रहा था। पिपरवार क्षेत्र में लोकल सेल के माध्यम से की जाने वाली कोयले का डिस्पैच का कार्य भी बुरी तरह से बंद रहा था, सभी चालक अपने-अपने गाड़ियों को सड़क के किनारे जहां-तहां खड़ा कर हड़ताल का समर्थन करते नजर आ रहे थे। ज्ञात हो कि केंद्र सरकार के द्वारा सड़क दुर्घटना को नियंत्रित करने के लिए हिट एंड रन का नया कानुन बनाया बनाया जा रहा है जिसको लेकर देशभर के ड्राइवर इस कानुन का विरोध करते हुए हड़ताल पर चले गए थे, जिसका सीधा असर पिपरवार कोयलांचल क्षेत्र में हाइवा डंपर से होने वाली कोयला की ढुलाई और लोकल सेल के माध्यम से की जाने वाली कोयला डिस्पैच पर पड़ रहा था। बाहर से कोयला लेने के लिए पिपरवार पहुंचे ट्रक पिपरवार क्षेत्र के अशोका परियोजना के कांटाघर के समीप दो दिनों से खड़े थे। ड्राइवर के हड़ताल से पिपरवार प्रबंधन को 20 करोड़ का नुकसान होने का अनुमान ड्राइवर के द्वारा किए गए देशव्यापी हड़ताल का सीसीएल के पिपरवार प्रबंधन पर व्यापक असर रहा। इस हड़ताल के कारण पिपरवार प्रबंधन को करीब 20 करोड़ से अधिक का नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है। इस हड़ताल के कारण बचरा साइडिंग और आरसीएम साइडिंग से होने वाले कोयले का डिस्पैच पूरी तरह से बंद थे। कोयला लोड होने के इंतजार में रेलवे रैक साइडिंग में खड़े थे, जिसके कारण रेलवे द्धारा पेनाल्टी भी लगाया गया। कोयला डिस्पैच बंद होने से साइडिंग में दो दिनों तक सन्नाटा पसरा रहा।

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