महिलाओं की लगातार बढ़ती हिस्सेदारी और उसके सहारे में परिवारों के आर्थिक हालात सुधारने की तमाम कहानियां हैं जो अलग-अलग संस्थानों में लिखी गई हैं, अब समय की मांग है कि महिलाओं को इस योजना से जोड़ने के लिए इसमें नए कामों को शामिल किया जाए जिससे की ज्यादातर महिलाएं इसका लाभ ले सकें। दोस्तों आपको क्या लगता है कि मनरेगा के जरिए महिलाओँ के जीवन में क्या बदलाव आए हैं। क्या आपको भी लगता है कि और अधिक महिलाओं को इस योजना से जोड़ा जाना चाहिए ?

मनरेगा में भ्रष्टाचार किसी से छुपा हुआ नहीं है, जिसका खामियाजा सबसे ज्यादा दलित आदिवासी समुदाय के सरपंचों और प्रधानों को उठाना पड़ता है, क्योंकि पहले तो उन्हें गांव के दबंगो और ऊंची जाती के लोगों से लड़ना पड़ता है, किसी तरह उनसे पार पा भी जाएं तो फिर उन्हें प्रशासनिक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इस मसले पर आप क्या सोचते हैं? क्या मनरेगा नागरिकों की इच्छाओं को पूरा करने में सक्षम हो पाएगी?

दुकान तो सजी पर ग्राहक नदारद, होली का रंग हुआ बेरंग मनरेगा योजना के लाभुकों को हुई फजीहत,कर्ज बढ़ा चतरा/स : जिले एवं सभी प्रखण्डों मेंमनरेगा योजना में केंद्र सरकार से मिलने वाला राशि जिले व प्रखण्ड में नहीं आने से मजदूरों से लेकर लाभुकों के बीच निराशा छाई हुई है। साथ हीं कर्ज का बोझ लाभुकों के बीच बढ़ा हुआ है। इधर होली त्योहार होने के कारण आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं। जिससे होली का रंग फीका पड़ गया है। साथ हीं परिवारों में होली का उत्साह छोड़ निराशा छाई हुई है। वहीं होली पर्व को लेकर चौक चौराहे पर एक से बढ़ कर एक होली सामग्री तो ठेले खोमचे में लगाया तो जरूर गया है। परंतु ग्राहक के आस में उक्त दुकानदार मायूस नजर आ रहे हैं। जानकारी के अनुशार राज्य सरकार द्वारा मनरेगा योजना में दी जाने वाली राशि मनरेगा लाभ्यर्थियों को मिल गया गया है किंतु केंद्र सरकार द्वारा राज्य में राशि नहीं भेजने के कारण मनरेगा योजना लाभार्थियों को राशि नहीं मिली है। जिसका नतीजा है कि इस वर्ष होली का रंग बेरंग होता नजर आ रहा है। और लोगों में मायूसी है। हालांकि केंद्र सरकार को होली जैसे महा पर्व को ख्याल रखते हुए राशि भेजना चाहिए किन्तु ऐसा नहीं होना यह एक बड़ी सवाल । केंद्र सरकार को गरीब असहाय और मनरेगा मजदूरों तथा लाभुकों के प्रति कोई ख्याल नहीं होना साफ नजर आता है।आखिर जिम्मेवार कौन।

सरकार का दावा है कि वह 80 करोड़ लोगों को फ्री राशन दे रही है, और उसको अगले पांच साल तक दिये जाने की घोषणा की है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में यह भी दावा किया कि उनकी सरकार की नीतियों के कारण देश के आम लोगों की औसत आय में करीब 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। इस दौरान वित्त मंत्री यह बताना भूल गईं की इस दौरान आम जरूरत की वस्तुओं की कीमतों में कितनी बढ़ोत्तरी हुई है।

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