ज़मीन मिलने के बाद विमला ने अपनी जरूरतों और नए तरीकों को अपना कर खेती का नक्शा ही बदल दिया है- क्योंकि अब वह सिर्फ मज़दूर नहीं, एक किसान है। इस विषय पर आप क्या सोचते हैं, महिलाएं अपने हक को कैसे हासिल कर सकती हैं. क्या आप नहीं चाहते की आपके आस पास विमला जैसी कई महिलाएं हों? मुझे उम्मीद है कि आप निश्चित देखना चाहते हैं. तो आप हमें बताइये आप अपने इलाके में कैसे अनेकों विमलाएं बनाएंगे उनको उनका भूमि अधिकार देकर आपकी राय इसके उलट भी हो सकती है. इसलिए पक्ष-विपक्ष के इस कार्यक्रम में अपनी राय ज़रूर रिकॉर्ड करें हमें बताएं कि आप इस मसले पर क्या सोचते हैं. राय रिकॉर्ड करने के लिए दबाएं अपने फोन से तीन नंबर का बटन दबाकर या फिर मोबाईलवाणी के जरिए.
नाम - बीना श्रीवास्तव,उम्र - 60 वर्ष
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उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से अरविन्द श्रीवास्तव , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि किसानों को सम्मान निधी प्रदान किया गया। लेकिन बाद में कुछ किश्त आने बाद सरकार द्वारा कई तरह के पाबंदी लगाए गए। अब किसानों को फार्मा रजिस्ट्रेशन कराने के लिए कहा जा रहा है। लोगों का फार्मा रजिस्ट्रेशन होने में परेशानी आ रही है। लोग केंद्र के चक्कर लगा रहे है
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भारत एक कृषि प्रधान देश है और आज भी यहाँ के 70 प्रतिशत लोग कृषि कार्यों से जुड़े हुए हैं और भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है. इसलिए किसान, भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ और ग्रामीण समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदानकर्ता हैं। देशभर के किसानों को समाज में उनके योगदान के लिए सम्मानित करने और उनकी सराहना करने के उद्देश्य से भारत में हर साल 23 दिसंबर को राष्ट्रीय किसान दिवस मनाया जाता है। इसी दिन भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती भी होती है। साथियों, राष्ट्रीय किसान दिवस के लिए हर साल एक अलग थीम निर्धारित होती है और इस वर्ष यानी 2024 का थीम है "सतत कृषि और ग्रामीण सशक्तिकरण” जिसका उद्देश्य है किसानों को स्थायी कृषि पद्धतियों के महत्व को समझाना और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देना है।
"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ श्री जीवदास साहू ,टमाटर की खेती के सम्बन्ध में जानकारी दे रहे है। टमाटर के उन्नत किस्म और इसके उपचार की अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.
इस कार्यक्रम में हम जानेंगे जल संरक्षण और ऊर्जा बचत से जुड़ी सरकारी योजनाओं के बारे में। साथ ही, यह कार्यक्रम बताएगा कि आप इन योजनाओं का लाभ कैसे उठा सकते हैं और अपने गाँव के विकास में कैसे योगदान दे सकते हैं। स्वच्छ पानी और सतत ऊर्जा के महत्व को समझते हुए, हम एक बेहतर कल की ओर कदम बढ़ाएंगे। क्या जल सरंक्षण की योजनाओं के बारे में आपने भी सुना है, क्या आप इन योजनाओं का लाभ आपने भी उठाया है, क्या आपके गाँव में जल सरंक्षण की कोई प्रेरणादायी कहानी है ?
उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से मोहम्मद आरिफ की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से मनोज से हुई। मनोज यह बताना चाहते है कि छोटे - छोटे जमीन बहुत से किसानो के पास होती है।जिनके पति का देहांत हो जाता है और पत्नियां घर पर रहती है , उन्हें ये मालुम नहीं होता है की उनकी जमीन कहाँ - कहाँ है। पति के देहांत के बाद समाज के लोग या बड़े अधिकारी सभी मिलकर उनके पत्नी को जमीन पर अधिकार दिलाना चाहिए।
उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बस्ती से मोहम्मद इमरान की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से असूत्यानन्द तिवारी से हुई। असूत्यानन्द तिवारी से यह बताना चाहते है कि उनके क्षेत्र के भूमि निचे हिस्से में है , जिससे अगर वहां भारी बारिश हो जाए तो वह दिसंबर के अंत तक गेहूं के खेती करने में उनको लेट हो जाता है। उनका गेहूं की उपज कम हो जाता है। उनका खेत निचले हिस्से में होने के कारण उनकी फसलें खराब हो जाती है।
