सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...
सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...
उत्तरप्रदेश राज्य के बस्ती जिला से रमजान अली ने मोबाइल वाणी के माध्यम से सुरेंद्र कुमार से बातचीत किया। बातचीत के दौरान सुरेंद्र ने बताया कि महिलाओं को पोषाहार के लिए आंगनबाड़ी के माध्यम से खाद वितरण किया जाता है। लेकिन यह व्यवस्थित तरीके से नहीं हो पाता है। साथ ही उन्होंने बताया कि घर से बाहर महिलाएं सुरक्षित नहीं है। महिलाओं की सुरक्षा के लिए सरकार को कड़े कानून बनाने चाहिए
दोस्तों, मोबाइलवाणी के अभियान क्योंकि जिंदगी जरूरी है में इस बार हम इसी मसले पर बात कर रहे हैं, जहां आपका अनुभव और राय दोनों बहुत जरूरी हैं. इसलिए हमें बताएं कि आपके क्षेत्र में बच्चों को साफ पानी किस तरह से उपलब्ध हो रहा है? क्या इसमें पंचायत, आंगनबाडी केन्द्र आदि मदद कर रहे हैं?आप अपने परिवार में बच्चों को साफ पानी कैसे उपलब्ध करवाते हैं? अगर गर्मियों में बच्चों को दूषित पानी के कारण पेचिस, दस्त, उल्टी और पेट संबंधी बीमारियां होती हैं, तो ऐसे में आप क्या करते हैं? क्या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों से बच्चों का इलाज संभव है या फिर इलाज के लिए दूसरे शहर जाना पड रहा है? जो बच्चे स्कूल जा रहे हैं, क्या उन्हें वहां पीने का साफ पानी मिल रहा है? अगर नहीं तो वे कैसे पानी का इंतजाम करते हैं?
दोस्तों, एक बार फिर से उन्हीं दिनों को जीने की कोशिश करते हैं अपने बच्चों के संग उनके बचपन को एक त्यौहार की तरह मनाते हुए हंसते हुए, खेलते हुए, शोर मचाते बन जाते हैं उनके दोस्त और जानने की कोशिश करते हैं इस बड़ी सी दुनिया को उनकी आंखों से | घर और परिवार ही बच्चों का पहला स्कूल है और माता पिता दादा दादी और अन्य सदस्य होते हैं उनके दोस्त और टीचर हो. साथ में ये भी कि बच्चों के दिमाग का पचासी प्रतिशत से अधिक विकास छह वर्ष की आयु तक हो जाता है.
साथियों, हमें बताएं कि क्या आपके क्षेत्र के सरकारी जिला अस्पतालों, उपस्वास्थ्य केन्द्रों, स्वास्थ्य केन्द्रों, आंगनबाडी में पानी की कमी है? क्या वहां प्रशासन ने पानी की सप्लाई व्यवस्था दुरूस्त नहीं की है? अगर अस्पताल में पानी नहीं मिल रहा है तो मरीज कैसे इलाज करवा रहे हैं? क्या पानी की कमी के कारण बीमार होते हुए भी लोग इलाज करवाने अस्पताल नहीं जा रहे? या फिर आपको अपने साथ घर से पानी लेकर अस्पताल जाना पड़ रहा है? अपनी बात अभी रिकॉर्ड करें, फोन में नम्बर 3 दबाकर.
संतुलित आहार व योगासन से बनें निरोगी : डाॅ. लक्ष्मी
पदोन्नति पाकर 42 सहायिकाएं बनीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता
मिशन रोजगार के तहत बस्ती की 42 आंगनबाड़ी कार्यकत्री से सहायक आंगनबाड़ी कार्यकर्ती को पदोन्नति देकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ती बनाया गया।
गौर क्षेत्र में विकास योजनाएं हो रहीं प्रभावित