उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से विभा कुमारी ने आशा मिश्रा से बातचीत की जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि वो मोबाइल वाणी पर चल रहे कार्यक्रम अपनी जमीन और अपना अधिकार को सुनी और सुनने के बाद उनमें जागरूकता आई की वो अपने घर की बहू और बेटी दोनों को संपत्ति में बराबर का हक देना चाहती हैं
उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से विभा कुमारी ने निशा मिश्रा से बातचीत की जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि वो मोबाइल वाणी पर चल रहे कार्यक्रम अपनी जमीन और अपना अधिकार को सुनी और सुनने के बाद उनमें जागरूकता आई की वो अपने घर की बहू और बेटी दोनों को संपत्ति में हक देना चाहती हैं
उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से विभा कुमारी ने पारुल से बातचीत की जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि वो मोबाइल वाणी पर चल रहे कार्यक्रम अपनी जमीन और अपना अधिकार को सुनी और सुनने के बाद उनमें जागरूकता आई की वो अपने घर की बहू और बेटी दोनों को संपत्ति में हक देना चाहती हैं
उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से विभा कुमारी ने अंजू से बातचीत की जिसमें उन्होंने जानकारी दी कि वो मोबाइल वाणी पर चल रहे कार्यक्रम अपनी जमीन और अपना अधिकार को सुनी और सुनने के बाद उनमें जागरूकता आई की वो अपने घर की बहू और बेटी दोनों को संपत्ति में हक देना चाहती हैं
उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बलरामपुर से नीलू , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि बेटियां अभी भी सुरक्षित नहीं है। बेटियों को जागरूक करना चाहिए। उनको अपने हक़ के लिए लड़ना चाहिए।
उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बलरामपुर से नीलू , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि महिलाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है। सरकार को महिलाओं को रोजगार देना चाहिए। महिला और पुरुष के बेरोजगार होने से उनको बहुत परेशानी होती है।
उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बलरामपुर से नीलू , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि महिलाओं को उनका अधिकार नहीं मिला रहा है। उन पर अत्याचार होता है। महिलाओं को जागरूक होना चाहिए।
पिछले छह महीने से चल रहे कार्यक्रम 'अपनी जमीन अपनी आवाज़ ' को काफी हद तक श्रोताओं ने सराहा है और सभी ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। कई श्रोताओं ने इस कार्यक्रम को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया भी दिया । कार्यक्रम के माध्यम से समाज में कई परिवर्तन आ रहा है। एक महिला को पति के देहांत के बाद ससुराल से निकाल दिया गया ,मायके से सहयोग तो मिला पर भाई की तरफ से सहयोग नहीं मिला। पिता को पैतृक संपत्ति में बेटी का अधिकार की जानकारी नहीं थी ,पर कार्यक्रम के ज़रिये पिता को समझाया गया जिसके बाद उन्हें जमीन में हिस्सा मिला ,जिसके माध्यम से वो सशक्त और आत्मनिर्भर बनी। वहीं एक महिला उर्मिला देवी का कहना है कि इनके घर में अपनी जमीन अपनी आवाज़ कार्यक्रम सुना जाता है और इस कार्यक्रम से प्रभावित हो कर विचार में बदलाव आया और यह निर्णय लिया कि वो अपनी बेटी को दहेज़ न देकर जमीन का हिस्सा देंगी। दोस्तों , भले ही कार्यक्रम समाप्त हो रहा है लेकिन समाज में बदलाव की बयार धीरे धीरे ही सही बहने लगी है।
पिछले छह महीने से चल रहे कार्यक्रम 'अपनी जमीन अपनी आवाज़ ' को काफी हद तक श्रोताओं ने सराहा है और सभी ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। कई श्रोताओं ने इस कार्यक्रम को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया भी दिया । कार्यक्रम के माध्यम से समाज में कई परिवर्तन आ रहा है। कार्यक्रम के माध्यम से एक महिला के जीवन में बहुत बदलाव आये है। उन्हें ये समझ आया की अपनी बहु और बेटियों को भी अच्छा जीवन देना चाहिए। जैसा परिस्थिति उन्होंने देखा है वो उनके बच्चो पर नहीं आना चाहिए। जब उन्हें हिस्सा मिला तो, ये हिस्सा उन्हें अपनी बहु और बेटियों को भी देना चाहिए। बलरामपुर जिला की रहने वाली एक महिला के पति ने इस कार्यक्रम से प्रेरित हो कर 18x100 का प्लॉट अपने पत्नी के नाम कर दिया। दोस्तों , भले ही कार्यक्रम समाप्त हो रहा है लेकिन समाज में बदलाव की बयार धीरे धीरे ही सही बहने लगी है।
उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर ज़िला से पिंकू सिंह ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि मोबाइल वाणी से कार्यक्रम की जानकारी मिली। मोबाइल वाणी के सभी कार्यक्रम सुनते है। इससे जानकारी मिली। पहले बेटी को कम समझते थे पर अब मोबाइल वाणी का कार्यक्रम सुन कर बेटी को जमीन में हिस्सा देना चाहते है