इस कार्यक्रम में हम जानेंगे कि कैसे गाँव के लोग मिलकर अपने समुदाय को मजबूत बना रहे हैं। जल संरक्षण, ऊर्जा बचत और आपदा प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सामूहिक प्रयासों की ताकत को समझेंगे। साथ ही, यह भी जानेंगे कि कैसे छोटे-छोटे कदम मिलकर बड़े बदलाव ला सकते हैं और गाँव के विकास में योगदान दे सकते हैं। क्या आपके समुदाय में ऐसे समूह हैं जो जल संरक्षण, आपदा प्रबन्धन या संसाधन प्रबन्धन पर काम करते हैं? अगर हाँ, तो हमें बताएं कि वे कैसे काम करते हैं? और अगर नहीं, तो इस कार्यक्रम को सुनने के बाद क्या आप अपने समुदाय में ऐसे सामूहिक प्रयास शुरू करने के लिए तैयार हैं?

पानी टंकी के बनाने के लिए नहीं रखा गया एक भी ईट और गांव के बाहर लगा दिया गया बोर्ड

उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर ज़िला से वीर बहादुर ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि सड़क चौड़ीकरण के नाम पर पेड़ों को काटा जा रहा है लेकिन उसके स्थान पर वृक्ष नहीं लगाया जा रहा है। ऐसा होना चाहिए कि अगर एक पेड़ काटा जा रहा है तो दूसरे तरह दस वृक्ष लगाया जाए। अभी बलरामपुर में बहुत पेड़ काट रहे है। प्रशासन अगर ध्यान दें तो अधिक से अधिक वृक्ष लगाए ताकि मानसून चक्र प्रभावित ना हो।

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उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर ज़िला से नीलू ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि हमारी सरकार द्वारा ग्राम में सड़क बनाई जा रही है। जिससे लोगों को आने जाने में दिक्कत न हो।

उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से प्रियंका सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया की रामानुसगंज नगर पंचायत में पेयजल की स्थिति बहुत खराब है। नदी के स्रोत के सूख जाने से लोगों को पानी नहीं मिल रहा है। ग्रामीण रेत के तालाब से रिसने वाला पानी पीने के लिए मजबूर हैं। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से प्रियंका सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया की गांवों में पाइपलाइन से पानी की आपूर्ति करने के काम पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। गाँवों में लगाए गए अधिकांश हैंडपंप खराब हैं। लोग छोटे-छोटे नल से दूषित पानी पीने के लिए मजबूर हैं। लोग दूषित पानी पीने से विभिन्न बीमारियों से पीड़ित हैं। मोतीपुर गाँव में पिछले महीने दूषित पानी पीने से नौ लोगों की मौत हो गई थी।

उत्तर प्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से प्रियंका सिंह ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया की ग्राम पंचायत की अनियमितता और उपेक्षा के कारण पंद्रह साल बाद भी लोगों को पीने का पानी नहीं मिल रहा है, जगह-जगह पाइप लाइनें बिछाई गई हैं, लेकिन नल कनेक्शन घर तक नहीं पहुंच रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन की उदासीनता के कारण उन्हें अभी भी पानी की समस्या झेलने पड़ रही है।

सरकार द्वारा जगह जगह क्षेत्रों पर सड़कों का निर्माण हो रहा है। साथ ही सड़कों का चौड़ीकरण का भी कार्य अच्छे से हो रहा है

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