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उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बलरामपुर से नीलू , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहती है कि महिलाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है। सरकार को महिलाओं को रोजगार देना चाहिए। महिला और पुरुष के बेरोजगार होने से उनको बहुत परेशानी होती है।

बिहार के नवादा जिले के एक गांव में रहने वाली फगुनिया या फिर उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के किसी गांव में रहने वाली रूपवती के बारे में अंदाजा लगाइये, जिसके पास खुद के बारे में कोई निर्णय लेने की खास वज़ह नहीं देखती हैं। घर से बाहर से आने-जाने, काम काज, संपत्ति निर्माण करने या फिर राजनीतिक फैसले जैसे कि वोट डालने जैसे छोटे बड़े निर्णय भी वह अक्सर पति या पिता से पूछकर लेती हो? फगुनिया और रूपवती के लिए जरूरी क्या है? क्या कोई समाज महज दो-ढाई महिलाओं के उदाहरण देकर उनको कब तक बहलाता रहेगा? क्या यही दो-ढ़ाई महिलाएं फगुनिया और रूपवती जैसी दूसरी करोड़ों महिलाओं के बारे में भी कुछ सोचती हैं? जवाब इनके गुण और दोष के आधार पर तय किये जाते हैं।दोस्तों इस मसले पर आफ क्या सोचते हैं अपनी राय रिकॉर्ड करें .

उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर जिला से राजाबाबू मिश्रा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि उत्तरप्रदेश और बिहार में बोरजगारी के कारण अभी पुरुषो को काम नहीं मिल पा रहा है तो महिलाओं को कहा से रोजगार कहाँ मिलेगा। पुरुष तो पैसे कमाने के लिए अपने गांव से प्रवास कर के मजद्दोरी भी कर लेते हैं। लेकिन महिलाएं प्रवासी मजदूरी का काम नहीं कर सकती है। साथ ही जहाँ तक महिलाओं की पढ़ाई की बात है तो सभी अपनी कमाई के अनुसार अपने बेटे और बेटियों को एक सामान पढ़ा रहे है। इसके लिए सरकार को भी कुछ इन्तेज़ामं करना चाहिए जिससे कि महिलाओं को अपने क्षेत्र में ही रोजगार मिल सके

भूमि सुधार कानूनों में संशोधन करके महिलाओं के भूमि अधिकार को सुनिश्चित किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, कानूनों में यह प्रावधान किया जा सकता है कि महिलाओं को पैतृक संपत्ति में समान अधिकार होगा और विवाह के बाद भूमि का अधिकार हस्तांतरित नहीं होगा। सभी जमीनों का दस्तावेजीकरण किया जाना चाहिए ताकि महिलाएं अपने भूमि अधिकारों का दावा कर सकें। तब तक दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- आपके हिसाब से महिलाओं को भूमि का अधिकार देकर घर परिवार और समाज में किस तरह के बदलाव लाए जा सकते हैं? *----- साथ ही आप इस मुद्दे पर क्या सोचते है ? और आप किस तरह अपने परिवार में इसे लागू करने के बारे में सोच रहे है ?

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उत्तरप्रदेश राज्य के बलरामपुर ज़िला से भ्रह्मनन्द , मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि 2018 में इनकी बेटी की सर्पदंश से मृत्यु हो गयी। अस्पताल से सारा दस्तावेज़ मिलने और प्रधान से मिले दस्तावेज़ है ,लेकिन आज तक मुआवज़ा नहीं मिला