नमस्कार /आदाब श्रोताओं। मोबाइल वाणी पर हमारे सहयोगी शनि जी ने वीमेन लैंड राइट्स यानि महिला भूमि अधिकार पर जन साहस संस्था के साथ काम करने वाली भावना दीदी से साक्षात्कार लिया।बातचीत के दौरान भावना दीदी ने बताया की कैसे उन्होंने कई महिलाओं को उनका अधिकार दिलवाया और साथ ही खुद की भी एक अलग पहचान कायम की।तो आइये सुनते हैं भावना दीदी के संघर्ष और सफलता की कहानी उन्हीं की जुबानी।
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नाम - सरिता कुमारी ,उम्र 32 वर्ष ,पिन कोड 805109
गौतम कुमार, उम्र 17 वर्ष, 805109
नाम -भारती कुमारी , उम्र - 33 , पिन कोड - 805109
नमस्कार/ आदाब दोस्तों, मानवाधिकार अपने आप में एक विस्तृत शब्द है। मानवाधिकार में मानव समुदाय को मिलने वाले हर तरह के अधिकार समाहित है। यह अधिकार हर इंसान को विरासत में मिलते हैं, चाहे वह किसी भी जाति, धर्म, लिंग या भाषा से संबंधित हो। मानवाधिकार यह सुनिश्चित करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं कि सभी मनुष्यों के साथ समान व्यवहार किया जाए।लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण हमें समय समय पर मानव अधिकारों का उल्लंघन देखने को मिलता है। मानव अधिकारों का उल्लंघन के खिलाफ एक जुट होकर आवाज बुलंद करने एवं मानव अधिकारों को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से 10 दिसम्बर 1948 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा अंगीकार की गई और 10 दिसम्बर 1950 को पहली बार मानवाधिकार दिवस मनाई गई. तब से लेकर हर वर्ष 10 दिसम्बर को यह दिवस मनाया जाता है। हर वर्ष मानवाधिकार दिवस के लिए एक विशेष थीम निर्धारित की जाती है और इस वर्ष यानि 2024 का थीम है 'हमारे अधिकार, हमारा भविष्य, अभी'. इसका मतलब है कि हमें अपने दैनिक जीवन में मानवाधिकारों के महत्व को स्वीकार करना चाहिए. तो साथियों, आइये हम सब अपने अधिकारों को पहचानें और एक जूट होकर अपने अधिकारों की रक्षा करें। आप सभी श्रोताओं को मोबाइल वाणी परिवार के ओर से मानवाधिकार दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं !!
बिहार राज्य के नवादा ज़िला के नारदीगंज प्रखंड से तारा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से दीपक कुमार से हुई। दीपक कहते है कि महिलाएँ परिवार का अभिन्न अंग है। अविवाहित महिलाओं का पिता की संपत्ति में बेटे की तरह ही अधिकार है। और विवाहित महिला का अधिकार ससुराल में होता है। महिलाओं को इसके बारे में जानकारी होनी चाहिए ,अगर जानकारी नहीं है तो महिलाओं को जागरूक होना ज़रूरी है।अगर महिलाओं को उनके अधिकार से वंचित रखा जा रहा है तो महिलाएँ कोर्ट का सहारा ले सकती है।
बिहार राज्य के नवादा ज़िला के नारदीगंज प्रखंड से तारा की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से मुरारी कुमार से हुई। मुरारी कहते है कि हर महिला को अपने हक़ की जानकारी होनी चाहिए। वो अपने अधिकार को लेकर आवाज़ उठाए। हर बात की जानकारी महिलाओं को होनी चाहिए ,क्योंकि जमीन में बंटवारा की बात आती है तो उनसे जानकारी के अभाव में अधिकार छीन लिया जाता है। इसीलिए महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना चाहिए