इस कार्यक्रम में हम जलवायु परिवर्तन के कारण बदलते मौसम और असमान बारिश के पैटर्न से उत्पन्न हो रहे जल संकट पर चर्चा करेंगे। "मौसम की मार, पानी की तकरार" से लेकर "धरती प्यासी, आसमान बेपरवाह" जैसे गंभीर मुद्दों पर गहराई से विचार किया जाएगा। हम समझेंगे कि कैसे सूखा और बाढ़ दोनों ही हमारे जल संसाधनों को प्रभावित कर रहे हैं, और इन समस्याओं से निपटने के लिए सामूहिक और व्यक्तिगत स्तर पर क्या समाधान हो सकते हैं। हम आपसे जानना चाहते हैं – आपके इलाक़े में पानी की क्या स्थिति है? क्या आपने कोई जल संरक्षण के उपाय अपनाए हैं? या आप इस दिशा में कोई क़दम उठाने की सोच रहे हैं?
साथियों, आपके यहां पानी के प्रदूषण की जांच कैसे होती है? यानि क्या सरकार ने इसके लिए पंचायत या प्रखंड स्तर पर कोई व्यवस्था की है? अगर आपके क्षेत्र में पानी प्रदूषित है तो प्रशासन ने स्थानीय जनता के लिए क्या किया? जैसे पाइप लाइन बिछाना, पानी साफ करने के लिए दवाओं का वितरण या फिर पानी के टैंकर की सुविधा दी गई? अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो आप कैसे पीने के पानी की सफाई करते हैं? क्या पानी उबालकर पी रहे हैं या फिर उसे साफ करने का कोई और तरीका है? पानी प्रदूषित होने से आपको और परिवार को किस किस तरह की दिक्कतें आ रही हैं?
राजधानी के पदतर हवा को सुधारने के लिए इस बार 21 और 22 नवंबर को
दीपावली दियों से या धमाकों से? अबकि दीवाली पर हमें यह सोचना ही होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि हमारे शहरों की हवा हमारे इस उत्साह को शायद और नहीं झेल पा रही है। हवा इतनी खराब है कि सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है। भारत की राजधानी दिल्ली इस मामले में कुछ ज्यादा बदनाम है। दुनिया के सबसे अधिक प्रदूषित जगहों में शामिल दिल्ली में प्रदूषण इतना अधिक है कि लोगों का रहना भी यहां दूभर हो रहा है।
वातावरण से बहुत सारे लोग पर दुष्प्र भाव पड़ रहा है इस ऑडियो को सुन लाइक
छोटे बच्चों ने बताया प्रदूषण की क्या खासियत है
Transcript Unavailable.
Transcript Unavailable.
बिहार राज्य के नवादा जिला के नारदीगंज प्रखंड से संध्या कुमारी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए पेड़ लगाना बहुत जरूरी है। साथ ही हमें प्रदुषण को कम करने पर भी ज्यादा ध्यान देना चाहिए
बिहार राज्य के नवादा जिला से हमारी एक संवाददाता संध्या कुमारी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया की कैसे हम पेड़-पौधे को सुरक्षित रख सकते हैं ताकि जलवायु में परिवर्तन ना आ सके। ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए ताकि बढ़ती गर्मी और जलवायु परिवर्तन को रोका जा सके। पेड़-पौधे उतने ही जरुरी है जितने की हवा और पानी परन्तु इंसान अंधाधुन कटाई कर रहा है जिससे जलवायु पर बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ रहा है।