बिहार राज्य के जिला नवादा से संगीता कुमारी की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से अनामिका कुमारी से हुई। अनामिका कुमारी यह बताना चाहती है कि महिलाओं को यह बताना होगा कि महिलाओं का भूमि अधिकार उनके सम्मान से जीने का अधिकार है। अगर किसी के पति का निधन हो जाता है तो भूमि पर सबसे पहले पत्नी का अधिकार होना चाहिए। अगर जमीन पर बच्चों को अधिकार दिया जाता है तो वह अपने माता - पिता को छोड़ कर चला जाता है। उनपर ध्यान नहीं देता है।
बिहार राज्य के जिला नवादा से संगीता कुमारी की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से सोनाली कुमारी से हुई। सोनाली कुमारी यह बताना चाहती है कि महिला के प्रति भेद - भाव एक महिला ही करती है। पति सिर्फ देखते है उनके लिए आवाज़ नहीं उठाते है। लड़कों के साथ भेद - भाव नहीं किया जाता है लेकिन महिलाओं जितनी भी शिक्षित हो या अच्छा काम करती हो उनके साथ भेद - भाव होता है
सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...
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बिहार राज्य के नवादा जिला के नारदीगंज प्रखंड से तारा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से आंगनबाड़ी सेविका गायत्री कुमारी से बातचीत किया। बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि महिलाओं को भूमि का अधिकार देना चाहिए। साथ ही महिलाओं को शिक्षित करना बहुत जरूरी है। महिलाएं शिक्षित नहीं होंगी तो उनके जीवन में कई प्रकार के बाधाएं आएँगी
बिहार राज्य के नवादा जिला के पकरीबरावां प्रखंड से तारा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से भेरगु प्रसाद सिंह से बातचीत किया। बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि जब महिलाओं के लिए जमीनी अधिकार की बात आती है तो वह गांव तक ही सिमित रह जाता है, क्योकि उनका परिवार यह नहीं चाहता है की महिला को बराबर अधिकार और जमीन मिले। इसलिए समाज सुधार के लिए विरोध का सामना करना पड़ता है और अपने दम पर लड़ना पड़ता है। कानून में महिलाओं को अधिकार तो दिया गया है लेकिन समाज ऐसा नहीं चाहता है
बिहार राज्य के नवादा जिला के पकरीबरावां प्रखंड से तारा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से भेरगु प्रसाद सिंह से बातचीत किया। बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि महिलाओं को भी पुरुष के बराबरी का दर्जा मिलना चाहिए और महिला के नाम पर भी जमीन होना चाहिए। जिससे की महिलाएं अपना खुद का रोजगार कर सके। महिलाओं को उनका अधिकार मिलेगा तो समाज में उनका सम्मान भी बढ़ेगा
ये रेशम का धागा नहीं बहन का प्यार है यही तो खट्टे-मीठे रिश्तों की तकरार हैं भाई की कलाई की शोभा जिससे होती है वो और कुछ नहीं रक्षा बंधन का त्यौहार है नमस्कार /आदाब, दोस्तों ,सावन पूर्णिमा के दिन भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक पर्व रक्षाबंधन मनाया जाता है, रक्षाबंधन का त्योहार भाई और बहन के लिए बेहद ही खास दिन होता है। भाई की कलाई पर राखी बांधना बहन की ओर से स्नेह और सुरक्षा का प्रतीक है, और परिणामस्वरूप, भाई उसकी रक्षा करने का वचन देता है। भाई अक्सर अपनी बहनों को पैसे या उपहार देकर उनके प्रति अपना प्यार दिखाते हैं। रक्षाबंधन का पर्व न सिर्फ भाई -बहन के प्यार को दर्शाता है बल्कि यह पर्व पारिवारिक सुरक्षा का प्रतिक भी है साथ ही यह पर्व एकजुटता और जिम्मेदारी की भावना की सराहना करता है। श्रोताओ मोबाइल वाणी परिवार की और से आप सभी को भाई-बहन की पावन पर्व रक्षाबंधन की ढेर सारी शुभकामनाएं !
बिहार राज्य के नवादा जिला के पकरीबरावां प्रखंड से संगीता कुमारी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से दुष्यंत से बातचीत किया। बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि आज के समय में महिलाओं का शिक्षित होना बहुत जरूरी है। शिक्षित होने से निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है और महिलाएं आत्मनिर्भर बनती हैं
