यह नौकरी उन लोगों के लिए है जो इंडियन रेलवे भर्ती बोर्ड द्वारा एनटीपीसी नॉन टेक्निकल10+2 के 3445 पदों पर काम करने के लिए इच्छुक हैं। वैसे उम्मीदवार इन पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं, जिन्होंने किसी भी बोर्ड से बारहवीं पास किया हो , इसके साथ ही उम्मीदवार की न्यूनतम आयु सीमा 18 वर्ष और अधिकतम आयु सीमा 33 वर्ष होनी चाहिए। इन पदों पर वेतनमान नियम अनुसार दिया जाएगा। ओबीसी व सामान्य वर्ग के लिए आवेदन शुल्क 500 रुपये व अनुसूचित जाति ,अनुसूचित जनजाति और पीएच वर्ग के लिए 250 रुपये है, इच्छुक उम्मीदवार अपना आवेदन ऑनलाइन भर सकते हैं।अधिक जानकारी के लिए आवेदनकर्ता इस वेबसाइट पर जा सकते हैं। वेबसाइट है https://www.sarkariresult.com/railway/rrb-ntpc-undergraduate-06-2024/ योग्य उम्मीदवारों का चयन ऑनलाइन परीक्षा के बाद किया जाएगा। याद रखिए इन पदों पर आवेदन करने की अंतिम तिथि 20/10/2024 है ।
बिहार राज्य के जिला नवादा से बिंदु देवी की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से रूमी वर्मा से हुई। रूमी वर्मा यह बताना चाहती है कि पिता की संपत्ति में बेटा और बेटी को समान अधिकार दिया जाना चाहिए। बेटी को संपत्ति में अधिकार होना जरूरी है क्योंकि ससुराल वाले ताना मारते है कि वह मायके से कुछ भी नहीं लेकर आई है।
बिहार राज्य के जिला नवादा से बिंदु देवी की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से मनोरमा देवी से हुई। मनोरमा देवी यह बताना चाहती है कि महिला को उनका भाई संपत्ति में अधिकार नहीं देना चाहते है। मायके में जितना संपत्ति में हक़ भाई का होता है उतना ही हक़ बहन का भी होता है। इसीलिए हक़ माँगना जरूरी है। अगर उनको जमीन में हक़ नहीं मिलेगा तो वह इसके लिए लड़ाई लड़ेगी। सरकार का भी कहना है की अपने हक़ के लिए लड़ना चाहिए।
बिहार राज्य के जिला नवादा से बिंदु देवी की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से रूमी वर्मा से हुई। रूमी वर्मा यह बताना चाहती है कि महिला को शिक्षित होना बहुत जरूरी है। वह शिक्षित होगी तभी वह अपने बच्चों को पढ़ा सकेगी और यह देख पाएंगी की उनका बच्चा क्या पढ़ कर आया है। अगर वह अनपढ़ रहेगी तो उनका बच्चा क्या पढ़ रहा है उनको पता नहीं चलेगा।
बिहार राज्य के जिला नवादा से बिंदु देवी की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से मनोरमा देवी से हुई। मनोरमा देवी यह बताना चाहती है कि महिला अगर शिक्षित होगी तभी वह बच्चों को पढ़ा सकती है, और स्कूल में क्या पढ़ाया गया है वह देख सकती है इसीलिए महिला को शिक्षित होना चाहिए।
ग्रामीण महिला सशक्तिकरण का अर्थ है ग्रामीण महिलाओं को उनके सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक अधिकारों को प्राप्त करने में सक्षम बनाना। यह उन्हें निर्णय लेने की शक्ति प्रदान करता है और उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाता है। सशक्तिकरण का मतलब सिर्फ महिलाओं को शिक्षित करना या उन्हें रोजगार देना नहीं है, बल्कि उन्हें समाज में समानता का दर्जा देना भी है। महिलाओं का सशक्तिकरण समाज के समग्र विकास के लिए आवश्यक है। जब महिलाएं सशक्त होती हैं, तो वे अपने परिवार और समुदाय के लिए बेहतर निर्णय ले सकती हैं। तब तक दोस्तों आप हमें बताइए कि *----- आधी आबादी या महिलाओं को उनका पूरा हक दिया जाने से उनके जीवन सहित समाज में किस तरह के बदलाव आएगा जो एक बेहतर और बराबरी वाले समाज के निर्माण में सहायक हो सकता है? *----- साथ ही आप इस मुद्दे पर क्या सोचते है ? और आप किस तरह अपने परिवार में इसे लागू करने के बारे में सोच रहे है ?
"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत हमारे कृषि विशेषज्ञ श्री जीवदास साहू ,टमाटर की खेती के सम्बन्ध में जानकारी दे रहे है। टमाटर के उन्नत किस्म और इसके उपचार की अधिक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें.
बिहार राज्य के जिला नवादा से संगीता कुमारी की बातचीत मोबाइल वाणी के माध्यम से जितेंद्र चौरासिया से हुई। जितेंद्र चौरासिया यह बताना चाहते है कि महिलाओं को जमीन में समान अधिकार दिया गया है। उनको पैतृक संपत्ति में बंटवारा कर के उनका हक़ दिया जाना चाहिए। जिससे वह अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे सके। महिलाओं का विकास करने के लिए उनको जमीन में हिस्सा देना जरूरी है।
बिहार राज्य के नवादा जिला के पकरीबरावां प्रखंड से संगीता कुमारी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से रौशन कुमार से बातचीत किया। बातचीत के दौरान रौशन ने बताया कि महिलाओं को अगर अच्छे से शिक्षित किया जायेगा तो परिवार की उन्नति होगी, घर परिवार में बच्चे शिक्षित होंगे। साथ ही महिलाएं निजी या सरकारी क्षेत्रों में नौकरी कर सकेगी
"गांव आजीविका और हम" कार्यक्रम के तहत कृषि विशेषज्ञ कपिल देव शर्मा मटर की फसल के बारे में जानकारी दे रहे हैं। विस्तारपूर्वक जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें .
