महिलाओं की लगातार बढ़ती हिस्सेदारी और उसके सहारे में परिवारों के आर्थिक हालात सुधारने की तमाम कहानियां हैं जो अलग-अलग संस्थानों में लिखी गई हैं, अब समय की मांग है कि महिलाओं को इस योजना से जोड़ने के लिए इसमें नए कामों को शामिल किया जाए जिससे की ज्यादातर महिलाएं इसका लाभ ले सकें। दोस्तों आपको क्या लगता है कि मनरेगा के जरिए महिलाओँ के जीवन में क्या बदलाव आए हैं। क्या आपको भी लगता है कि और अधिक महिलाओं को इस योजना से जोड़ा जाना चाहिए ?

मनरेगा में भ्रष्टाचार किसी से छुपा हुआ नहीं है, जिसका खामियाजा सबसे ज्यादा दलित आदिवासी समुदाय के सरपंचों और प्रधानों को उठाना पड़ता है, क्योंकि पहले तो उन्हें गांव के दबंगो और ऊंची जाती के लोगों से लड़ना पड़ता है, किसी तरह उनसे पार पा भी जाएं तो फिर उन्हें प्रशासनिक मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इस मसले पर आप क्या सोचते हैं? क्या मनरेगा नागरिकों की इच्छाओं को पूरा करने में सक्षम हो पाएगी?

कार्यक्रम में शामिल हुए शिक्षक, कर्मचारी संतकबीरनगर । पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर राजधानी लखनऊ से लेकर जनपद तक हजारों की संख्या में शिक्षक कर्मचारी एकत्रित हुए। अटेवा, एनएमओपीएस के शीर्ष नेतृत्व ने चार फरवरी को मांग को लेकर रन फॉर ओपीएस कार्यक्रम का आयोजन किया था। अटेवा के जिलाध्यक्ष दिनेश चौहान ने बताया कि संगठन के शीर्ष नेतृत्व के आह्वान पर जिले से बड़ी संख्या में शिक्षक, कर्मचारी कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने कहाकि पेंशन कर्मचारियों का हक है और हम इसे लेकर ही दम लेंगे। उन्होंने बताया कि लखनऊ के अम्बेडकर पार्क चौराहा से प्रारम्भ होकर सामाजिक परिवर्तन चौक, समता मूलक चौक से फन मॉल होते हुए लोहिया पार्क के गेट नम्बर तीन से पुन अम्बेडकर पार्क तक दौड़ लगाई । इस दौरान मंडलीय संगठन मंत्री मुकेश यादव, मंडलीय संगठन मंत्री संजय शर्मा, मोहम्मद उमर सिद्दीकी, मोहम्मद मो. शाहिद अंसारी, मो. ताहिर, रुद्र प्रताप, शिक्षक प्रकोष्ठ कांग्रेस जिलाध्यक्ष सूर्य प्रकाश आदि मौजूद रहे।

सरकार का दावा है कि वह 80 करोड़ लोगों को फ्री राशन दे रही है, और उसको अगले पांच साल तक दिये जाने की घोषणा की है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में यह भी दावा किया कि उनकी सरकार की नीतियों के कारण देश के आम लोगों की औसत आय में करीब 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। इस दौरान वित्त मंत्री यह बताना भूल गईं की इस दौरान आम जरूरत की वस्तुओं की कीमतों में कितनी बढ़ोत्तरी हुई है।

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उत्तरप्रदेश राज्य के लखनऊ ज़िला से अलेखराम ,मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि राजधानी के विकासखंड माल अंतर्गत ग्राम पंचायत सैम्सी से सरथरा के लिए एक रोड जाता है ,जो कच्चा है। इस रास्ते पर मिट्टी डलवाने का काम करीब 5- 6 माह पूर्व सैम्सी के प्रधान और सचिव ने करवाया था जहां अब किसी मरम्मत की जरूरत नहीं थी परंतु दूसरी ग्राम पंचायत के भ्रष्ट प्रधान ने उसी रास्ते पर दोनों किनारो से एक-एक मीटर पटरी की मिट्टी खोदकर और बीच में डाल दी है और इसे वह मरम्मत का काम बता रहे हैं जबकि यहां के लोग इसको सीधे भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाला बता रहे हैं अब अधिकारियों को देखना है कि इस पर क्या कार्रवाई होती है।

राजधानी के विकासखंड माल की ग्राम पंचायत वीरपुर में कई गरीबों को मनरेगा से रोजगार नहीं दिया जा रहा है इसका कारण है कि प्रधान द्वारा भेदभावपूर्ण रवैया अपनाया जाना, प्रधानों द्वारा अपने खास लोगों को फर्जी हाजिरी लगाकर लाभ दिया जाता है ऐसी स्थिति में सवाल उठता है कि वास्तविक मजदूरों को कम क्यों नहीं दिया जाता। एसएस

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उत्तरप्रदेश राज्य के लखनऊ ज़िला के तकरोही से खुसबू ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि इन्हे इ-श्रम कार्ड का लाभ नहीं मिल पा रहा है

उत्तरप्रदेश राज्य के लखनऊ ज़िला के तकरोही समुदाय से नीलम ,लखनऊ मोबाइल वाणी के माध्यम से हमारी एक श्रोता से बात किया जिनका नाम सुनीता है उनका कहना है की उनको इ-श्रम कार्ड का कोई लाभ नहीं मिल रहा है