बिहार राज्य के सारण ज़िला के सोनपुर प्रखंड के कसमार ग्राम से पूजा ,मोबाइल वाणी के माध्यम से मुस्कान सिंह से बात कर रही है। ये कहती है कि उनके ग्राम में सरकारी स्कूल में पहले से अच्छा सुधार आ गया है ।बच्चों की पढ़ाई अच्छे से हो रही है ,शिक्षक बच्चों पर अच्छे से ध्यान दे रहे है। स्कूल में शौचालय भी है और साफ़ सफाई अच्छे से होती है

बिहार राज्य के सारण ज़िला के गोपालपुर से संजय ,मोबाइल वाणी के माध्यम से पूजा कुमारी से बात कर रहे है। ये कहती है कि इनके ग्राम में सरकारी स्कूल की स्थिति अच्छी हो गई है। पहले शिक्षक बच्चों पर ध्यान नहीं देते थे ,पर अब शिक्षक अच्छे से पढ़ाई करवा रहे है। अब शौचालय भी साफ़ सुथरा रहता है

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2016 में 14% छात्र औपचारिक शिक्षा से बाहर थे जो कि देश में 2023 में भयानक सुधार होने के बाद भी अब मात्र 13.2 फीसद बाहर हैं ... 2016 में 23.4 फीसद अपनी भाषा में कक्षा 2 का पाठ नहीं पढ़ पाते थे आज 2023 में अति भयानक सुधार के साथ ये आंकड़ा 26.4 प्रतिशत है ... देश के आज भी 50 फीसद छात्र गणित से जूझ रहे हैं ... मात्र 8 साल में गणित में हालात बद से बदतर हो गए ... 42.7% अंग्रेजी में वाक्य नहीं पढ़ सकते हैं... अगर आप सरकार से जवाब माँगिए , तो वे कहती है कि वो लगातार बैठकें कर रहे हैं लेकिन असर की रिपोर्ट बताती है कि ये बैठकें कितनी बेअसर हैं... तो विश्व गुरु बनने तक हमें बताइये कि *-----आपके गांव या जिला के स्कूलों की स्थिति क्या है ? *-----वहां पर आपके बच्चों को या अन्य बच्चों को किस तरह की शिक्षा मिल रही है ? *-----और आपके गाँव के स्कूलों में स्कुल के भवन , बच्चों की पढ़ाई और शिक्षक और शिक्षिका की स्थिति क्या है ?

सरकार का दावा है कि वह 80 करोड़ लोगों को फ्री राशन दे रही है, और उसको अगले पांच साल तक दिये जाने की घोषणा की है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में यह भी दावा किया कि उनकी सरकार की नीतियों के कारण देश के आम लोगों की औसत आय में करीब 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। इस दौरान वित्त मंत्री यह बताना भूल गईं की इस दौरान आम जरूरत की वस्तुओं की कीमतों में कितनी बढ़ोत्तरी हुई है।

केके पाठक के लौटते ही अफवाहों का बाजार समाप्त

हमारे देश में सभी को शिक्षा का अधिकार है लेकिन लड़कियों को इसके लिए कहीं अधिक संघर्ष करना पड़ता है। कई बार घर के काम के बोझ के साथ स्कूल के बस्ते का बोझ उठाना पड़ता है तो कभी लोगों की गंदी नज़रों से बच-बचा के स्कूल का सफर तय करना पड़ता है। जैसे-तैसे स्कूल पहुंचने के बाद भी यौन शोषण और भावनात्मक शोषण की अलग चुनौती है जो रोज़ाना उनके धैर्य और हिम्मत की परीक्षा लेती है। ऐसे में लड़कियों के लिए सुरक्षित माहौल बनाने की जिम्मेदारी शासन-प्रशासन के साथ साथ समाज की भी है। तब तक आप हमें बताइए कि * -----लड़कियों के स्कुल छोड़ने के या पढ़ाई पूरी ना कर पाने के आपको और क्या कारण नज़र आते है ? * -----आपके हिसाब से हमें सामाजिक रूप से क्या क्या बदलाव करने की ज़रूरत है , जिससे लड़कियों की शिक्षा अधूरी न रह पाए।

सोनपुर एसपीएस सेमनरी स्कूल में जन संवाद कार्यक्रम का हुआ आयोजन जन संवाद कार्यक्रम में छात्रों को दी गई छात्रवृत्ति सहित अन्य योजनाओं की जानकारी सोनपुर । सोनपुर प्रखंड के एसपीएस सेमिनरी स्कूल में विद्यालय के प्रधानाध्यापक बच्चा सिंह के नेतृत्व में 'शिक्षा संवाद' कार्यक्रम का आयोजन मंगलवार को किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सोनपुर बीडीओ डॉ सुदर्शन कुमार व प्रखंड कृषि पदाधिकारी विनोद कुमार आनंद ेरहे । शिक्षा विभाग द्वारा संचालित लोक कल्याणकारी योजनाओं के संबंध में उपस्थित छात्र-छात्राओ एवं उनके अभिभावकों को समुचित जानकारी बीडीओ ने उपलब्ध करायी । बिहार सरकार शिक्षा विभाग द्वारा संचालित की जा रही योजना मुख्यमंत्रीबालक-बालिका साईकिल योजना, किशोरी स्वास्थ्था योजना, बालिका प्रोत्साहन योजना, बिहार शताब्दी मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना, छात्रवृति योजना, प्री तथा पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति योजना तथा स्टुडेन्ट क्रेडिट कार्ड योजना की विस्तृत जानकारी दी गयी। सरकार की अन्य विभागों की महत्वपूर्ण योजनाओं श्रम संसाधन विभाग, स्वास्थ्य विभाग एवं उद्योग विभाग आदि की फ्लैगशीप योजनाओं की भी चर्चा की गई। कार्यक्रम में अमरनाथ ओझा , राकेश कुमार मुकेश कुमार राजेश शुभांगी अजय कुमार अजीत सिंह मनोज कुमार,स्नेहलता सहित अन्य शिक्षकगण व विद्यार्थी व उनके अभिवावक उपस्थित रहे ।

IAS के के पाठक ने छोड़ा अपना पद, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का पद से दिया त्यागपत्र,* पटना । : सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव पद से के के पाठक ने अपना परित्याग पत्र दे दिया है।आईएएस अधिकारी केके पाठक ने अपने पद को छोड़ दिया है। आपको बता दें कि पद का परित्याग देने से पहले केके पाठक 16 जनवरी तक छुट्टी पर चले गए थे। छुट्टी पर जाने के बाद से ही उनके पद को छोड़ने की अटकलें तेज हो गई थी, जिसके बाद उन्होंने अब अपने पद से परित्याग दे दिया है। केके पाठक ने शिक्षा विभाग की कमान संभालने के बाद काफी कड़ाई बरती थी। केके पाठक ने विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग को पत्र लिखकर इसकी सूचना दी है। केके पाठक ने सरकार को भेजे गए अपने त्याग पत्र में लिखा है कि स्वेच्छा से एसीएस पद से परित्याग करता हूं, केके पाठक द्वारा सरकार यानी विभाग को ये चिट्ठी 9 जनवरी को ही दी गई है लेकिन ये चिट्ठी गुरुवार को वायरल हुई जिसके बाद उनके पद के परित्याग करने की खबर सामने आई। केके पाठक के शिक्षा विभाग के एसीएस के पद को छोड़ने की अभी सरकार की तरफ से स्वीकृति नहीं दी गई है। केके पाठक की गिनती बिहार के कड़क और काबिल अफसरों में होती है। इससे पहले वो बिहार सरकार के कई विभागों में काम कर चुके हैं। केके पाठक द्वारा किए गए सुधारों को लेकर उनकी आलोचना भी होती रही है। शिक्षा विभाग की कमान संभालने के बाद उन्होंने कई कड़े नियम भी बनाए थे जिसके कारण शिक्षकों का संगठन भी उनसे खासा नाराज था। पटना में इसी महीने की 13 तारीख यानी 13 जनवरी को शिक्षकों को ज्वाइनिंग लेटर देने के लिए आयोजित कार्यक्रम से भी उन्होंने दूरी बना ली है।

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