दिघवारा प्रखंड से अजय कुमार की रिपोर्ट।। अधिक जानकारी के लिए मोबाइल वाणी सुने या डाउनलोड करें

सोनपुर प्रखंड के भरपुरा पंचायत भवन और दुधैला पंचायत के सामुदायिक भवन बाकरपुर में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत फार्मर रजिस्ट्री शिविर का आयोजन 10 फरवरी से 12 फरवरी यानी तीन दिवसीय शिविर लगाया गया

सोनपुर प्रखंड के अंतर्गत भरपुरा पंचायत भवन एवं दुधैला पंचायत क़े सामुदायिक भवन बाकरपुर में सोमवार के भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मन निधि योजना द्वारा फार्मर रजिस्ट्री शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें अंचलाधिकारी व अनुमंडल कृषि पदाधिकारी पवन कुमार अपने कृषि सलाहकारों एवं पटना सचिवालय से आए कर्मियों के साथ भरपुरा पंचायत भवन व बाकरपुर सामुदायिक भवन में शिविर में उपस्थित होकर वैसे लाभुक जिन्होंने प्रधानमंत्री किसान सम्मन निधि योजना का लाभ उठा रहे हैं वैसे लाभुक शिविर में उपस्थित होकर अपना अपना डीवीडी किसान रजिस्ट्रेशन फार्म,आधार कार्ड का फोटो कॉपी, मोबाइल नंबर स्वयं के नाम से जमाबंदी संबंधित कागजात जमा किया.लगायी गयी शिविर में भरपुरा पंचायत के कुल 455 किसानो में से मात्र 11 जबकि बाकरपुर में लगायी शिविर में 318 में से 28 प्रधानमंत्री किसान योजना के लाभुको ने अपना जमावन्दी क़े प्रपत्र जमा किया है. शिविर में भारी संख्या में किसानों ने उपस्थित हुए लेकिन वैसे भु स्वामी जिनके नाम से जमाबंदी नहीं होने के कारण अधिकांश किसान इस शिविर में अपने प्रपत्र जमा नहीं कर पाये।

भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना द्वारा रजिस्ट्री तैयार करने हेतु शिविर का आयोजन सोनपुर प्रखंड के राजस्व ग्राम भरपुरा पंचायत भवन एवं सामुदायिक भवन बाकरपुर दुधैला में दिनांक 10. 2.25 से 12.2.25 तक सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक किसान रजिस्ट्री कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। वैसे किसान जो प्रधानमंत्री किसान योजना का लाभ उठा रहे हैं ,वैसे किसानों को लगाई गई शिविर में उपस्थित होना अनिवार्य है। अगर वह इस शिविर में उपस्थित होकर अपना रजिस्ट्रेशन नहीं करते हैं तो वैसे किसानों को मिलने वाली लाभ से वंचित कर दिया जाएगा।

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अभी तक मौसम अनुकूल रहने और कोहरा तथा धूंध नहीं होने के कारण खेतों में लगी तेलहन की फसल लहलहा रही है। सरसों के पौधों में पीले पीले फूल खिल जाने से ऐसा लग रहा है जैसे धरती ने पीली चादर ओढ़ ली है। खेतों में सरसों के खिले पीले पीले फूल को देख किसान तो हर्षित हो ही रहे हैं। विस्तार पूर्वक जानकारी के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी खबर।

भारत एक कृषि प्रधान देश है और आज भी यहाँ के 70 प्रतिशत लोग कृषि कार्यों से जुड़े हुए हैं और भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है. इसलिए किसान, भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ और ग्रामीण समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदानकर्ता हैं। देशभर के किसानों को समाज में उनके योगदान के लिए सम्मानित करने और उनकी सराहना करने के उद्देश्य से भारत में हर साल 23 दिसंबर को राष्ट्रीय किसान दिवस मनाया जाता है। इसी दिन भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती भी होती है। साथियों, राष्ट्रीय किसान दिवस के लिए हर साल एक अलग थीम निर्धारित होती है और इस वर्ष यानी 2024 का थीम है "सतत कृषि और ग्रामीण सशक्तिकरण” जिसका उद्देश्य है किसानों को स्थायी कृषि पद्धतियों के महत्व को समझाना और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देना है।

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