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दिघवारा प्रखंड से अजय कुमार कि रिपोर्ट।। मां अंबिका भवानी मंदिर परिषद में अरविंद जी के साथ मोबाइल वाणी की खास बातचीत।।

मां ही तो इस श्रृष्टि की जननी है, माँ ही बच्चे की प्रथम गुरु होती है। माँ बच्चे को शिक्षा, सुविधा क़े साथ संस्कार जरूर दे सोनपुर। भारतीय सनातन धर्म में हर त्यौहार व मनोरंजन का अलग-अलग महत्व है। त्योहार व मनोरंजन मनाने से धार्मिक, सांस्कृतिक, मानसिक चेतना व अच्छे स्वास्थ्य निरोगी काया रहे इसके लिए त्यौहार या लोग आपसी प्रेम बने रहे इसके लिए मनोरंजन या त्यौहार मनाया जाता हैं. ऐसा ही एक आपसी प्रेम व रिस्ता में मजबूती बनी रहे इसके लिए मदर्स डे क़े रूप में हर साल 11 मई को मनाया जाता है । इस खास दिन को लोग अपनी मां को अनेकों प्रकार के उपहार देकर उनका आशीर्वाद लेते और उनके साथ खुशियां मनाते है। सोनपुर प्रखंड के अंतर्गत भरपुरा में मदर्स डे के अवसर पर धूमधाम के साथ कोचिंग सेंटर में मदर्स डे मनाया गया। जिसमें सभी बच्चों क़े उपस्थिति में बृद्ध माँ व बच्चे क़े माँ को बुलाकर मौके पर केक कटवाकर मदर्स डे मनाया गया। मां की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए साक्षी कुमारी ने कहीं कि मां ही तो श्रृष्टि की जननी है। यहां तक कि ईश्वर को भी पृथ्वी पर अवतरित होने के लिए मां की आवश्यकता पड़ी थी। उन्होंने यह भी कहा कि आज कल हमारे समाज में बच्चो को अच्छी खान पान पहनावे,सुविधाएं और भाषा में पाश्चात्य सभ्यता का विस्तार हो रहा है लेकिन संस्कार नहीं देने क़े कारण वही बच्चे बड़ो -छोटे को कद्र नहीं कर रहे है जिसके कारण शिक्षित होते हुए भी अज्ञानता क़े कमी लोगो क़े बीच दर्शाता है। इसलिए हर माँ को चाहिए की शिक्षा क़े साथ बच्चो को संस्कार दे क्योंकि माँ ही बच्चे की प्रथम गुरु होती है। जो संदेश बच्चे को देती है, वही संदेश वह बच्चा दुनिया को देता है। वही शिक्षिका बिभा देवी ने मदर्स डे पर कहीं कि माँ सदैव शिक्षक की भूमिका निभाती है, और उसकी शिक्षाएँ बच्चो क़े पूरे जीवन सफर में मार्गदर्शन का काम करती है। मातृत्व शक्ति के बिना हमारी कल्पना नहीं की जा सकती है। मां व बड़ो को सदैव सम्मान तथा सेवा करने की जरूरत है।बच्चो क़े लिए मां का जीवन सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र उपहार है। उनकी महिमा में उनके प्रेम समर्पण त्याग साथ की अनमोल भावना छिपी होती है। मां का प्रेम असीम, उनका समर्थन - अद्वितीय और उनका समर्पण अद्भुत है। उनकी महिमा में समस्त सृष्टि का सम्मान और प्रेम छुपा हुआ है। उनकी शक्ति संवेदनशीलता और साहस अनगिनत कहानियों में दिखता हैं। मां की महिमा को शब्दों में व्यक्त करना संभव नहीं है।जिस घर में नारी की सम्मान मिलेगी उस घर क़े जीवन खुशहाल होगा। मौके पर उपस्थित रहे अनिल कुमार, गोपाल कुमार,रेशमी देवी,नीलम देवी,बबली देवी,रीना देवी,शुभम कुमार,सूर्या कुमार,सत्यम कुमार, रवि कुमार, आरती कुमारी, लवली कुमारी,साक्षी कुमारी, आकांक्षा कुमारी सहित दर्जनों लोग मौजूद रहे।

सोनपुर कांग्रेस कमेटी के प्रखंड अध्यक्ष बने पंकज सिंह परमार सोनपुर। सोनपुर नगर पंचायत स्थित गांधी आश्रम प्रांगण में कांग्रेस कमेटी की बैठक रविवार को की गई। जिसकी अध्यक्षता कांग्रेस के जिलाध्यक्ष बच्चू प्रसाद बीरु क़े मौजूदगी में हुई। कार्यक्रम का संचालन पंकज सिंह परमार ने किया। इस बैठक में सोनपुर प्रखंड और दिघवारा प्रखंड के कांग्रेस कमेटी के सदस्य मौजूद रहे। बैठक में प्रदेश से दिए गए निर्देश के अनुसार धरातल पर उतारने के लिए पूरे विधानसभा को 6 जोन में बांटा गया है. जिसमें जन समस्याओं को लेकर 19 मई 2025 को जिला अधिकारी की घेराव पर चर्चा की गई। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया की 27 मई 2025 को संविधान सुरक्षा सम्मेलन पर भी चर्चा की गई. गांधी स्वराज आश्रम कांग्रेस कार्यालय सोनपुर को जीर्णोद्धार के लिए चर्चा की गई तथा पूरे प्रखंड के सभी ज्वलंत मुद्दों पर विस्तार रूप से चर्चा की गई। बैठक में पार्टी के जिला अध्यक्ष सहित उपस्थित लोगों के सर्वसम्मति से पंकज सिंह परमार को सोनपुर प्रखंड कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नियुक्ति करते हुए उन्हें फूल माला पहनाकर उनके प्रखंड क्षेत्र के कार्यभार को सौंपते हुए कांग्रेस पार्टी को सोनपुर विधानसभा में मजबूती लाने एवं जन समस्याओं को समय-समय पर उजागर करते हुए शासन प्रशासन को ध्यान आकृष्ट करते हुए उस समस्या का समाधान करने के लेकर भी चर्चा किया गया। बैठक में उपस्थित रहे अजय पंडित,अनिल सिंह वरीय नेता कांग्रेस कमेटी दिघवारा, सतीश चंद्र मिश्र,विमल कुमारनिमलेश, रामेश्वर प्रसाद,राकेश कुमार सिंह, राजकुमार राय,जनार्दन प्रसाद,अजय कुमार सिंह सहित दर्जनों लोग मौजूद रहे।

दिघवारा प्रखंड से अजय कुमार कि रिपोर्ट। सारण जिले में राजनीतिक आर्थिक सामाजिक में पिछड़ा वर्ग लोगों में अभी भी कोई विशेष भागीदारी नहीं।।। मोबाइल वाणी की खास बातचीत राहुल कुमार जी के साथ।।।

सारण जिले से अजय कुमार की रिपोर्ट।।एनिमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के रैंकिंग में सारण जिला को पूरे बिहार में मिला तीसरा स्थान • जिले में एनिमिया के दर को कम करने के लिए चलाया जा रहा है कार्यक्रम • एचएमआईएस डाटा के आधार पर जारी हुआ रैंकिंग • स्वास्थ्य विभाग द्वारा मुफ्त में दी जाती है दवा • एनिमिया मुक्त भारत के इंडेक्स में 99.1 प्रतिशत छपरा। जिले में हर व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचे इसके लिए सरकार और स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध है। स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है। इसका साकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहा है। एनिमिया मुक्त भारत कार्यक्रम की राज्यस्तरीय रैंकिंग में सारण जिला को तीसरा स्थान हासिल हुआ है। मालूम हो कि जिले में अनीमिया के दर को कम करने के लिए अनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम संचालित है. इस कार्यक्रम के तहत विभिन्न आयु समूहों के लाभार्थियों को संबंधित विभागों के द्वारा आयरन फोलिक एसिड का सिरप, गुलाबी एवं नीली गोली का अनुपूरण कराया जा रहा है। यह कार्यक्रम केंद्र सरकार की एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य योजना है, जिसका उद्देश्य सभी आयु समूहों में आयरन की कमी से होने वाले अनीमिया को कम करना है। सारण जिले में इस कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न आयु समूहों को आयरन-फोलिक एसिड की दवा जैसे सिरप, गुलाबी, नीली और लाल गोलियां नियमित रूप से मुफ्त दी जा रही हैं। राज्य स्तरीय रैकिंग में मिला तीसरा स्थान: सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि एचएमआईएस पोर्टल पर दर्ज आंकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2024-25 में जिले का अनुपूरण अच्छादन बेहद संतोषजनक रहा है। 6 से 59 माह के बच्चों में यह 39.9%, 5-9 वर्ष के बच्चों में 108.8%, 10-19 वर्ष के किशोरों में 96.7%, और गर्भवती महिलाओं में 99.1% रहा। अनीमिया मुक्त इंडेक्स के अनुसार जिले को 93.2% स्कोर मिला, जिससे उसे राज्य में तीसरी रैंक मिली है। सिविल सर्जन ने बताया कि अब लक्ष्य है कि जिले को अगले मूल्यांकन में पहला स्थान दिलाया जाए। इसके लिए जनजागरूकता, नियमित अनुपूरण, और स्कूल आधारित निगरानी को और सुदृढ़ किया जाएगा। एनिमिया की दर को कम करने का प्रयास: जिला स्वास्थ्य समिति के डीसीएम ब्रजेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि जिले में एनिमिया की दर को कम करने के लिए एनिमिया मुक्त भारत कार्यक्रम संचालित है। इसमें आईएफए सिरप 6-59 महीने के बच्चों को दो बार प्रदान किया जाता है, आईएफए गुलाबी गोलियां 5-9 साल के बच्चों को प्रदान की जाती हैं, आईएफए नीली गोलियां 10-19 साल के किशोरों को प्रदान की जाती हैं, प्रजनन आयु समूह की महिलाओं को साप्ताहिक रूप से आईएफए लाल गोलियां और गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को 180 दिनों के लिए प्रतिदिन आईएफए लाल गोलियां प्रदान की जाती हैं। सरकार और स्वास्थ्य विभाग की यह पहल इस उद्देश्य को लेकर है कि हर व्यक्ति तक पोषण और स्वास्थ्य सुविधा पहुंचे। जिले में स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, और आशा-सेविकाओं के माध्यम से इस कार्यक्रम को जमीनी स्तर पर क्रियान्वित किया जा रहा है। क्या है एनिमिया: विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनिया की लगभग एक चौथाई आबादी अनीमिया से पीड़ित है जिसमे प्रीस्कूल आयु के लगभग आधे बच्चे शामिल हैं। आयरन की कमी से होने वाला अनीमिया सबसे आम है। बच्चों में अनीमिया से कई बीमारियाँ हो सकती हैं। इनमे थकान एवं कमजोरी, त्वचा का पीला पड़ना, सांस लेने में तकलीफ, विकास संबंधी समस्याएँ आदि हो सकती हैं। अनीमिया की स्थिति गंभीर होने पर यह जानलेवा साबित हो सकता है।

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दिघवारा प्रखंड से अजय कुमार कि रिपोर्ट। अधिक जानकारी के लिए मोबाइल वाणी सुन या डाउनलोड करें।।।