पुलिस सखी, हमारे गांव में सभी स्कूल जाते हैं तो किशोरी बालिका है जो गरीबी के कारण नहीं पढ़ा रहे.

Bina Verma from Kanwar is saying that children should study and everyone must make sure that children study and not get married or get involved in labour

Suraksha Sakhi Gunjan from Bhimnagar Periya is reporting about water supply issues in her community. Water supply is not regular which is why women have to face a lot of trouble. She is seeking her to resolve this problem.

बिना शर्मा, हम लोग शिक्षा समिति प्रबंध का गठन कर सकते हैं, हम अभिभावकों को समझा सकते हैं, उसके बच्चे रोज स्कूल जाए अनुपस्थित नहीं रहे, साफ सफाई का ध्यान रखें, जो बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं उसको भी शिक्षा से जोड़ना चाहिए और अभिभावक मिलकर ग्राम के सरपंच, वार्ड पंच और गांव के जो मुख्य बुजुर्ग, जो समझदार हो, उनको सब को समझाना, एक साथ मीटिंग रखें, अभिभावक बैठक स्कूल में रखी जाती है और हम भी जाते हैं, सब समझाया जाता है और उस प्रबंधक समिति में सब मिलकर मिड दे मील को भी देख सकते हैं कि बच्चों को खाना कैसे बन रहा है, क्या बच्चों को दूध पिलाया जा रहा है, यह सब प्रबंधक समिति वाले देख सकते हैं.

मेरा नाम दुर्गा वैष्णव है मैं कुणादि थाना कोटा से बोल रही हूं अभी मैंने एक केस लिया था नाबालिक लड़की थी तो किसी ने पड़ोसी ने उस को बहला-फुसलाकर के किसी लड़के के साथ 11:00 बजे निकाल दिया था तो मैंने उस चीज का पता लगाकर लड़की को वापस रेस्क्यू किया, कहां पहुंचे कैसे पहुंची क्या है इस तरह से, फिर मैंने उसको घर बुलाया, मैंने उसको समझाया कि बेटा यह बात गलत है और मैंने अपने कुणानि थाने में उसका रिपोर्ट दर्ज किया, लड़की को कुणादि थाना लेकर गयी, जहाँ से उसे नारीशाला भेजा गया फिर तो सोमवार के दिन मीटिंग में उसके फादर को लड़की को दिया गया आज लड़की सुरक्षित है और उसने अपनी पढ़ाई वापस शुरू की है उसने ११वी का पेपर नहीं दिया था लेकिन आज वह पढ़ाई शुरू कर रही है बस मेरा यही संदेश है और मै हर सुरक्षा सखी से यही कहना चाहूंगी कि इस तरह से लड़कियों को मोटिवेट किया जाए और ऐसा कोई भी केस आये तो लड़कियों के साथ अच्छा व्यवहार करते हुए उनको समझाएं उनका सहयोग करें उनकी दोस्त बने ताकि कोई भी लड़की इस तरह से भटके नहीं थैंक यू सो मच, सुरक्षा सखी.

मेरा नाम बिना वर्मा है, पनवाड़ से बोल रही हूं, जो 18 साल से कम उम्र के जो बच्चे होते ना तो उनको बाल श्रम के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आशा बाल विवाह रोकते हैं और उसको बालश्रम से मुक्त करवाते हैं जिससे वह कही मज़दूरी जाता है, छोटे बच्चों में कोई होटल में काम करता हो जैसे कोई गाड़ी के काम करता हो तो हम उस बच्चे को बाल श्रम से छुटकारा दिला सकते हैं यह हमारी जिम्मेदारी है और हम उसके माता-पिता को भी समझा सकते हैं कि देखो उसकी उम्र नहीं हुई है इस को पढ़ाओ , पढ़ने के बाद वह बच्चा आगे बढ़ सकता है, इसलिए सब के सहयोग से गांव के सरपंच साहब के सहयोग से या वार्ड मेंबर के सहयोग से मीटिंग के माध्यम से आंगनबाड़ी के मातृ सम्मेलन से या टीकाकरण के माध्यम से, कहीं से भी हम उसको बालश्रम से मुक्त करा सकते है और यह मेरी सलाह है, बिना वर्मा पनवाड़ से, पुलिस सखी टोंक तहसील देवली।

मेरा नाम ममता है ब्लॉक डूंगरगढ़, हमारे थाने में 24 तारीख को मीटिंग होती है उसमे हम बाल विवाह के बारे में चर्चा करते हैं सुरक्षा वाणी के बारे में चर्चा करते हैं और मैंने आज पुकार की मीटिंग रखी थी उसमे सभी महिलाओं को समझाया, क्योंकि हम किसी के घर पर जाते हैं तो कहते हैं सुरक्षा सखी क्या है, तो उसके बारे में बताया।

Bima Verma is saying that she will stop child marriage with the help of Sur Punch, Ward members, Aangawadi members, Asha members and police. She is also saying that though plays, awareness programmes, mahila mandal meetings, and community meetings she can spread awareness about child marriage and make sure children below the age of 18 never get married.

मै बिना वर्मा, पनवार से, पुलिस थाना देवली तहसील जिला टोंक, मै यह कहना चाहती हूँ मेरा सुझाव है कि कभी भी बाल विवाह नहीं होना चाहिए छोटी उम्र में बच्चों को पढ़ाई नहीं छुड़ाना चाहिए और वह बच्चे स्कूल जाने चाहिए, शिक्षा से वंचित नहीं रहे, अगर घर वाले कि बच्चे या लड़कियों को नहीं पढ़ाते है, बाल श्रम में भेजते है तो तो उन्हें समझाना चाहिए, कि भाई आप इनको पढ़ाओ मजदूरी के लिए मत भेजो, बच्चे पढ़ाई छोड़ के बाहर मजदूरी करना तो गरीबी का कारण है, और वह पढ़ाई छोड़ देते,है और पढ़ाई छोड़ने का कारन एक यह भी है की मृत्यु होने पर मृत्युभोज के लिए लोग कर्ज लेते है ब्याज से, और भी बहुत से ब्याज कर्ज होते है जिसकी वजह से टेंशन की वजह से बच्चे पढ़ाई छोड़ देते है, बेटा और बेटी दोनों में फर्क नहीं करना चाहिए, दोनों को एक सामान समझना चाहिए, अगर बेटे को एक गिलास दूध देते है तो उसी तरह बेटी को भी एक गिलास दूध पिलाना चाहिए, बाल विवाह नहीं होना चाहिए, बाल विवाह की रोकथाम के लिए सरपंच, आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, वार्ड मेंबर, इनको सूचना होनी चाहिए बाल विवाह न होने दे और यदि कही बच्चा होटल में मजदूरी करते दिखे तो उन्हें रोका जाये। धन्यवाद

Gita from Kota, Kunadi thana, is saying that the reason for Child Labour is her father being an alcoholic and their financial condition not being stable and also the fact that her parents are not educated