मेरा नाम बिना वर्मा है, पनवाड़ से बोल रही हूं, जो 18 साल से कम उम्र के जो बच्चे होते ना तो उनको बाल श्रम के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आशा बाल विवाह रोकते हैं और उसको बालश्रम से मुक्त करवाते हैं जिससे वह कही मज़दूरी जाता है, छोटे बच्चों में कोई होटल में काम करता हो जैसे कोई गाड़ी के काम करता हो तो हम उस बच्चे को बाल श्रम से छुटकारा दिला सकते हैं यह हमारी जिम्मेदारी है और हम उसके माता-पिता को भी समझा सकते हैं कि देखो उसकी उम्र नहीं हुई है इस को पढ़ाओ , पढ़ने के बाद वह बच्चा आगे बढ़ सकता है, इसलिए सब के सहयोग से गांव के सरपंच साहब के सहयोग से या वार्ड मेंबर के सहयोग से मीटिंग के माध्यम से आंगनबाड़ी के मातृ सम्मेलन से या टीकाकरण के माध्यम से, कहीं से भी हम उसको बालश्रम से मुक्त करा सकते है और यह मेरी सलाह है, बिना वर्मा पनवाड़ से, पुलिस सखी टोंक तहसील देवली।
मै बिना वर्मा, पनवार से, पुलिस थाना देवली तहसील जिला टोंक, मै यह कहना चाहती हूँ मेरा सुझाव है कि कभी भी बाल विवाह नहीं होना चाहिए छोटी उम्र में बच्चों को पढ़ाई नहीं छुड़ाना चाहिए और वह बच्चे स्कूल जाने चाहिए, शिक्षा से वंचित नहीं रहे, अगर घर वाले कि बच्चे या लड़कियों को नहीं पढ़ाते है, बाल श्रम में भेजते है तो तो उन्हें समझाना चाहिए, कि भाई आप इनको पढ़ाओ मजदूरी के लिए मत भेजो, बच्चे पढ़ाई छोड़ के बाहर मजदूरी करना तो गरीबी का कारण है, और वह पढ़ाई छोड़ देते,है और पढ़ाई छोड़ने का कारन एक यह भी है की मृत्यु होने पर मृत्युभोज के लिए लोग कर्ज लेते है ब्याज से, और भी बहुत से ब्याज कर्ज होते है जिसकी वजह से टेंशन की वजह से बच्चे पढ़ाई छोड़ देते है, बेटा और बेटी दोनों में फर्क नहीं करना चाहिए, दोनों को एक सामान समझना चाहिए, अगर बेटे को एक गिलास दूध देते है तो उसी तरह बेटी को भी एक गिलास दूध पिलाना चाहिए, बाल विवाह नहीं होना चाहिए, बाल विवाह की रोकथाम के लिए सरपंच, आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, वार्ड मेंबर, इनको सूचना होनी चाहिए बाल विवाह न होने दे और यदि कही बच्चा होटल में मजदूरी करते दिखे तो उन्हें रोका जाये। धन्यवाद