मेरा नाम बबली गौतम, गांव घरवारी से बोल रही हूं , मैं सुरक्षा सखी में काम करती हूं और मैं महिलाओं एवं बच्चों से संबंधित सभी जानकारियां डीघ सदर थाने पर देती हूं और उन पर एक्शन भी लिया जाता है.

नमस्ते सर, मैं नीमा उपाध्याय बोल रही हूँ, भरतपुर जिले से, हम सुरक्षा के रूप में कार्य करते हैं और सुरक्षा सखी का हमारा कार्य क्या होता है, समुदाय और पुलिस के बीच में कड़ी, उस कड़ी में हमारे समुदाय में ज़्यादातर बाल विवाह हो रहे है, बाल विवाह अधिक होने के कारण हम सभी सुरक्षा सखियों ने सोचा कि क्यों ना एक लेटर लिखा जाए, इसलिए हमने एक लेटर लिखा है, सभी सुरक्षा सखियों ने लेटर लिखने के बाद, हमने थाने पर सर से हमें मीटिंग का डेट मिला, तो वह लेटर लेकर हम लोग मीटिंग में पहुंचे, आज 6 फ़रवरी का डेट था, तो आज हम मीटिंग में पहुचें, वह लेटर हमने पुलिस थाने में पेश किया, पुलिस ने किया थाने में दिया तो, वह लोग भी बहुत खुश हुए थे, हमारे इस बात को लेकर की चलो समुदाय के कुछ लोग हैं जो बाल विवाह की रोकथाम के लिए कार्य कर रहे हैं, सर ने कहा ठीक है और वह लेटर रख लिया उन्होंने, और बोला हम आपका कार्य करेंगे, साथ साथ हमने यह भी बात कही सर से की हमने अपने गांव में चौपाल रखा है, इस मीटिंग में आप पधारे, आपके आने से हमारे समुदाय के लोग को थोड़ा बहुत जागरूकता मिलेगी, की इससे क्या-क्या समस्याएं हैं, वह कैसे क्यों छोटी बच्चियों की शादी नहीं करनी चाहिए, क्या करना चाहिए, तो सर आपके आने से हमारे समुदाय के लोगों को जागरूकता फैलेगी। तो अब कुछ ही दिनों में हमारे गांव में एक चौपाल रखी गई है, उसमे हमारे गांव के सरपंच, वार्ड मेंबर और प्रधान जी, पुलिस थाने से थानाधिकारी सभी को हमने आमंत्रित किया है, और जहाँ तक वह आएंगे तो बाल विवाह रोकथाम पर हम चर्चा करेंगे।

Tanisha from Bajju thana of Bikaner district, She is Suraksha Sakhi member saying "in our community many facilities have been done, like; road light installed, water fitting and increased patrolling etc."

हेलो, मेरा नाम अर्चना यादव है, मैं भरतपुर डिस्ट्रिक्ट के कामा थाने में सुरक्षा सखी के रूप में कार्य करती हूं, हमारी सुरक्षा सखी की मंथली मीटिंग होती है, जिसमे हमने कुछ सुझाव दिए थे महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा के लिए, तो उसपर पुलिस ने बहुत अच्छे से कार्यवाही की है, और हम उनके कार्यो से बहुत खुश है, हमने महिलाओं के लिए कुछ ऐसी सार्वजनिक स्थल है जहाँ पर उनको असामाजिक तत्वों की वजह से दिक्कत होती थी, उसके लिए सुझाव पुलिस को दिया, कुछ हमारे यहाँ पर जो लड़कियाँ है, गर्ल्स स्कूल है, कॉलेज है, गर्ल्स की, वहां पर छुट्टी के टाइम पर दिक्कत होती है बच्चियों को घर आने जाने में, तो हमने पुलिस को सुझाव दिया की, छुट्टी के टाइम पर बच्चियों के स्कूल और कॉलेज के आस पास, पुलिस की ड्यूटी लगायी जाये, जिससे की बच्चियों के साथ में जो समस्या होती है छेड़छाड़ की उस पर प्रतिबन्ध लगाया जाये। पुलिस ने हमारे इस कार्य को बखूबी बहुत अच्छे से किया, और इस कार्य से भी हम बहुत खुश है, हमारे कार्यक्षेत्र में जो थाना आता है उसके जो थानाधिकारी हैं वह अपनी कार्य बहुत ही अच्छे से करते है, और जिस प्रकार हमारे यहाँ के थानाधिकारी हमारी समस्याओं को सुनकर उनका निवारण करते है, अगर ऐसे ही समस्याओं का निवारण हर पुलिस थाना क्षेत्र में किया जाए तो वह समय दूर नहीं जब हमारे यहां पर जो कानूनी अपराध होते हैं सामाजिक जो अपराध होते हैं, उनको जल्दी से बहुत कम किया जा सकता है और इसके लिए हम सभी को मिलकर कार्य करना होगा महिलाओं के लिए खासकर बच्चियों के लिए महिलाओं के क्षेत्र में हम सुरक्षा सखियों को इस कार्य के लिए नियुक्त किया गया ताकि हम अपनी सामाजिक स्तर पर जो भी समस्याएं हैं, जो हमारे आसपास में माहौल में जो भी हो रहा है उसको हम अच्छे से पुलिस के सामने रख सके और उन समस्याओं का समाधान करवा सके, इसके लिए सुरक्षा सखियों को बहुत ही सक्रियता से कार्य करना होता है तो हमारे द्वारा जो भी समस्याओं से पुलिस को अवगत कराया जाता है, अभी तक हम मीटिंग में जो भी समस्या रखते हैं उसका बहुत ही अच्छे से निवारण किया जाता है, जिससे हम बहुत ही खुश है और इस प्रकार महिलाओं के लिए बच्चियों के लिए अगर ऐसा कानून कार्य करता रहा तो एक दिन महिलाये अपने आपको समाज में बहुत अच्छे से आगे बढ़ा सकती हैं पढ़ाई करने के क्षेत्र में, और इसके लिए हमें महिलाओं को सबको मिलकर कार्य करना होगा।

मेरा नाम प्रीति है, मैं राजगढ़ अलवर से सुरक्षा सखी हेड बोल रही हूँ, सर्वप्रथम यही मेरे को पता चलता है या मेरी टीम को पता चलता है की कही पर बाल विवाह हो रहा है सर्वप्रथम तो मैं उनको जाकर समझाऊ, मेरी टीम को लेकर साथ में लेकर जाऊ और उसके माता-पिता को समझो की कितना हानिकारक है बच्ची के लिए, बच्ची कितनी परेशान हो सकती है इससे बच्चे के शारीरिक व मानसिक दोनों पर प्रभाव पड़ सकता है यदि वह समझते हैं तो ठीक है नहीं तो मैं थाने में जाकर पुलिस की मदद ले सकती हूँ, और उसके बाद मेरा काम खत्म होता है और उसके बाद पुलिस अपना एक्शन ले सकती है,

Transcript Unavailable.

मेरा नाम गिरिजा शर्मा है और मैं दादाबाड़ी से बिलोंग करके बोल रही हूँ, बाल विवाह एक ऐसी बीमारी है, बाल विवाह को करने से बच्चे का जीवन खराब हो जाता है, बच्ची पढ़ नहीं पाती है और हमारी जो सुरक्षा सखी का जो मुहीम चलाया है इसको घर-घर जाकर अपनी समुदाय में दे के, अपने आसपास वालों में देकर इस बाल विवाह को रोकना चाहिए, थैंक यू.

मेरा नाम गीता है, मैं गांव बसेड़ी जिला भरतपुर तहसील सेवर से बोल रही हूं, मैंने अपने गांव में बाल विवाह रुकवाने के लिए बहुत कदम उठाये थे, अपने गांव में 10- 10 महिलाओं का समूह बनाया है उसमें बच्चों को भी शामिल किया और सबको जानकारी बताया कि हमें बाल विवाह के खिलाफ कैसे काम करना है महिलाओं के सहयोग और उन बच्चियों के सहयोग से हमने अपने गांव से कई बाल विवाह रुकवाए हैं, उनमे हम आपस में बातचीत करते थे, 10-15 दिन में मीटिंग भी रखते थे, उसमें यह जानते थे की किस-किस के यहां शादी है उसमें कौन-कौन सी बच्चों की शादी हो रही है तब हमें पता चलता था कि हमारे गांव में बाल विवाह हो रहे हैं तो हम सारी लेडीज़ मिलकर अपने ग्रुप बनाया था, उनको साथ लेकर उनके घर वालों से बात करते थे उनके घर वालों को समझाया कि बाल विवाह एक कानूनी अपराध है इसमें आप समझो आपकी बच्ची को कितने कष्ट सहन करने पड़ेंगे उनकी छोटी उम्र में शादी करने से बहुत बुरे प्रभाव पड़ते हैं , और हमने बताया कि बच्चों को पढ़ने दो, आगे बढ़ने दो, इस प्रकार हमने अपने गांव में बहुत सारे बाल विवाह रुकवाए थे.

हेलो मेरा नाम गुंजन है मैं सुरक्षा सखी से बोल रही हूं हम लोगों ने सुरक्षा सखी की सारी महिलाओं ने मिलकर यह जो आदर्श विद्या निकेतन स्कूल है उसका एक मुद्दा उठाया था यहां पर गलियों में लड़के बैठे हुए रहते हैं आती जाती लड़कियों को छेड़छाड़ करते हैं यह मुद्दा लेकर हम लोग थाने पर गई थी तो पुलिस के द्वारा हम लोगों ने इस मुद्दे को पुलिस के द्वारा हमने यहां से ही इस रास्ते को सुरक्षित बनाया।

नमस्ते दोस्तों मैं किशनपुरा से, हम लोगों ने मीटिंग रखा था जो खतरों की जगह पर मुद्दे निकल कर आई थी, स्कूल के पास में जो मुद्दे रखे थे हम लोगों ने, तो वहां पर हम लोगों ने मीटिंग किया था, 10 - 12 सुरक्षा सखियों ने ने एक साथ मिलकर के और हमने उस खतरे की जगह पर मथुरा गेट थाने पर भी रखा था तो वहां पर मीटिंग में उन्होंने भी हमारी समस्या को सुना था और हम ने इस समस्या को लेकर के काफी पहले से मीटिंग रखी थी और उसके बाद में बाल विवाह पर भी हमने संदेश भेजा था और जगह-जगह हम सरपंचों से बात भी की थी और बात करने के बाद में उन बाल विवाह के बारे में संशोधन किया था और जो खतरों को पहचानने की हम सुरक्षा सखियों ने अपनी बैठक पर सभी समुदाय की महिलाओं को बुला करके और उनके साथ में मीटिंग की जिससे कि उनको उन खतरों के बारे में पता चल सके और वह महिलाएं हमें उन जिस किसी बालिका के साथ में बाल विवाह की कोई समस्या है तो वह हमें आ करके हमें बता सकें, हम जा कर के उन समस्याओं को सभी के सामने बताएं और उनको पहचान मिल सके और इस बात को हमें अपने समुदाय में सरपंचों के साथ में पार्षद मेंबर के साथ में मीटिंग रखा था और इस समस्या का समाधान हुआ नमस्ते दोस्तों।